पृथ्वीराज को लेकर कन्नौज के लोगों में रोष, बोले- गद्दार नहीं थे राजा जयचंद, फिल्म में गलत दिखाया गया, रखा इनाम
Kannauj News अक्षय कुमार की फिल्म सम्रात पृथ्वीराज चर्चा में है। कन्नौज में कान्यकुब्ज शिक्षा एवं समाज सेवा समिति की बैठक में साहित्यकारों ने फिल्म का विरोध किया। इस दौरान ऐलान किया कि जो राजा जयचंद को गद्दार साबित कर दे उसे पांच लाख का इनाम दिया जाएगा।

कन्नौज, जागरण संवाददाता। अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म सम्राट पृथ्वीराज में दिखाए गए कन्नौज के राजा जयचंद के किरदार को लेकर साहित्यकारों और लोगों में नाराजगी है। फिल्म में राजा जयचंद को गद्दार बताने पर लोगों पर आक्रोश है। उनका कहना है कि राजा जयचंद गद्दार नहीं थे। फिल्म में गलत दिखाया गया है। इसका हम विरोध करेंगे।
शनिवार को जीटी रोड स्थित होटल में कान्यकुब्ज शिक्षा एवं समाज सेवा समिति के पदाधिकारियों ने बैठक की। समिति अध्यक्ष नवाब सिंह यादव ने कहा कि फिल्म में जिस तरह कन्नौज के राजा जयचंद को गद्दार बताया गया, वो निराधार है। कहा हमारी समिति प्रत्येक वर्ष चक्रवर्ती राजा जयचंद की वीरता का गुणगान करती है। किसी भी साहित्यकार ने राजा जयचंद को गद्दार नहीं बताया है। बोले, समिति ऐलान करती है कि अगर कोई राजा जयचंद को गद्दार साबित कर दे तो उसे पांच लाख का इनाम दिया जाएगा। राजा जयचंद को यवनों क नाश करने वाला राजा कहा गया है। मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज का जब युद्ध हुआ था तो राजा जयचंद तटस्थ रहे थे। अगर पृथ्वीराज मदद मांगते तो जयचंद मदद जरूर करते। कहा, राजा जयचंद गद्दार का आरोप लगाया जाता है। कहा जाता है कि जयचंद ने पृथ्वीराज पर आक्रमण करने के लिए गौरी को भारत बुलाया और उसे सैनिक सहायता भी दी थी। यह पूरी तरह काल्पनिक है। ऐसा समकालीन इतिहास में कहीं भी नहीं लिखा है।
उन्होंने कहा कि रविवार को राजकीय पुरातत्व संग्रहालय में जिले भर के कवि, साहित्यकार और लोग जुटेंगे। फिल्म में राजा जयचंद के किरदार को जो दिखाया गया है, उसका विरोध होगा। बोले, फिल्म का विरोध नहीं है। हां, राजा जयचंद का जो किरदार दिखाया गया है। उसके विरोध में है। साहित्यकार और कवि सुशील राकेश शर्मा ने कहा इतिहास में जो लिखा गया है वो इस फिल्म में तोड़ मरोड़ कर दिखाया गया है। एक तरफ पृथ्वीराज को पराक्रमी दिखाया गया है वहीं दूसरी तरफ वो कन्नौज के राजा जयचंद को गद्दार। हमारा राजा वीर था। जब तक राजा जयचंद का राज रहा, कोई भी मुगल भारत में घुस नहीं सका। सनातनी संस्कृ़ति का परचम हमेशा लहराता रहा। इस मौके पर समिति के सदस्य संजय दुबे, अमित मिश्रा, धर्मेन्द्र कुशवाहा, सत्येंद्र यादव, कल्लू शर्मा, धर्मवीर पाल, भूरा यादव आदि लोग उपस्थित रहे।
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