दीपावली से पहले बारूद के ढेर पर था कानपुर, 10 करोड़ के पटाखे बरामद
कानपुर शहर में अब तक 10 करोड़ रुपये के पटाखे बरामद किए गए हैं। पुलिस ने अवैध पटाखों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए यह बरामदगी की। ये पटाखे घनी आबादी वाले इलाकों में बिना सुरक्षा मानकों के रखे गए थे। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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जागरण संवाददाता, कानपुर। बारूद के ढेर पर शहर था, लेकिन कमिश्नरेट के अधिकारी इससे अनजान थे। सालों से पुलिस और दलालों के गठबंधन से नगर में पटाखों का अवैध भंडारण व बिक्री हो रही थी, लेकिन अधिकारियों को तब पता चला जब मिश्री बाजार में हुए विस्फोट में 12 लोग घायल हो गए, जिसमें एक की बाद में मौत तक हो गई। पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल के निर्देश के बाद ताबड़तोड़ छापेमारी हुई तो 10 दिन में 400 क्विंटल पटाखे बरामद हुए, जिसकी कीमत लगभग 10 करोड़ बताई गई। इन पटाखों को रखने मेें खतरा होने पर पुलिस ने बरामदगी के बाद उन पर पानी डालना शुरू कर दिया, जिससे कोई विस्फोट न हो सके।
नगर में लगभग 20 करोड़ से ज्यादा के पटाखों का भंडारण दीपावली से लगभग 20 दिन पहले हो जाता है। व्यापारी ये पटाखे आगरा, मैनपुरी, हाथरस, वाराणसी पटाखे मंगवाते हैं, लेकिन देसी पटाखों के लिए उन्नाव, कानपुर देहात, फतेहपुर समेत जिलों से आते हैं। इन पटाखों का भंडारण व्यापारी अवैध तरीके से गेस्ट हाउस, दुकान व मकान किराये पर लेकर करते हैं। इन व्यापारियों से गली-मुहल्लों के कई छोटे-छोटे दुकानदार पटाखे खरीदते हैं।
इन व्यापारियों में से कुछ व्यापारियों के पास बिक्री का लाइसेंस भी रहता है, लेकिन पटाखों का भंडारण अवैध होता है। ये भंडारण व बिक्री सामान्य तरीकों से नहीं हो सकता है। इसके लिए दलाल स्थानीय पुलिस से सांठगांठ करके पहले उन्हें पकड़ते हैं, फिर पैसों की सेटिंग कर लेते हैं, लेकिन अधिकारी इन सबसे अनजान रहते थे। आठ अक्टूबर की शाम मूलगंज के जिस मिश्री बाजार में अब्दुल बिलाल की दुकान के बाहर विस्फोट हुआ था। उस बाजार की सैकड़ों दुकानों में अवैध पटाखों की बिक्री होती थी।
विस्फोट के बाद छापेमारी शुरू हुई तो पुलिस ने कई दुकानों से पटाखों का अवैध भंडारण पकड़ा। दो दर्जन दुकानें व गोदाम को सील भी किया गया। इसके बाद ताबड़तोड़ छापेमारी के दौरान मूलगंज, कोतवाली, फजलगंज, गोविंद नगर, नौबस्ता समेत थानाक्षेत्रों से अब तक पुलिस लगभगत 400 क्विंटल पटाखों की बरामदगी कर चुकी है। अधिकारी का कहना है कि ये छापेमारी अभी जारी रहेगी। इतनी बड़ी मात्रा में पटाखों का अवैध भंडारण होना बड़ी बात है। बरामद पटाखों में पानी डालकर थाना परिसर में रखा गया है।
इसीलिए डाला जा रहा बरामद पटाखों में पानी
संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून-व्यवस्था आशुतोष कुमार ने बताया कि बरामद पटाखों को थाने में रखना खतरे से कम नहीं था। इसके अलावा ये भी चर्चाएं थीं कि पुलिस ही पटाखों को बेच रही या परिचितों को दे रही है। इस पर उन पर बरामद करने के बाद पानी डालने के निर्देश दे दिए गए हैं। अब तक लगभग 10 करोड़ के 400 क्विंटल पटाखे बरामद हो चुके हैं। छापेमारी अभी जारी रहेगी।
कार्रवाई को किसी ने सराहा, तो कोई बोला खानापूर्ति है:
पटाखों का अवैध भंडारण पकड़ने की कार्रवाई संतोष जनक है। इस तरह से अवैध भंडारण से न जाने कितनों की जिंदगी दांव पर लगी रहती है। ऐसे लोग अपना स्वार्थ देखते हैं, लेकिन दूसरों की जिंदगी नहीं है। पुलिस को इस तरह से कार्रवाई करते रहना चाहिए।
- मो. इसरार, अध्यक्ष, थोक पटाखा व्यापारी एसोएिशन
विस्फोट एक जगह हुआ और बदनाम पूरे शहर के पटाखा व्यापारी हो गए। पुलिस भी इस तरह से कार्रवाई कर रही है। जैसे कोई व्यापारी बावरिया गिरोह का सदस्य हो। पटाखों की बरामदगी के बाद पुलिस किसे दे रही या बेच रही है। किसको पता। अब खानापूर्ति के लिए पटाखों पर पानी डालने का दिखावा कर रही है।
संजय गुप्ता, गुजैनी डी ब्लाक (व्यापारी नेता)
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