E-SIM एक्टिवेट करने को लिंक भेजा... OTP से फोन कर लिया हैक; कानपुर में SGST के डिप्टी कमिश्नर से 7.37 लाख की ठगी
साइबर ठगों ने राज्य कर विभाग कानपुर में उपायुक्त से 7.37 लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने जिओ का लोगो लगे नंबर से अधिकारी को फोन कर ई सिम एक्टिवेट न करने पर 24 घंटे में फोन बंद होने की बात कही और एक्टिवेट करने के लिए भेजे गए लिंक का ओटीपी बताने को कहा। ओटीपी पर क्लिक करते ही फोन हैक हो गया।

संवाद सहयोगी, कल्याणपुर (कानपुर)। साइबर ठगों के हौंसले इतने बुलंद है कि वह आम आदमी के अतिरिक्त सरकारी कर्मचारी, अधिकारी व नेताओं के साथ भी धोखाधड़ी की घटना को अंजाम दे रहे हैं। ताजा मामले में राज्य कर विभाग कानपुर में उपायुक्त पद पर तैनात गाजियाबाद निवासी व्यक्ति से साइबर ठगों ने 7.37 लाख रुपए ठग लिए।
ठगों ने जिओ का लोगो लगे नंबर से अधिकारी को फोन कर ई सिम एक्टिवेट न करने पर 24 घंटे में फोन बंद होने की बात कही और एक्टिवेट करने के लिए भेजे गए लिंक का ओटीपी बताने को कहा। ओटीपी पर क्लिक करते ही फोन हैक हो गया और अगले तीन दिन में अधिकारी के बचत व वेतन खाते से 7.37 लाख रुपए निकाल लिए गए।
पीड़ित ने जब दूसरा सिम निकलवाया और बैंक खाता देखा तो ठगी का पता चला। मामले में साइबर थाना में मोबाइल नंबर के आधार पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है।
हैकर ने ओटीपी बताने को कहा
मूल रूप से गाजियाबाद के राजनगर निवासी राजकुमार राज्य कर विभाग कानपुर में खंड 26 में उपायुक्त राज्य कर के पद पर कार्यरत हैं। उनके अनुसार बीते 14 नवंबर को वह कानपुर से गाजियाबाद जा रहे थे तभी रात्रि लगभग 8 बजे जिओ का लोगो लगे एक मोबाइल से फोन आया। जिसमें उनसे ई सिम एक्टिवेट करने के लिए कहा गया। एक्टीवेट न करने पर 24 घंटे में फोन बंद होने की बात कही। फोन करने वाले ने भेजे गए लिंक का ओटीपी बताने को कहा।
12 बार में पैसे किए ट्रांसफर
राजकुमार के अनुसार फोन करने वाले ने व्हाट्सएप नंबर पर एक लिंक भेजा। जिसे बाद में डिलीट भी कर दिया गया। लिंक पर क्लिक करते ही उनका फोन हैक हो गया और फोन ने काम करना बंद कर दिया। अगले तीन दिनों में राजकुमार के गाजियाबाद के आइसीआइसीआइ बैंक खाते से सात बार में 3.49 लाख व एक्सिस बैंक वेतन खाते से छह बार में 2.99 लाख मिलाकर 7.37 लाख रुपए अन्य खातों में ट्रांसफर कर लिए गए।
राजकुमार ने बताया कि फोन चालू न होने के कारण उन्होंने नए सिम के लिए आवेदन किया। वहीं मोबाइल हैक होने के कारण आधार का ओटीपी भी नहीं आ सका। मजबूरन पहले आधार सेवा केंद्र पर जाकर मोबाइल नंबर बदलवाया गया, इसके बाद नया सिम लिया। राजकुमार ने अपने बैंक में जाकर खातों की जांच की तो ठगी की जानकारी हुई। ठगों ने दोनों खातों से कुल 12 ट्रांजेक्शन किए।
पुलिस ने सावधान रहने की अपील की
मामले की जानकारी ईमेल के माध्यम से साइबर क्राइम थाने को दी गई। वहीं, पुलिस ने जांच के बाद शुक्रवार को धोखाधडी व साइबर अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया है। अपर पुलिस उपायुक्त अपराध अंजलि विश्वकर्मा ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है। वहीं अन्य लोगों को भी अनजाने नंबर व फोन कॉल से सावधान रहने के अपील की है।
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