एक रुपया... पीले कर रहा बेटियों के हाथ, टीचर्स सेल्फ केयर टीम की नेक पहल में 257 बेटियों की हुई शादी
कानपुर में टीचर्स सेल्फ केयर टीम की अनूठी पहल, दिवंगत शिक्षकों के परिवारों की मदद के बाद अब शिक्षकों की बेटियों की शादी में भी आर्थिक सहयोग कर रही है। ...और पढ़ें

विवेक मिश्र, कानपुर। कोरोना काल में एक-एक रुपये जोड़कर दिवंगत शिक्षक साथियों के स्वजन की मदद की नेक पहल अब शिक्षकों की बेटियों के भी हाथ पीले करा रही है। जी हां, एक रुपया... आप सोचेंगे कि एक रुपया भला किसी बेटी की शादी में कैसे मददगार बन सकता है, लेकिन यह सोलह आना सच है।
आर्थिक मदद का यह मंत्र टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) की कन्यादान-महादान मुहिम से फलदायी हुआ है। इस एक रुपये की सहयोग राशि ने समाज को प्रेरित करने के नए अध्याय की शुरुआत भी की है। इसमें प्रत्येक आवेदक शिक्षक के हिसाब से टीम के सदस्य एक रुपया देते हैं। फिर इकट्ठा धनराशि से उस परिवार को जरूरत के आधार पर आर्थिक मदद की जाती है।
नवंबर, 2025 से शुरू हुई मुहिम में प्रदेश भर से 51,427 ने 257 बेटियों के विवाह के प्रत्येक आवेदन पर एक-एक रुपये के हिसाब से 257 रुपये के स्थान पर अधिक धनराशि भी दे दी, जिससे 1.41 करोड़ रुपये इकट्ठे हुए। इस राशि से कानपुर नगर में विकास खंड बिधनू की शिक्षिका नलिनी श्रीवास्तव व पतारा की आफरीन बानो की बेटियों की शादी में भी 55–55 हजार रुपये की मदद मिली।
वर्ष 2020 में इस पहल की शुरुआत प्रयागराज के शिक्षक एवं टीसीएसटी के संस्थापक विवेकानंद ने की थी। काेरोना के समय वह और उनके साथी शिक्षक सुधेश पांडेय, संजीव रजक ने जब दिवंगत साथियों के स्वजन की पीड़ा देखी तो मन में उनकी मदद करने की बात आई। तब कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर समेत लगभग 20 जिलों के 150 से अधिक शिक्षक पहली बार इसमें जुड़े।
उसी नेक पहल में अब वर्तमान में प्रदेश के 4.50 लाख से ज्यादा शिक्षक सदस्य के रूप में जुड़ चुके हैं। हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड समेत दूसरे राज्यों में भी मुहिम पहुंच रही है। कोरोना से अभी तक 456 दिवंगत शिक्षकों के स्वजन को भी लगभग 197 करोड़ रुपये की मदद की जा चुकी है।
टीएससीटी के कानपुर नगर के जिला संयोजक सुनील कुमार वर्मा व मीडिया प्रभारी अनूप कुमार ने बताया कि नवंबर से शादी के लिए मदद की पहल में जिले के 724 शिक्षकों ने धनराशि दी। भविष्य में प्रत्येक बेटी के विवाह में पांच लाख रुपये तक का शगुन देने का लक्ष्य है। शिक्षिका नलिनी ने बताया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि शिक्षक व उनके परिवार के हित में सहयोग करने को कोई आगे आएगा। संस्था से मिले आर्थिक सहयोग से खुश हैं। शिक्षिका आफरीन ने कहा कि बेटी की शादी की सूचना पर संस्था के पदाधिकारियों ने सहयोग राशि दी।
यह साधारण शर्तें लागू
-शिक्षक को दो साल से संस्था का सक्रिय सदस्य होना चाहिए।
-संस्था द्वारा जारी किए जाने वाले सहयोग अलर्ट में सहभागी हो।
ऐसे आवेदन और मिलती मदद
जिलेवार टीएससीटी के व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से प्रत्येक माह एक से 10 तारीख के बीच बेटियों की शादी की जानकारी मांगी जाती है। आवेदक शिक्षक को फार्म भरकर नाम, पता, मोबाइल नंबर, शादी की तारीख, स्थान व शादी का कार्ड देना होता है। इसके बाद जिला इकाई प्रदेश के पदाधिकारियों को आवेदन भेजते हैं। फिर टीएससीटी की वेबसाइट व एप के माध्यम से सहयोग अलर्ट जारी होता है। इसमें कुल आए आवेदनों की संख्या बताकर एक रुपये का ऐच्छिक सहयोग मांगा जाता है। शिक्षक अपने मन से अधिक राशि भी दे सकते हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।