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    यूपी कांग्रेस में उठे बगावती सुर, इस हाई प्रोफाइल सीट पर प्रत्याशी बदलने की मांग; पार्टी आलाकमान तक पहुंची बात

    Updated: Thu, 04 Apr 2024 11:56 AM (IST)

    Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव के मैदान में समन्वय के मंत्र से ताकत बढ़ाने के बीच कांग्रेस में बगावत के सुर भी सुनाई पड़ने लगे हैं। समन्वय समिति बनते ही नई दरार प्रत्याशी बदलने की मांग के साथ पड़ गई है। इसके चलते 2014 के बाद से कानपुर संसदीय सीट पर खाली हाथ पार्टी की राह मुश्किल भरी हो सकती है।

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    यूपी कांग्रेस में उठे बगावती सुर, इस हाई प्रोफाइल सीट पर प्रत्याशी बदलने की मांग

    जागरण संवाददाता, कानपुर। (Kanpur Lok Sabha Seat) लोकसभा चुनाव के मैदान में समन्वय के मंत्र से ताकत बढ़ाने के बीच कांग्रेस में बगावत के सुर भी सुनाई पड़ने लगे हैं। समन्वय समिति बनते ही नई दरार प्रत्याशी बदलने की मांग के साथ पड़ गई है। इसके चलते 2014 के बाद से कानपुर संसदीय सीट पर खाली हाथ पार्टी की राह मुश्किल भरी हो सकती है।

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    कांग्रेस ने वर्षों पुराने कार्यकर्ता व छात्र राजनीति से जुड़े रहे आलोक मिश्रा को टिकट देकर मैदान में उतारा है। ब्राह्मण चेहरे के साथ ही चुनाव की शुरुआत के काफी पहले से ही वह मैदान में डटे हैं।

    दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में रखी अपनी बात

    उन्हें मजबूती देने के लिए पार्टी नेतृत्व ने पुराने व युवा नेताओं को समन्वय से पांचों विधानसभा क्षेत्रों आर्य नगर, सीसामऊ, छावनी, गोविंद नगर व किदवई नगर में पांव जमाने का जिम्मा दिया, तभी प्रत्याशी बदलने की मांग को लेकर व्यापारी व वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेश मेघानी के नेतृत्व में बृजेश शर्मा, दिनेश बाजपेई, अजय तिवारी, राम प्रकाश तिवारी, अब्दुल वहीद, सत्यम दुबे समेत दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ता व नेता लखनऊ पहुंच गए।

    वहां सभी ने एक सुर में प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय व प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के सामने बात रखी। कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ता लाठी खाएं, जेल जाएं व जब टिकट मिलने का समय आए, तब उनकी आवाज दबा दी जाए। ये न्याय उचित नहीं है।

    कानपुर में 7.50 लाख से अधिक ब्राह्मण मत

    नेताओं ने कहा कि 7.50 लाख से अधिक ब्राह्मण मतों वाली सीट पर भाजपा ने ब्राह्मण चेहरा रमेश अवस्थी के रूप में उतारा है, ऐसे में कांग्रेस को अपनी रणनीति बदलनी चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने इसे लेकर नेतृत्व को पत्र लिखा था कि भाजपा ब्राह्मण उम्मीदवार दे तो कांग्रेस वैश्य या दूसरा प्रत्याशी उतारे, इसलिए टिकट पर पुनर्विचार जरूरी है।

    हमारा उद्देश्य बगावत नहीं, बल्कि कांग्रेस की मजबूती का है। ऐसे प्रयास होने चाहिए कि कांग्रेस कानपुर संसदीय सीट पर जीते, इसीलिए नेतृत्व तक बात पहुंचाई है।

    -महेश मेघानी, वरिष्ठ नेता व व्यापारी

    टिकट देना नेतृत्व का काम है। कुछ लोग बेवजह भ्रांति फैला रहे है। प्रदेश अध्यक्ष से बात हुई है। पार्टी कोई बदलाव नहीं करने जा रही है। वर्तमान प्रत्याशी को ही ताकत से लड़ा रहे हैं।

    -नौशाद आलम मंसूरी, महानगर अध्यक्ष

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