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    सीसामऊ सीट पर शिवपाल ने बिगाड़ा BJP का 'खेल', हिंदू बहुल क्षेत्रों में सपा की सेंधमारी; नसीम की जीत का पूरा गणित...

    Sisamau By Election Result समाजवादी पार्टी ने कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। पार्टी प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने 261 बूथों में से 50 से अधिक मत प्राप्त किए। शिवपाल यादव की रणनीति और मुस्लिम मतदाताओं के समर्थन ने सपा की जीत में अहम भूमिका निभाई। हालांकि भाजपा दिग्गजों की मौजूदगी के बावजूद सेंधमारी नहीं रोक पाई।

    By shiva awasthi Edited By: Abhishek Pandey Updated: Mon, 25 Nov 2024 11:47 AM (IST)
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    अखिलेश, शिवपाल, नसीम व योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, कानपुर। समाजवादी पार्टी वंचित वर्ग की 40 बस्तियों में ही नहीं, हातों, हिंदू बहुल क्षेत्रों में भी पसंदीदा रही। अपनों ने गढ़ से झोली भरकर जीत का आधार बनाया, जबकि दूसरे क्षेत्र अजेय बढ़त बरकरार रखने में मददगार हो गए। चमनगंज, बेकनगंज, कंघी मोहाल, तलाक महल ही नहीं, सीसामऊ, पी रोड, जवाहर नगर, रामबाग, आनंदबाग, ग्वालटोली में भी पार्टी का जादू चला। इसके पीछे मुलायम सिंह यादव के समय से ही पार्टी के सियासी रणनीतिकार शिवपाल सिंह यादव का प्रबंधन रहा।

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    उन्होंने तीन बार आकर रणनीति बनाई। नतीजा, विधानसभा क्षेत्र के 275 बूथों में से 261 में पार्टी प्रत्याशी नसीम सोलंकी ने हर एक में 50 से अधिक मत पाए।

    सीसामऊ सीट पर एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता

    सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में 60 हजार के आसपास मतदाता वंचित वर्ग की बस्तियों में हैं। इतने ही ब्राह्मण मतदाता हैं, जबकि मुस्लिम मतदाता 1.10 लाख के आसपास हैं। बाकी मतदाताओं में सिख, वैश्य व अन्य हैं। पूर्व विधायक राकेश सोनकर को टिकट नहीं मिलने से वंचित वर्ग नाराज था, जिसका असर परिणाम में दिखा।

    सपा को केवल 14 बूथों में ही 50 या इससे कम मत मिले। बाकी 261 बूथों में उसने 50 से अधिक वोट पाए। इनमें अधिकांश बूथों पर 100 से अधिक मत मिले। इसमें नसीम के आंसू भी काम आए, जिससे उन्हें जीत मिली।

    पहली बार शिवपाल यादव जब आए थे तो उन्होंने पार्टी के प्रदेश सचिव आशीष चौबे के साथ सपा के गढ़ में तीन दर्जन से अधिक नुक्कड़, चौराहों व गलियों में सभाएं करने के साथ कमरा बैठकों से माहौल बनाया। दूसरी बार सिखों से लेकर बाकी पर डोरे डाले, गुमटी गुरुद्वारा भी गए। इस बीच अखिलेश की जनसभा में भीड़ कम जुटने पर उन्हें तीसरी बार यहां भेजा गया।

    शिवपाल ने पलटी बाजी

    इस बार उन्होंने अपने बड़े भाई स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की तरह रात में रुककर पूरी बाजी पलटने का काम किया। शिवपाल जानते थे कि मुस्लिम क्षेत्र में माहौल ठीक है, बस बाकी इलाकों में प्रबंधन करना है। उनसे मिलने वालों में से अधिकांश सपा शासनकाल से ही उनसे किसी न किसी तरह जुड़े रहे। इसका असर डिंपल यादव के रोड शो में जुटी भीड़ व मतदान के बाद आए परिणाम में साफ दिखा।

    आशीष बताते हैं, दक्षिण के होटल में रातभर की रणनीति से डिंपल के रोड शो में भीड़ पहुंची। सपा विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी पूर्व मंत्री राजेंद्र कुमार, सह प्रभारी सुनील साजन, विशंभर सिंह यादव, अमिताभ बाजपेई, मो. हसन रूमी ने बूथवार वोटों की नाकेबंदी की।

    सेंधमारी न रोक सकी भाजपा

    भाजपा के यूं तो दिग्गज मंत्री से लेकर विधायक तक पूरे उपचुनाव में पड़े रहे पर वे सेंधमारी नहीं रोक सके। शुरू से ही इसे लेकर बातें तो हुईं पर मजबूत कार्ययोजना नहीं बन सकी। इससे मिश्रित आबादी के साथ ही हिंदू बहुल क्षेत्रों में भी सपा की साइकिल खूब दौड़ी।

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