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    High Court के आदेश पर LLR Kanpur में जांच करने पहुंची टीम,  बाल रोग विभाग की सिस्टर ने लगाए थे ये आरोप

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 07:37 PM (IST)

    हाईकोर्ट के आदेश पर गठित तीन सदस्यीय टीम ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग का निरीक्षण किया। यह निरीक्षण सिस्टर रिंकू सिंह की जनहित याचिका पर आधारित था, जिसमें उन्होंने ड्यूटी में रुपये लेने और बाहर की दवा मंगाने जैसे आरोप लगाए थे। टीम ने इमरजेंसी, सुपर स्पेशलिस्ट ब्लॉक और वार्डों का दौरा कर मरीजों और उनके अभिभावकों से जानकारी हासिल की।      

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    एलएलआर अस्पताल के बाल रोग विभाग का निरीक्षण करती शासन द्वारा गठित टीम के साथ प्राचार्य प्रो.संजय काला व अन्य । जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बाल रोग विभाग की सिस्टर रिंकू सिंह की हाईकोर्ट में जनहित याचिका पर शासन की ओर से गठित तीन सदस्यीय टीम ने निरीक्षक कर जनहित याचिका में उठाए गए बिंदुओं पर पड़ताल की। जांच टीम बाल रोग अस्पताल में डाक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी लगाने में रुपये लेने व मरीजों से बाहर की दवाएं मंगाने सहित कई आरोप लगाए गए थे।

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    जांच टीम ने इमजरेंसी, सुपर स्पेशलिस्ट ब्लाक और वार्ड नंबर एक में भी निरीक्षण कर जांच-पड़ताल की। करीब छह माह बाल रोग विभाग की सिस्टर रिंकू सिंह को बांदा स्थानांतरित कर दिया गया था। इसके विरोध में सिस्टर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। जिस पर डीजीएमई की ओर से गठित टीम ने जांच की।


    सोमवार को जांच टीम में शामिल अपर निदेशक डीजीएमई डा. आलोक कुमार, उरई मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. अरविंद त्रिवेदी व कन्नौज मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. सीपी पाल ने सबसे पहले बाल रोग विभाग के पीआइसीयू और वार्ड का निरीक्षण किया। वार्ड में भर्ती बच्चों के अभिभावक से बातचीत करके बाहर से दवा मंगाने की जानकारी हासिल की व भर्ती बच्चों की फाइल का देखा।

    टीम के सदस्यों ने दवा कहां से लाते हैं, डाक्टर देखने आते हैं या नहीं, नर्सिंग स्टाफ केयर करता है या नहीं आदि की जानकारी हासिल की। इसके बाद दवा भंडार रूम, नर्सिंग कार्यालय, ड्यूटी रजिस्टर की वीडियोग्राफी कराई। जांच टीम ने सुपर स्पेशलिस्ट ब्लाक, इमरजेंसी और वार्ड नंबर एक में भर्ती मरीजों से भी बात की।

    जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. संजय काला ने बताया कि सिस्टर रिंकू सिंह पर कई शिकायत के बाद कार्रवाई की गई थी। शिकायत के बाद गठित जांच टीम के दोषी साबित करने के बाद बांदा स्थानांतरित करने के लिए पत्राचार किया गया था। शासन की टीम के साथ एलएलआर अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके सिंह, बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. एसके गौतम, बाल रोग विशेषज्ञ डज्ञ. आरपी सिंह, डा. अमितेश यादव आदि उपस्थित रहे।