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    SIR Updates: यूपी के इन सात विधानसभा में नहीं मिल रहे 5 लाख मतदाता, क्या है बीएलओ का कहना?

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 10:17 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के सात विधानसभा क्षेत्रों में लगभग 5 लाख मतदाता लापता हैं। इसका कारण मतदाता सूची में गड़बड़ी बताई जा रही है। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) के अन ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। भाजपा उत्तर व दक्षिण जिला के अंतर्गत आने वाले सात विधानसभा क्षेत्रों में करीब पांच लाख मतदाता एसआइआर के दौरान मिल नहीं रहे हैं। इसमें आधे बीएलओ के रजिस्टर में अनट्रेसेबल अबसेंट और आधे परमानेंटली शिफ्ट बताए जा रहे हैं। रविवार को दोनों जिलों की बैठक में यह बात उभर कर आई। महानगर प्रभारी पंकज सिंह की बैठक में एक बार फिर कहा गया कि रविवार के दिन का इस्तेमाल पार्टी नेता और कार्यकर्ता एसआइआर अभियान में करें लेकिन रविवार का दिन पार्टी की बैठक में ही गुजर गया।

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    क्षेत्रीय कार्यालय में दोनों जिलों की हुई बैठक में कहा गया कि बीएलओ के रजिस्टर में दो तरह के मतदाताओं की संख्या पर काम किया जाना चाहिए। जिलाध्यक्षों ने हर विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से कितने मतदाता थे, कितने फार्म दिए गए, कितने मतदाता नहीं मिल रहे इसका डाटा दिया। इसमें यह बात सामने आई कि हर विधानसभा क्षेत्र में 60 से 70 हजार मतदाता नहीं मिल रहे हैं। इसमें अनट्रेसेबल अबसेंट और परमानेंटली शिफ्ट मतदाता हैं। इसमें उनका जिक्र नहीं है जिनका निधन हो गया है। इस तरह कानपुर उत्तर व दक्षिण जिले के अंतर्गत आने वाले सात विधानसभा क्षेत्रों में पांच लाख मतदाता नहीं मिल रहे हैं।

     

    पंकज सिंह की बैठक के लिए लोगों को एक बजे क्षेत्रीय कार्यालय बुलाया गया था। हालांकि बहुत से लोग उनका स्वागत करने गंगा पुल चले गए थे। करीब पौने तीन बजे पंकज सिंह बैठक में पहुंचे। चार बजे करीब बैठक खत्म हुई। बैठक के बाद कई नेताओं ने नाराजगी जताई की रविवार को एसआइआर में जुटने के लिए कहा जा रहा है और तीन घंटे से ज्यादा बैठक में ही लगा दिए।
    पंकज सिंह ने कहा कि एसआइआर मतदाता सूची को पवित्र बनाने का अभियान है।

     

    एसआइआर में आर्य नगर में मैपिंग नहीं करने पर 27 बीएलओ को कारण बताओ नोटिस

    आर्यनगर विधानसभा क्षेत्र में चल रहे मतदाता गहन पुनरीक्षण में सुस्ती और मतदाता सूची की मैपिंग में लापरवाही बरतने पर 27 बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। अपर नगर मजिस्ट्रेट (चतुर्थ) एवं निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी पुष्पेंद्र कुमार ने समीक्षा बैठक में पाया गया कि लगातार निर्देशों और जागरूकता बैठकों के बावजूद इन बीएलओ ने वर्ष 2003 की मतदाता सूची से वर्तमान मतदाताओं का मानचित्रण निर्धारित मानक के अनुसार पूरा नहीं किया है।

     

    बार-बार निर्देशों के बावजूद मानचित्रण कार्य में नहीं दिखा सुधार

    समीक्षा में जानकारी मिली कि अधिकांश बीएलओ की प्रगति 90 से 96 प्रतिशत के बीच ही अटकी हुई है, जबकि कुछ की स्थिति इससे भी अधिक चिंताजनक है। अधिकारियों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से नवीन सभागार में लगातार समीक्षा बैठकों का आयोजन किया गया, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिए गए कि मतदाता विवरण सत्यापन और मानचित्रण कार्य में तेजी लायी जाए। इसके बावजूद किसी प्रकार का संतोषजनक सुधार न दिखने पर प्रशासन ने सख्ती दिखाने का निर्णय लिया।


    नोटिस प्राप्त करने वाले बीएलओ

    नोटिस प्राप्त करने वाले बीएलओ में रीता प्रजापति, पुष्पा देवी, मनीषा साहू, लक्ष्मी हेम, श्रद्धा शर्मा, शाहीन जमाल, गुडान देवी, संजीव कुमार, शालिनी मिश्रा, पूजा पांडे, कमलेश कुमार, हेमलता, शारदा सिंह, सुधीर कुमार, गौशिया फारूकी, कुसुमलता, रेखा पचौरी, शाइस्ता परवीन, पुष्पा चौरसिया, माधुरी शर्मा, कामना वर्मा, दीपिका बाजपेयी, सीरिन यासमीन, मोहम्मद उस्मान अरिफ, सबीना इस्लाम, मोहम्मद हसन और अरुणा देवी शामिल हैं।


    अपर नगर मजिस्ट्रेट ने जताई नाराजगी

    अपर नगर मजिस्ट्रेट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यह कार्य अत्यंत संवेदनशील है और शिथिलता किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं होगी। सभी बीएलओ को आठ दिसम्बर को अपना लिखित स्पष्टीकरण अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। निर्धारित समय सीमा में उत्तर न मिलने पर उनके विरुद्ध एकपक्षीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। साथ ही सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी को नोटिस तामील कराने के निर्देश दे दिए गए हैं।