कानपुर डीएम ने 276 शिकायतों में 21 का किया समाधान, अनियमितता मिलने पर कोटा किया निरस्त
कानपुर के डीएम ने 276 शिकायतों में से 21 का समाधान किया और अनियमितता मिलने पर एक कोटा निरस्त कर दिया। जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया। उन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने का संकल्प लिया।

समाधान दिवस पर शिकायतें सुनते जिलाधिकारी, विधायक, डीसीपी साउथ, सीएमओ (दाएं) और एसडीएम। जागरण
संवाद सहयोगी, जागरण, घाटमपुर। जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान कुल 276 शिकायतें आईं, जिनमें 21 का निस्तारण मौके पर हुआ। शेष प्रकरणों का निस्तारण सात दिन के अंदर करने के निर्देश दिए गए। शीतलपुर के ग्रामीणों ने कोटेदार पर अनियमितता के आरोप लगाकर शिकायत की। तुरंत जांच के बाद कोटा निरस्त किया गया। इस दौरान विधायक सरोज कुरील भी मौजूद रहीं।
समाधान दिवस में भूमि विवाद, खतौनी सुधार, नाम संशोधन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, पारिवारिक लाभ योजना, विद्युत और पंचायत से जुड़े मामलों की सुनवाई प्रमुखता से की गई। नाम संशोधन संबंधी मामलों में मौके पर सुधार करके खतौनियां उपलब्ध कराई गईं। शीतलपुर के ग्रामीणों ने कोटेदार पर अनियमितता के आरोप लगाकर शिकायत की। प्राथमिक जांच में पता चला कि कोटेदार राशन वितरण में हेराफेरी कर रहे हैं। तत्काल प्रभाव से कोटा निरस्त कर दिया गया। जिलाधिकारी ने पूर्ति विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक कोटेदार की कार्यप्रणाली की समीक्षा करने को कहा है।
कूष्मांडा नगर मोहल्ला निवासी उमाशंकर त्रिवेदी ने जहांगीराबाद स्थित गाटा संख्या-336 मिलजुमला (क्षेत्रफल-.0530 हेक्टेयर) पर सहखातेदार द्वारा जबरन कब्जा करने के आरोप लगाते हुए शिकायत की। वहीं, जवाहर नगर उत्तरी मोहल्ला निवासी अजय कुमार ने बताया कि वह लंच पैकेट बनाकर बेचते हैं। आरोप है कि 28 जनवरी को सामूहिक विवाह में पतारा एडीओ ने 500 लोगों के भोजन का इंतजाम 80 हजार रुपये में तय किया था। इसमें सिर्फ 42 हजार रुपये का भुगतान किया गया और शेष रुपये नहीं दिए जा रहे हैं। सभासद ज्ञान सिंह सचान ने मुख्य चौराहे पर फ्लाईओवर के नीचे लगने वाली दुकानों को हटाने की मांग की।
समाधान दिवस पर राजस्व विभाग के 116 प्रकरण, पुलिस विभाग के 42, विकास विभाग के 38, नगर पालिका के 10, श्रम विभाग के पांच प्रकरण आए। जबकि शेष मामले अन्य विभागों से संबंधित रहे। इस दौरान डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी, सीएमओ डा. हरिदत्त नेमी, एसडीएम अबिचल प्रताप सिंह सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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