22 दिन में कोरोना को मात देकर तुलसीपीठ लौटे स्वामी रामभद्राचार्य, अनुयायियों में खुशी की लहर
आधी रात तुलसीपीठ में जगदगुरु के पहुंचते ही लोगों ने फूलों से स्वागत किया छात्र रोजाना भगवान कामतानाथ से दीर्घायु की कामना के लिए प्रार्थना कर रहे थे। ...और पढ़ें
चित्रकूट, जेएनएन। कोरोना से जंग जीतकर जगदगुरु स्वामी रामभद्राचार्य लखनऊ एसपीजीआई से डिस्चार्ज हाेने के बाद तुलसीपीठ पहुंचे तो लोगों ने फूलों से स्वागत किया। कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें 22 दिन पहले लखनऊ एसजीपीजीआइ में भर्ती कराया गया था। उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास के साथ वह आधी रात तुलसीपीठ पहुंचे।
तुलसीपीठ के संस्थापक और विकलांग विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामभद्राचार्य को कोरोना संक्रमित होने पर 22 अगस्त को लखनऊ स्थित पीजीआई में भर्ती कराया गया था। सांस लेने में दिक्कत होने पर उन्हें आईसीयू में भी शिफ्ट किया था। दो लगातार कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद शनिवार की रात उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी गई तो वह आचार्य रामचंद्र दास के साथ रात एक बजे तुलसीपीठ पहुंचे। उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होने के साथ ही डायबिटीज समेत अन्य जांच रिपोर्ट सामान्य पाई गई थी।
आचार्य रामचंद्रदास ने कहा कि रघुनाथ जी की कृपा से शनिवार को जगदगुरु कोरोना को मात देकर एसपीजीआइ लखनऊ से डिस्चार्ज हो गए। गुरुदेव को भगवान श्रीराम निरंतर स्वस्थ एवं दीर्घायु करें। उनके माध्यम से हमारा सनातन धर्म संपूर्ण विश्व में अपना परचम फहरा सके। उन्होंने गुरुदेव के स्वस्थ होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ समेत डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ़, स्वच्छाग्रही को धन्यवाद दिया है।
स्वामी रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय में आजीवन कुलाधिपति गुरुदेव के स्वस्थ होकर तुलसीपीठ लौटने में छात्र, छात्राओं में खुशी की लहर है। प्रशासनिक अधिकारी मनोज पांडेय ने कहा कि विवि का प्रत्येक छात्र प्रतिदिन भगवान कामतानाथ से गुरुजी के स्वस्थ होने की कामना कर रहे थे, जिससे आज गुरुजी स्वस्थ होकर सभी के बीच हैं।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।