Kanpur News: कानपुर में कुत्तों का आतंक, सड़कों पर घूम रहे 1.3 लाख, हजारों लोगों को बनाते निशाना
कानपुर की सड़कों पर 1.3 लाख कुत्तों का आंतक है। आश्रय के लिए 70 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। अब तक 32 हजार कुत्तों का ही नगर निमग कर बंध्याकरण कर पाया है। कुत्तों की वजह से बच्चे और बुजुर्ग तक शिकार हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद लोगों को राहत की आस जगी है।

राहुल शुक्ल, जागरण, कानपुर। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के निर्णय के बाद के बाद शहर की प्रमुख समस्या बन चुके आवारा कुत्तों से राहत मिलने उम्मीद जागी है। इनसे सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को रहता है। कई इलाकों में तो इनके आतंक से वे अकेले घर से बाहर तक नहीं निकल पा रहे हैं। इसके अलावा रात के समय सड़कों और पार्कों में इनके हमला करने का खतरा बना रहता है।
कानपुर में (Kanpur) बीते साल आवारा कुत्तों ने 32 हजार लोगों को निशाना बनाया था। नगर निगम के मुताबिक, 1.3 लाख आवार कुत्ते सड़कों पर लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। एक कुत्ते को रखने के लिए चार वर्ग मीटर जगह की जरूरत होती है। ऐसे में सभी कुत्तों का आश्रय स्थल बनाने के लिए करीब 70 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। वहीं, नगर निगम अब तक केवल 32 हजार कुत्तों का ही बंध्याकरण कर पाया है।
शीर्ष कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए फैसला दिया है कि आवारा कुत्तों को पकड़कर बंध्याकरण के बाद आश्रय स्थलों में रखा जाए। इस काम में बाधा डालने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जबकि अभी तक, अभी बंध्याकरण के बाद जहां से आवारा कुत्तों को पकड़ा जाता था वहीं छोड़ा जाता था। लेकिन, बंध्याकरण की धीमी रफ्तार लोगों के परेशानी का सबब बन रही है।
हर माह करीब 18 सौ कुत्तों का बंध्याकरण करने का दावा करने वाला नगर निगम अब तक सिर्फ 32 हजार कुत्तों का ही बंध्याकरण कर पाया है। ऐसे में वे दिन प्रति दिन हमलावर होते जा रहे है। हालत यह है कि लोग दोपहर या रात के समय सन्नाटा होने पर इनके आंतक से सड़क से निकलने तक में डरते हैं। सबसे ज्यादा समस्या स्वरूप नगर, आर्यनगर, मरियमपुर चौराहा दर्शनपुरवा, रामबाग, आरके नगर, गांधी नगर, जवाहर नगर, ईदगाह, परेड चौराहा, परमट, फेथफुलगंज, छपेड़ापुलिया, नमक फैक्ट्री चौराहा आदि क्षेत्रों में है।
इन नस्ल के कुत्तों पर पाबंदी
नगर निगम की ओर से पिटबुल और राड वीलर जैसे विदेशी नस्ल के कुत्तों को पालने पर रोक लगा रखी है। इनकी हिंसक प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ये प्रतिबंध लगाया है। साथ ही जिनके पास पहले से इन नस्लों के कुत्ते मौजूद हैं उन्हें रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही हलफनामा देना होगा। आदेश नहीं मानने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। वर्तमान समय में 21 सौ कुत्तों का पंजीकरण हो चुका है।
पालतू कुत्तों के लिए बनाया जा रहा डाग पार्क
नगर निगम पालतू कुत्तों के लिए डाग पार्क बनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें कुत्तों के खाने का सामान मिलेगा और टहलने की सुविधा होगी। साथ ही पालतू कुत्तों का पंजीकरण कराया जा रहा है। इसके लिए जगह की तलाश की जा रही है।
कुत्ता पालन के नियम
नगर निगम में कुत्ते का पंजीकरण कराया जाए। देशी कुत्तों का तीन सौ रुपये और विदेशी कुत्तों का पांच सौ रुपये में लाइसेंस बनता है। हर साल इसका नवीनीकरण भी करना होता है। इससे कुत्ते की पहचान हो जाती है। यदि वह खो जाता है तो उसे ढूंढना आसान हो जाता है।
पंजीकरण के ये हैं लाभ
- पंजीकरण से यह सुनिश्चित होता है कि आपके कुत्ते को सभी आवश्यक टीके लगे हैं और वह स्वस्थ है।
- पंजीकरण से यह भी पता चलता है कि आप अपने कुत्ते के प्रति जिम्मेदार हैं और उसकी देखभाल करने के लिए तैयार हैं।
- पंजीकरण के लिए कुत्ते का टीकाकरण प्रमाण पत्र, आपका पहचान प्रमाण पत्र और पते का प्रमाण पत्र आवश्यक होगा।
- कुत्ते को सुरक्षित रखने के लिए, उसे हमेशा एक पट्टे पर रखें।
- कुत्ते को नियमित रूप से पशुचिकित्सक के पास ले जाएं और उसे सभी आवश्यक टीके लगवाएं।
अब तक हुई घटनाएं
- सरसैया घाट में पिटबुल कुत्ते ने गाय पर हमला कर दिया था।
- किदवईनगर ओ ब्लाक और लाजपतनगर में विदेशी नस्ल के कुत्ते ने दो लोगों को घायल कर दिया था।
- विकास नगर में पालतू कुत्ते ने अपनी मालिकन पर हमला करके मार दिया था।
- ग्वालटोली में पागल कुत्ते ने एक स्कूल में बच्चों व शिक्षक को काट लिया था। बाद में नगर निगम ने कुत्ता पकड़ा।
- मरियमपुर में वाहन चालक पर हमला कर पिता व बच्चे को काट लिया था।
- शास्त्रीनगर, पीरोड, रामबाग, सरसैया घाट समेत कई जगह कुत्ते लोगों को काट चुके हैं।
शासन के दिशा निर्देश मिलते ही आश्रय स्थल बनाने की कवायद की। जमीन ढूंढकर जगह-जगह आश्रय स्थल बनाए जाएगे। पालतू कुत्तों का पंजीकरण कराया जा रहा है और निश्शुल्क टीकाकरण शिविर भी लगाया जा रहा है। इसके अलावा पालतू कुत्तों के लिए डाग पार्क का भी निर्माण कराया जा रहा है।
- सुधीर कुमार, नगर आयुक्त
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