UP ByElection Result: सीसामऊ सीट पर लगातार छठी बार क्यों मिली भाजपा को शिकस्त? नहीं काम आई सीएम योगी की रणनीति
सीसामऊ विधानसभा उपचुनाव में नसीम सोलंकी ने शानदार जीत दर्ज की है। उन्होंने भाजपा के सुरेश अवस्थी को 8629 वोटों से हराया। नसीम सोलंकी के पति इरफान सोलंकी को सजा सुनाए जाने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुआ था। समाजवादी पार्टी ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया था। नसीम सोलंकी ने शुरुआती चक्र से ही भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी पर बढ़त बना ली थी।
जागरण संवाददाता, कानपुर। (Sisamau ByElection Result) सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के उप चुनाव में गलत प्रत्याशी चयन और सुरेश अवस्थी का रूखा व्यवहार आखिरकार भाजपा को ले डूबा। वहीं नसीम सोलंकी ने विपरीत परिस्थितियों में भी 8,629 वोटों से जीत हासिल कर पति इरफान सोलंकी की सीट को बचा लिया।
अपने मजबूत गढ़ में समाजवादी पार्टी ने जहां लगातार चौथी जीत हासिल की वहीं भाजपा लगातार छठी बार यह सीट हार गई है। सुरेश अवस्थी इसी सीट पर दूसरी बार और लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव हारे हैं। वहीं नसीम अपने पहले ही चुनाव में जीत गईं।
लगातार तीन बार इरफान ने दर्ज की थी जीत
सीसामऊ सीट से लगातार तीन बार जीत हासिल करने वाले सपा के इरफान सोलंकी को सजा सुनाए जाने के बाद इस सीट पर उप चुनाव हुआ। समाजवादी पार्टी ने इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को प्रत्याशी बनाया था। सीसामऊ में पिछले कई चुनाव की तरह उप चुनाव भी काफी करीबी संघर्ष वाला रहा।
सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी (Naseem Solanki) ने शुरुआती चक्र से ही भाजपा प्रत्याशी सुरेश अवस्थी पर बढ़त बना ली थी। स्थिति यह थी कि नौवें चक्र तक ही नसीम सोलंकी ने 30,697 वोटों की बढ़त हासिल कर ली थी। हालांकि इसके बाद 10वें चक्र से सुरेश अवस्थी ने संघर्ष करते हुए कुछ चक्रों में आगे रहने का प्रयास किया लेकिन यह पर्याप्त नहीं था। आखिरकार कुल 1,32,973 वोटों में से नसीम सोलंकी ने 69,666 वोट हासिल कर सुरेश अवस्थी को पराजित कर दिया।
पहली बार चुनाव मैदान में उतरीं नसीम के सामने सुरेश अवस्थी 61,037 वोट ही हासिल कर सके। वह हिंदु बहुल क्षेत्रों में वोटों को एकजुट करने में कामयाब न हो सके और हर चक्र में नसीम को वोट हासिल होते रहे। भाजपा अपने वोटों को ज्यादा निकालने की जगह मुस्लिम वोटों को रोकने के प्रयास में ज्यादा जुटी रही। इसके चलते पार्टी 2017 और 2022 के मुकाबले कम वोट हासिल कर सकी। इसके साथ ही पार्टी नेता मान रहे हैं कि पूर्व विधायक राकेश सोनकर के प्रकरण का भी असर है, इसकी वजह से दलित वोट पूरी तरह पार्टी को नहीं मिला।
सपा की जीत के कारण
- नसीम सोलंकी के पक्ष में मुस्लिम मतदाताओं ने एकजुट होकर मतदान किया।
- नसीम को हिंदु बहुल क्षेत्रों में भी हर चक्र में वोट मिलता रहा।
- सपा को इस चुनाव में सिम्पैथी वोट भी काफी अच्छी संंख्या में मिला।
- नसीम की बेटी की अपील ने भी मतदाताओं को प्रभावित किया।
भाजपा की हार के कारण
- भाजपा में प्रत्याशी चयन को लेकर शुरू से ही विवाद चल रहा था।
- टिकट न मिलने से सौ से ज्यादा दावेदार बुरी तरह नाराज थे।
- मुस्लिम क्षेत्रों में भाजपा की कोई पकड़ नहीं है, फिर नजर आया।
- अपने वोट बढा़ने की जगह मुस्लिम वोटों को रोकने का प्रयास गलत रहा।
पिछले चुनावों की स्थिति
वर्ष | सपा | भाजपा | अंतर |
2024 | 69,666 | 61,037 | 8,629 |
2022 | 79,163 | 66,897 | 12,266 |
2017 | 73,030 | 67,204 | 5,826 |
2012 | 56,496 | 36,833 | 19,663 |
प्रत्याशियों को मिले वोट
प्रत्याशी | पार्टी | वोट |
नसीम सोलंकी | सपा | 69,666 |
वीरेन्द्र कुमार | बसपा | 1,409 |
सुरेश अवस्थी | भाजपा | 61,037 |
अशोक पासवान | निर्दलीय | 266 |
कृष्ण कुमार यादव | निर्दलीय | 113 |
नोटा | 482 | |
कुल | 1,32,973 |
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