केंद्रीय शिक्षा कौशल विकास मंत्री बोले- आइआइटी का गंगवाल स्कूल देगा देश को सस्ते मेडिकल उपकरण
कानपुर में केंद्रीय शिक्षा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रखी स्कूल व सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला। उन्होंने कहा कि आइआइटी का गंगवाल स्कूल देश को सस्ते मेडिकल उपकरण देगा। दो साल में भवन बनाने का लक्ष्य मरीजों को इलाज के साथ टेलीमेडिसिन की भी सुविधा मिलेगी।
कानपुर, जागरण संवाददाता। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगवाल स्कूल ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी और यदुपति सिंघानिया सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना अगले 2 वर्षों में होगी। देशभर में लोगों को सस्ते मेडिकल व क्लीनिकल उपकरणों के साथ ही इलाज सर्जरी व टेली मेडिसिन की सुविधाएं भी आसानी से मिल सकेगी।
इस पूरी परियोजना में करीब 650 करोड़ रुपये का खर्च आने की उम्मीद है। शनिवार सुबह केंद्रीय शिक्षा कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्कूल और अस्पताल की आधारशिला रखते हुए यह जानकारी दी। कार्यक्रम में स्कूल के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए का दान देने वाले इंडिगो एयरलाइंस के सह संस्थापक राकेश गंगवाल, अस्पताल के निर्माण के लिए 60 करोड़ का दान देने वाले जेके ऑर्गेनाइजेशन के उपाध्यक्ष निधि पति सिंघानिया, उनके परिवार के सदस्य व अन्य प्रमुख दानदाता भी मौजूद रहे।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल में जब अपना देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो ऐसे में आइआइटी की ओर से की गई इस शुरुआत ने चार चांद लगा दिए हैं।
उन्होंने कहा कि 2 साल में स्कूल और अस्पताल बनकर तैयार करने का लक्ष्य है और 2 साल बाद भव्य समारोह में लोकार्पण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्कूल बस पाताल के निर्माण में संसाधनों की कोई समस्या नहीं आएगी। संस्थान शिक्षकों ने यह दिखा दिया है कि इच्छाशक्ति हो तो कोई भी कार्य मुश्किल नहीं होता।
आईआईटी कानपुर हमेशा से ही समाज और उसमें रहने वाले नागरिकों की चिंता करता है और जो समाज की चिंता करता है भगवान उसके बारे में सोचता है।
उन्होंने कहा कि आईआईटी ने कोरोनावायरस के दौर से ही कई अभूतपूर्व काम किए आईआईटी ने ही सूत्र मॉडल बनाया। जिसने महामारी के दौर में वायरस की प्रसार की गति का आकलन करके स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने में मदद की।
कचरे से ईंधन बनाने पर भी शुरू करें कार्य : केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में अपना देश ऊर्जा उपभोग करने के मामले में तीसरे स्थान पर है। लेकिन जिस तरह से उर्जा की खपत बढ़ी है उससे अगले 10 साल में अपना देश विश्व का नंबर एक एनर्जी कंजूमर बन जाएगा।
इसीलिए प्रधानमंत्री ने कहा है वेस्ट टू वेल्थ। देश में करीब 600 टन कचरा हर साल निकलता है। अगर इस कचरे को बायोमास बनाकर ऊर्जा में बदला जा सके तो यह बहुत बड़ी कामयाबी होगी विज्ञानियों को इस दिशा में अब प्रयास करना चाहिए। ताकि जो देश 14 लाख करोड़ रुपए कच्चे तेल के लिए खर्च कर रहा है उसमें भी बचत हो सके।
नई शिक्षा नीति के लिए विशेषज्ञों से मांगी मदद : केंद्रीय मंत्री ने आइआइटी के विशेषज्ञों व प्रोफेसरों से नई शिक्षा नीति में भी सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वाह कक्षा 6 से बच्चों को नई शिक्षा नीति के तहत दिशा देने के लिए कार योजना बना रहे है। इसमें आइआइटी भी अपना योगदान करे।
यहां के प्रोफेसर व विद्यार्थी ने मिलकर डिजिटल किट बनाई है जिसकी मदद से बच्चों को एक क्लिक पर संपूर्ण पाठ्य सामग्री उपलब्ध हो जाती है। संस्थान को या कोशिश करनी चाहिए कि यह किट सभी प्राइमरी बेसिक माध्यमिक स्कूलों के बच्चों को भी कम कीमत पर मिल सके।
ड्रोन को आम आदमी की जरूरत से जोड़ें विज्ञानी : केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि की आइआइटी की ड्रोन तकनीकी की भी पूरे देश में सराहना हो रही है। यहां के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षक व विद्यार्थियों ने अत्याधुनिक ड्रोन विकसित किए हैं। जो सर्विलांस हुआ ट्रांसपोर्टेशन में भी काम आ रहे हैं अब संस्थान को प्रयास करना चाहिए कि यह ड्रोन आम लोगों की जिंदगी में भी सहूलियत दे सकें।
राकेश गंगवाल बोले, 500 रुपये में ली थी आइआइटी से डिग्री : स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस की स्थापना के लिए आईआईटी को 100 करोड़ों रुपए का दान देने वाले इंडिगो एयरलाइंस के सह संस्थापक राकेश गंगवाल ने बताया कि जब उन्होंने बीटेक किया था, तब मासिक फीस साढ़े 12 रुपये थी। इस तरह से उन्होंने ₹500 खर्च करके आइआइटी की प्रतिष्ठित डिग्री ली थी।
आज बच्चे दो से ढाई हजार डॉलर खर्च करते हैं। लेकिन बच्चो को यह याद रखना चाहिए कि जिस संस्थान ने उन्हें बनाया, उसके लिए हमेशा करते रहें। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि छात्र आर्थिक रूप से ही मदद करें वह अपने अन्य कार्यों से भी संस्थान की सेवा कर सकते हैं।