Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Kanpur News: केडीए और नगर निगम के बीच फंसे शताब्दी नगर व जवाहरपुर के आवंटी, गृहकर पूरा सुविधाएं शून्य

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 10:32 PM (IST)

    कानपुर के शताब्दी नगर और जवाहरपुर के आवंटी केडीए और नगर निगम के बीच फंसे हुए हैं। उनसे गृहकर तो पूरा लिया जा रहा है, लेकिन उन्हें सड़कें, पानी और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। दोनों विभागों के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर खींचतान के कारण आवंटियों की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है, जिससे उनमें निराशा है।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, कानपुर। केडीए और नगर निगम के बीच शताब्दीनगर और जवाहरपुरम योजना में बने अपार्टमेंट में रहने वाले लोग फंसे हुए है। प्राधिकरण ने आधे अधूरे अपार्टमेंट बनाकर फ्लैट बेच दिए लेकिन सुविधा शून्य है। वहीं नगर निगम भी गृहकर वसूल रहा है लेकिन विकास कार्य नहीं हो रहे है। न बंद लाइटें ठीक हो रही है और नहीं फैला कूड़ा हट रहा है। आवंटी अपने को ठगा महसूस कर रहे है इसको लेकर आक्रोश बढ़ता जा रहा है। कभी भी गुस्सा सड़क पर फूट सकता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


    शताब्दी नगर में बने हिमालय भवन में कुल 76 ब्लाकों में 1216 फ्लैट निर्मित किए गए। परियोजना की निर्धारित समाप्ति तिथि 30 नवम्बर 2016 थी, लेकिन दो साल फरवरी 2018 में आवंटियों को कब्जा दिया गया। परियोजना समय से पूर्ण न होने के कारण निर्माण लागत में बढ़ोत्तरी होने पर आवंटियों से 45 हजार रुपये और लिए गए।

     

    हालत यह है कि सात साल में ही इमारत जर्जर हो गयी है। दीवारों से प्लास्टर गिरने लगा है। पाइप लाइन में लीकेज होेने के कारण पानी बहता रहता है। इससे सीलन हो रही है। पार्किंग की भी व्यवस्था ठीक से नहीं है। इसको लेकर लोगों में कहा सुनी होती है। इमारत को देखकर कोई भी कह सकता है कि गुणवत्ता और मानक के साथ खिलवाड़ किया गया है। केडीए ने नगर निगम को योजना हस्तानांतरण कर दी। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि गृहकर 2016 से वलूला जा रहा है जबकि निर्माण 2018 से हुआ है। लाइटें बंदे है। सफाई कर्मी नहीं है व पानी की टंकी खराब है। यहीं हाल अन्य केडीए के आपर्टमेंट का है।


    इसको लेकर क्षेत्रीय लोगों ने दैनिक जागरण के जागरण आपके द्वार के तहत लगे शिविर में शिकायत की थी महापौर प्रमिला पांडेय ने अफसरों से कहा कि इसकी जांच करायी जाए। मौके पर मौजूद अफसरों ने बताया कि अपार्टमेंट के अंदर का कार्य केडीए या रेजींडेंस वेलफेयर सोसाइटी करायेगी। बाहर का कार्य नगर निगम करेगा।


    जिम्मेदार

    इस मामले में केडीए के अफसरों से बात करेगी। अपार्टमेंट के लोगों की समस्या का निस्तारण कराया जाएगा। नगर निगम की जो जिम्मेदारी है वह कार्य कराए जाएगे।
    - प्रमिला पांडेय महापौर

     

    अभी मुख्य अभियंता का कार्यभार संभाला है। मौके पर जाकर देखेंगे। समस्या है उसका निस्तारण कराया जाएगा। रेजींडेंस वेलफेयर सोसाइटी का गठन किया जाएगा।
    आरआरपी सिंह, मुख्य अभियंता केडीए

     


    ठगा महसूस कर रहे है विकास के नाम पर जर्जर इमारत, लीकेज के कारण बहता पानी है। नगर निगम भी गृहकर ले रह है लेकिन विकास नहीं करा रहा है।
    मुकेश कुमार द्विवेदी, हिमालय भवन

     


    वर्ष 2016 में फ्लैट केडीए को देने थे लेकिन 2018 में कब्जा दिया और 45 हजार रुपये और ले लिये। जब रहने आए तो देखा कि विकास के नाम पर खिलवाड़ हुआ है।
    अनिल कुमार शुक्ला, हिमालय भवन

     

    सात साल में इमारत का प्लास्टर गिरने लगा है। पाइपों के लीकेज होने के कारण कमरों में सीलन आ रही है। इसको ठीक कराया जाए और सुविधाएं दी जाए।
    शिव कुमार जायसवाल, हिमालय भवन

     

    नगर निगम 2016 से गृहकर लिया जा रहा है जबकि वह वर्ष 2018 से रहने आए है। विकास कार्य नहीं हो रहे है। सड़क पर गंदगी फैली रहती है।
    केके गुप्ता, हिमालय भवन