हाईस्पीड ट्रेन से पर्यावरण को नहीं होगा नुकसान, 20 मार्च को सोशल इंपैक्ट कमेटी की बैठक
आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेस-वे के समानांतर वाराणसी से दिल्ली के लिए प्रस्तावित हाईस्पीड ट्रेन के ट्रैक निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की कवायद शुरू कर दी गई हैं। यह ट्रक पूरी तरह से एलीवेटेड होगा और ग्रामीणों को फायदे गिनाए जाएंगे।
कानपुर, जेएनएन। वाराणसी से लखनऊ होते हुए आगरा एक्सप्रेस-वे के समानांतर लखनऊ से आगरा और आगरा से नोएडा यमुना एक्सप्रेस वे के समानांतर दिल्ली के लिए प्रस्तावित हाईस्पीड ट्रेन के ट्रैक के लिए भूमि अधिग्रहण की कवायद शुरू कर दी गई है। ट्रैक के लिए कानपुर में रौगांव समेत दो गांवों की भूमि अधिग्रहीत की जाएगी। इसके लिए सोशल इंपैक्ट कमेटी की बैठक 20 मार्च को होगी, जिसमें दो गांवों के लोगों को बताया जाएगा कि प्रोजेक्ट से पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा।
प्रोजेक्ट की पर्यावरण सलाहकार एनवायरो इंफ्रा सॉल्यूशंस प्राइवेट कंपनी अब संबंधित जिलों में जाकर लोगों को प्रोजेक्ट से पर्यावरण को होने वाले लाभ के बारे में बता रही है। साथ ही इसके सोशल इंपैक्ट के बारे में भी समझा रही है। अब 20 मार्च को कलेक्ट्रेट में कंपनी के लोग एडीएम सिटी के साथ आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीणों के साथ बैठक करेंगे और उन्हें प्रोजेक्ट के फायदे गिनाएंगे। इस प्रोजेक्ट के लिए वाराणसी से लखनऊ तक तो भूमि अधिग्रहण होगा, जबकि लखनऊ से आगरा तक यह लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे और आगरा से नोएडा तक यह यमुना एक्सप्रेस के समानांतर चलेगी।
एक्सप्रेस वे के लिए ली गई भूमि का उपयोग भी इस प्रोजेक्ट के लिए होगा। जहां थोड़ी बहुत जरूरत होगी वहां भूमि का अधिग्रहण या पुनग्र्रहण किया जाएगा। दिल्ली-वाराणसी उच्च गति परियोजना को मूर्त रूप देने की जिम्मेदारी नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड को दी गई है। ट्रैक पूरी तरह से एलीवेटेड होगा। इसके 13 स्टेशन होंगे। यह ट्रैक दिल्ली में सराय काले खां से शुरू होकर नोएडा, मथुरा, आगरा, कानपुर, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, संत रविदास नगर, मीरजापुर होते हुए वाराणसी पहुंचेगा। यह अयोध्या से भी जुड़ेगा। बिल्हौर के आसपास इसका कोई स्टेशन नहीं होगा। कन्नौज में स्टेशन बनेगा। पूरी तरह एक्सप्रेस वे के किनारे-किनारे ही चलेगा।
अगर स्टेशनों की बात करें तो दिल्ली, नोएडा, जेवर, मथुरा, आगरा, इटावा, कन्नौज, लखनऊ, रायबरेली, प्रयागराज, भदोही, वाराणसी आदि जगहों पर इसके स्टेशन होंगे। कानपुर में यह ट्रैक बिल्हौर में अरौल, मकनपुर, विषधन, रौगांव, गिलवट अमीनाबाद आदि गांवों से होकर गुजरेगा। इसके लिए रौगांव और गिलवट अमीनाबाद में थोड़ा बहुत भूमि का अधिग्रहण करने की जरूरत पड़ सकती है।