कानपुर के बड़ा हादसा, स्कूल जर्जर होने से बाहर पढ़ रहे थे बच्चे, पेड़ गिरा, छात्र घायल
Kitne Surakshit Hain School कानपुर के घाटमपुर में सजेती थाना क्षेत्र के उस्मानपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय में पेड़ गिरने से दो छात्र घायल हो गए। विद्यालय का भवन जर्जर होने के कारण कक्षाएं खुले में चल रही थीं। घायल छात्रों को घाटमपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया जहां उनका उपचार किया गया। एसडीएम ने घटना के बाद विद्यालय को बंद करा दिया है।

जागरण टीम, कानपुर। Kitne Surakshit Hain School: सरकारी सिस्टम प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को कतई गंभीर नहीं है। यही वजह है कि स्कूलों की दशा तस की तस बनी होने से विद्यार्थियों के साथ हादसा होने का अंदेशा बना हुआ है। ऐसा ही एक प्रकरण घाटमपुर ब्लाक अंतर्गत उस्मानपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में सामने आया। स्कूल का भवन जर्जर होने की वजह से खुले में बैठकर पढ़ाई कर रहे बच्चों पर महुआ का पेड़ गिर गया। इसमें दो छात्र घायल हुए। गनीमत रही कि दोनों छात्रों को ज्यादा चोट नहीं आई, सीएचसी में ही उनका उपचार हुआ।
उस्मानपुर प्राथमिक विद्यालय में करीब 36 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। यहां चार शिक्षकों की तैनाती है। विद्यालय जर्जर है और दीवारें और छत दरक चुके हैं। इस वजह से कक्षाएं खुले में पेड़ के नीचे लगाई जाती हैं। शनिवार को भी रोज की तरह खुले में चटाई बिछाकर शिक्षिक बच्चों को पढ़ा रहे थे। अचानक पेड़ गिरने से टिकरी गौरवा निवासी श्यामू का पुत्र 11 वर्षीय रवि और छोटे का पुत्र 11 वर्षीय कन्हैया घायल हो गए। दोनों कक्षा-पांच के छात्र हैं।
प्रधानाध्यापक जितेंद्र यादव फौरन दोनों बच्चों को घाटमपुर सीएचसी ले जाकर इलाज कराया। खंड शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुशवाहा भी अस्पताल पहुंचे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 में तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी राजनारायण ने उच्चाधिकारियों को स्कूल जर्जर होने का पत्र लिखा था। विद्यालय जर्जर घोषित करने के लिए कोई जांच कमेटी स्कूल में आज तक नहीं आई। उन्होंने ही छात्रों को खुले में पढ़ाने को कहा था।
विद्यालय की छात्र संख्या 50 से कम है। इसके चलते उसका विलय होना प्रस्तावित है। एक किलोमीटर दूर स्थित मया का पुरवा स्थित प्राथमिक विद्यालय में उसका विलय होना है। हालांकि, अभी प्रक्रिया ही चल रही थी और हादसा हो गया। विद्यालय परिसर की स्थिति अत्यंत दयनीय है। परिसर में दलदल फैला है। इसके साथ ही चारदीवारी भी नहीं है।
नगर निगम बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जूही की कक्षा में पेड़ की निकली जड़े । जागरण
परिसर में ही कई सारे पेड़ हैं, जिनकी छाया में ही कक्षाएं लगती हैं। यही विद्यालय नहीं, घाटमपुर विकासखंड में बांध, बेंदा, चिटकिनपुर, कुरियां, कमंडलपुर, जुरैया, चितौली, धरमंगदपुर, शेखपुर, बसौला और बम्हौरी स्थित प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय जर्जर हालत में हैं।
राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छत जर्जर, फर्श भी टूटी
अलियापुर स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का निर्माण वर्ष 2011 में हुआ है। वर्तमान में 183 छात्र-छात्राएं विद्यालय में अध्ययन कर रहे हैं। विद्यालय के कमरों की छत जर्जर होने के चलते बारिश के मौसम में पानी टपकता रहता है। वहीं छत जर्जर होने के चलते हादसे का भी खतरा बना रहता है। विद्यालय में कई जगह फर्श भी टूट चुकी है। ग्राम प्रधान अनीता देवी ने बताया कि इस वर्ष विद्यालय में शौचालय का निर्माण कराया है। प्रधानाध्यापिका रामरानी पालीवाल ने बताया कि वह जर्जर छत की एक बार मरम्मत करा चुकी हैं। उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया गया है।
नगर निगम बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जूही की जर्जर छत से टपक रहा पानी जो कक्षा में भर गया है । जिसको रोकने के लिए बाल्टी रखी गई है। मो.आरिफ
बारिश में छत से पानी टपकने लगता है। इसके चलते पढ़ाई में दिक्कत होती है। जर्जर छत के चलते खतरा बना हुआ है।
अमित, दसवीं छात्र।
बेटा कृष्णा इसी स्कूल में पढ़ता है। कई बार अंदर जाकर देखा तो कमरे की छत जर्जर अवस्था मिली। बेटे के स्कूल जाने के बाद मन में हर वक्त अनहोनी का अंदेशा बना रहता है। स्कूल की दशा सुधरनी चाहिए।
रोशन कुमार, अभिभावक, बैंड़ी अलीपुर गांव।
वर्षा में छत से बहता है झरना, पढ़ाई दूर, बैठना हो जाता है दुश्वार
नगर निगम बालिका उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जूही बसंती नगर जर्जर हो चुका है। कमरे में डर के साये के बीच शिक्षिकाएं छात्राओं को अध्ययन कार्य करा रही हैं। स्टाफ सदस्यों की माने तो नगर निगम की ओर से स्कूल को संवारने के लिए बजट जारी हुआ था लेकिन ठेकेदार सिर्फ रंगरोगन करके ही चला गया है। जर्जर हिस्से की मरम्मत के लिए कोई ध्यान नहीं दिया गया है। प्रधानाचार्य सुधीर बताते हैं कि उनके पास दो से तीन स्कूल का प्रभार है। सभी जगह भवन खस्ताहाल है।
स्कूल के कमरे जर्जर हालत में हैं। कमरे में कक्षा संचालन के समय हर वक्त छत की ओर से निगाह टिकी रहती है कि कहीं से कोई प्लास्टर का टुकड़ा न उखड़कर गिर जाए।
इनाया फातिमा, दसवीं छात्रा।
स्कूल का पूरा भवन कंडम होने जैसी स्थिति में आ गया है। वर्षा के दिनों में यहां बैठना तक मुश्किल हो जाता है। अव्यवस्थाएं दूर करने के लिए कोई अधिकारी आगे नहीं आ रहा है। परेशानी झेलकर अध्ययन कार्य करना पड़ता है।
जिकरा फलक, दसवीं छात्रा।
बच्चों को किसी भी दशा में जर्जर कक्षों में न बैठाया जाए : डीएम
वर्षा ऋतु में जनपद के समस्त विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह ने शनिवार को निर्देश जारी कर कहा कि बच्चों को किसी भी दशा में जर्जर कक्षाें में न बिठाया जाए। साथ ही उन्होंने विशेष सावधानी बरतने के गाइडलाइन जारी किए। उन्होंने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों को निर्देशित किया है कि वे विद्यालय भवनों का गहन निरीक्षण करें। जर्जर कक्षों को चिह्नित कर उन्हें निष्प्रयोज्य घोषित करते हुए ''''एक्स'''' के लाल निशान के साथ बैरिकेटिंग कर बंद कर दिया जाए। यदि किसी विद्यालय में लापरवाही के कारण कोई दुर्घटना होती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित संस्था प्रमुख की व्यक्तिगत रूप से होगी।
विद्यालय परिसर, शौचालय एवं रसोईघर की नियमित सफाई, भोजन तैयार करने के स्थान का कीड़े-मकोड़ों और जालों से मुक्त होना,बच्चों को स्वच्छता के साथ भोजन उपलब्ध कराया जाए। विद्यालयों में अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता, स्टाफ को उनके संचालन का प्रशिक्षण, फर्स्ट एड बॉक्स में मान्य दवाओं की उपलब्धता तथा किसी भी आपात स्थिति में संबंधित अधिकारियों और निकटवर्ती स्वास्थ्य केंद्र को तत्काल सूचना देने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।उन्होंने स्पष्ट किया है कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। यदि इस संबंध में किसी भी प्रकार की लापरवाही पाई गई, तो दोषी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
सरकारी स्कूलों की दयनीय दशा के विरोध में सड़क पर उतरेगी कांग्रेस
जिले के खस्ताहाल और जर्जर सरकारी स्कूलों और उनमें मजबूरी में पढ़ रहे बच्चों के लिए चिंता जताते हुए कांग्रेस के महानगर अध्यक्ष पवन गुप्ता ने पदाधिकारियों के साथ तिलक हाल में बैठक की। उन्होंने मुख्यमंत्री और कानपुर में मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों से इस मामले का संज्ञान लेते हुए सुधारात्मक कार्यवाही करने की मांग की। अध्यक्ष पवन ने कहा कि राजस्थान में जर्जर स्कूल की छत गिरने के हादसे से योगी सरकार अभी तक चेती नहीं हैं। स्कूलों की जर्जर हालत है। समाचार पत्रों की पड़ताल में भाजपा के झूठे विकास की पोल खुली है। भाजपा की सरकार में करोड़ों रुपये सरकारी स्कूलों के कायाकल्प के लिए आते हैं। फिर भी जर्जर स्कूलों में छतों से टपकते पानी, दीवारों और छतों पे लटके सरिया, टूटे चिटके प्लास्टर, स्कूल के अंदर लंबी लंबी घास के बीच बच्चे पढ़ने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार और प्रशासन ने तत्काल आवश्यक कार्यवाही नहीं की तो कांग्रेस सड़क पर उतर कर विरोध करेगी। बैठक में नरेश त्रिपाठी, हर प्रकाश अग्निहोत्री, प्रतिभा अटल पाल, राजीव द्विवेदी, कृष्णदेव सिंह टिल्लू, शंकर दत्त मिश्रा, आसिफ इकबाल मौजूद रहे।
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