म्यांमार से कश्मीर तक फैल रहा रोहिंग्या का नेटवर्क, ट्रेन में पकड़े गए तीनों आरोपियों से पता की जा रही घुसपैठ की वजह
रोहिंग्या घुसपैठियों का नेटवर्क कश्मीर तक फैल चुका है। वे बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसपैठ कर रहे हैं। यहां आने के बाद अलग-अलग प्रदेशों में पैठ ब ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। रोहिंग्या घुसपैठियों का नेटवर्क कश्मीर तक फैल चुका है। वे बांग्लादेश के रास्ते भारत में घुसपैठ कर रहे हैं। यहां आने के बाद अलग-अलग प्रदेशों में पैठ बना रहे हैं। वे कहीं शरणार्थी बनकर रह रहे हैं तो कहीं चोरी-छिपे काम कर रहे हैं। एक बार भारत आने के बाद वे दूसरों को भी बुला रहे हैं। ये तथ्य संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में पकड़े गए तीन रोहिंग्या से हुई पूछताछ में सामने आए हैं। पकड़े गए तीनों रोहिंग्या के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब उनसे जानकारी जुटाई जा रही है कि कितने और लोगों ने भारत में घुसपैठ की? वे जम्मू क्या करने जा रहे थे और असम में क्या करते रहे?
संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में चेकिंग के दौरान तीन रोहिंग्या पकड़े गए थे। इनकी पहचान मोहम्मद इब्राहिम, मोहम्मद हासिम उर्स नासिर व शोक तारा के रूप मे हुई। मूलरूप से म्यांमार के नासापफुरू जिला मोंगड़ो राखीन के रहने वाले तीनों रोहिंग्या बांग्लादेश के शरणार्थी कैंप में रह रहे थे। इनमें से इब्राहिम वर्ष 2017 में शरणार्थी के रूप में बांग्लादेश से भारत आया।
कुछ दिन दिल्ली में रहा, फिर वर्ष 2024 में जम्मू चला गया। वहां एक वर्ष रहने के बाद वापस बांग्लादेश चला गया। वहां से कोक्स बाजार कारोकाली कैंप बजरकटेहा से हासिम व शोक तारा को अपने साथ भारत में घुसपैठ कराई। तीनों असम के सिलचर से गुवाहाटी, जलपाईगुड़ी, प्रयागराज होते हुए कानपुर सेंट्रल पहुंचे। यहां से दिल्ली होते हुए जम्मू जा रहे थे कि पकड़े गए। आइबी, एलआइयू, एटीएस की टीमें पूछताछ कर भारत में घुसपैठ का कारण पता कर रही हैं।
पकड़े गए रोहिगंया के पास पासपोर्ट न वैध दस्तावेज
पकड़े गए तीनों रोहिंग्या के पास न तो पासपोर्ट हैं और न ही कोई वैध दस्तावेज है। उनके विरुद्ध आव्रजन और विदेशी अधिनियम 2025 की धारा 21 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। सेंट्रल स्टेशन पर हुई प्रेसवार्ता में सहायक सुरक्षा आयुक्त आरपीएफ विवेक वर्मा ने बताया कि हिरासत में लिए गए तीनों रोहिंग्या हैं।
उनके भारत में घुसपैठ करने, दिल्ली व जम्मू जाने उद्देश्य का पता लगाया जा रहा है। पूछताछ में पता चला है कि वे वर्ष 2017 से बांग्लादेश के शरणार्थी शिविर में रह रहे थे। इब्राहिम वर्ष 2024 से जम्मू के नरवाल में रह रहा था। वह दोस्त हासिम व साली शोक तारा को बांग्लादेश से भारत लेकर आया था। तीनों ने बताया कि वे बांग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में रहते थे, उनके परिवार के कुछ सदस्य म्यांमार में रहते हैं।

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