यूपी के इस जिले में 10 वर्ष पुरानी परियोजना अब पटरी पर, ट्रांसगंगा सिटी पुल निर्माण को 730 करोड़ स्वीकृत
उत्तर प्रदेश के कानपुर में ट्रांसगंगा सिटी पुल परियोजना, जो 10 साल से रुकी थी, अब 730 करोड़ रुपये की स्वीकृति के साथ फिर से शुरू होगी। इस पुल के निर्म ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। वीआईपी रोड को सीधे उन्नाव स्थित ट्रांसगंगा सिटी से जोड़ने वाले वाई-आकार पुल परियोजना को आखिरकार 10 साल बाद शासन से हरी झंडी मिल गई। बुधवार को वित्त व्यय समिति ने 730 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान करते हुए पुल निर्माण के रास्ते को साफ कर दिया है। यह पहला अवसर है जब समिति ने ट्रांसगंगा सिटी पुल निर्माण को आधिकारिक बजट मंजूरी दी है। यूपीसीडा द्वारा संशोधित बजट प्रस्ताव भेजे जाने के बाद समिति ने स्वीकृति जारी की है। सेतु निगम के महाप्रबंधक धर्मवीर सिंह ने बताया कि शासनादेश जारी होते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
वर्ष 2015 से ट्रांसगंगा सिटी पुल निर्माण की रूपरेखा तैयार हो रही थी। पहले सरसैया घाट से पुल निर्माण को स्वीकृति मिली थी, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने जाम का हवाला देते हुए डिजाइन बदलने का अनुरोध शासन से किया। जिसके बाद दोबारा से पुल निर्माण के लिए रानीघाट और धोबीघाट से पुल निर्माण का डिजाइन तैयार किया गया। यहां पर पंपिंग स्टेशन के पास बने 33 आवासों को निष्प्रयोज्य भी घोषित कर दिया गया है।
लोक निर्माण विभाग की ओर से किए गए सर्वे के अनुसार ये आवास पुल की रूपरेखा में बाधक हैं और इन्हें हटाना अनिवार्य है। इनकी जगह नए आवास भैरोघाट के पास बनाए जाएंगे, जिनकी लागत 13 करोड़ रुपये अनुमानित है। पीडब्ल्यूडी निर्माण खंड के सहायक अभियंता राहुल सिंह ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट पूरी कर ली गई है और नए आवासों के निर्माण का प्रस्ताव जल निगम को भेज दिया गया है। मुख्यालय से स्वीकृति मिलते ही ध्वस्तीकरण और निर्माण प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
दस वर्ष पुरानी परियोजना अब पटरी पर
ट्रांसगंगा सिटी को वीआईपी रोड से जोड़ने के लिए प्रस्तावित यह पुल पिछले दस वर्षों से कागजों में अटका हुआ था। साल 2024-25 के दौरान यूपीसीडा बोर्ड की बैठकों में संशोधित बजट और डीपीआर को कई चरणों में परखा गया। इसी वर्ष अप्रैल में यूपीसीडा बोर्ड ने 799 करोड़ रुपये का संशोधित बजट अनुमोदित कर शासन को भेजा था। जून में वित्त व्यय समिति ने कुछ आपत्तियों के साथ प्रस्ताव वापस कर दिया था। यूपीसीडा ने आपत्तियों का निस्तारण करते हुए दस्तावेज दोबारा से प्रस्तुत किए। अब संशोधित बजट को अंतिम मंजूरी वित्त व्यय समिति से मिली है।
चार किलोमीटर लंबा होगा वाई-आकार का पुल
सेतु निगम की रिपोर्ट के अनुसार पुल की कुल लंबाई चार किलोमीटर होगी, जिसमें करीब 1825 मीटर हिस्सा गंगा नदी के ऊपर रहेगा। पुल की शुरुआत रानीघाट जलकल पंपिंग स्टेशन से होगी और आगे धोबीघाट तक पहुंचेगी। ट्रांसगंगा सिटी के गेट नंबर दो से लगभग चार सौ मीटर पहले दोनों ओर से आने वाला पुल मिलकर फोरलेन मार्ग में तब्दील हो जाएगा। इससे भारी वाहनों और आवागमन का दबाव भी नियंत्रित रहेगा। पुल निर्माण पूरी होने पर वीआईपी रोड से ट्रांसगंगा सिटी तक पहुंचने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। वर्तमान में गंगा पार आने-जाने में जहां लंबा रूट लेना पड़ता है, वहीं नया पुल आवागमन को तेज और सुगम बनाएगा। ट्रांसगंगा सिटी में औद्योगिक निवेश के लिहाज से भी यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है।
वित्त व्यय समिति ने ट्रांसगंगा सिटी पुल निर्माण 730 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत कर दिया है। अब कैबिनेट मीटिंग से स्वीकृति के बाद शासनादेश जारी होगा। शासनादेश जारी होने के बाद टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
धर्मवीर सिंह, महाप्रबंधक, सेतु निगम

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