कलेक्ट्रेट का बाबू बन महिलाओं से हड़पे 3.50 लाख रुपये, डीएम ने पकड़वाया; एडीएम के आदेश पर मुकदमा दर्ज
Kanpur News कानपुर में एक दलाल ने कलेक्ट्रेट में बाबू बनकर आसरा आवास योजना के आवेदकों से लाखों रुपये ठग लिए। पीड़ित महिलाओं ने डीएम से शिकायत की जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी लंबे समय से ठगी में लिप्त था और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर काम करता था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, कानपुर। दलाल ही कलेक्ट्रेट का बाबू बन बैठा। कार्यालय में पीड़ितों से मिलकर आसरा आवास योजना के कई आवेदकों से लाखों रुपये हड़प लिए। जब उन्हें आवास नहीं मिला, रुपये लौटाने में आनाकानी की तो पीड़ित महिलाएं डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह से मिलीं।
उन्होंने आरोपित को बुलाकर पुलिस के हवाले कराया। एडीएम सिटी डा.राजेश कुमार के आदेश पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपित के लंबे समय से ठगी में लिप्त होने की बात सामने आई है। पुलिस पूछताछ कर रही है।
नौबस्ता आवास विकास निवासी पूनम ने बताया कि दो साल पहले आसरा आवास योजना के लिए कलेक्ट्रेट में आवेदन किया था। उस दौरान उनकी मुलाकात वहां बैठे शाहिद से हुई। उसने खुद को कलेक्ट्रेट का बाबू बताया। कहा कि आवास दिला देगा पर 80 हजार रुपये देने पड़ेंगे।
पहले विश्वास नहीं हुआ पर जब-जब कलेक्ट्रेट गईं तो शाहिद किसी न किसी कार्यालय में कुर्सी पर मिला। भरोसा कर उसे 80 हजार रुपये दे दिए। उसके भरोसा दिलाने पर नौबस्ता आवास विकास कालोनी की आरती बाजपेई, रामादेवी की शीला गौड़ व मोहम्मद गुलाब शेख से भी रुपये दिला दिए।
चारों से करीब साढ़े तीन लाख रुपये लेने के कई दिन बाद भी आवास नहीं मिले तो जानकारी मांगी। वह टालमटोल कर फोन नहीं उठाता और धमकाता था। पांच मार्च को डीएम से शिकायत करने पहुंचीं, लेकिन मुलाकात नहीं हुई। सोमवार को डीएम मिले तो पूरी बात सुनकर मंगलवार को शाहिद को पकड़वाकर कोतवाली थाने भिजवा दिया। कोतवाली प्रभारी जगदीश पांडेय ने बताया कि आरोपित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।
कर्मचारियों की कुर्सी पर बैठ गांठता था रौब
पीड़िता ने बताया कि शाहिद कभी किसी अधिकारी तो कभी कर्मचारी की कुर्सी पर बैठकर रौब गांठता था। कोई फरियादी कर्मचारी को प्रार्थनापत्र दे तो वह कर्मचारी से प्रार्थनापत्र लेकर खुद पूछताछ करने लगता था। इससे लोग उसे अधिकारी समझ बैठे व फंस गए।
एडीएम न्यायिक, एसडीएम कोर्ट में रहा बोलबाला
पीड़ितों का आरोप है कि शाहिद वर्षों से एडीएम न्यायिक कोर्ट में बैठकर मुकदमों की पैरवी करता रहा। उसे तत्कालीन पेशकार का करीबी बताया गया है। साथ ही एसडीएम सदर कोर्ट के भी मुकदमों की पैरवी कराता था। उनको निपटाने के लिए सुविधा शुल्क लेता था। उसका विकास भवन स्थित डूडा कार्यालय में भी आना जाना था। कर्मचारियों की मिलीभगत से योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए पैसे लेता था।
जिलाधिकारी, जितेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया
किसी भी सरकारी कार्यालय में भ्रष्टाचार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। बाहरी व्यक्तियों के माध्यम से वसूली करने वालों को भी रडार पर लिया गया है। निगरानी में पकड़े जाने पर मुकदमा दर्ज कराकर जेल भेजा जाएगा।
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