नमरा हत्याकांड : सामने आई एक ऐसी बात जो हो सकती हत्या की वजह
नमरा के पिता के साथ पुलिस ने सहवान के फ्लैट की तलाशी ली और अलमारी से बरामद किए कई सुराग।
कानपुर, जेएनएन। नागेश्वर अपार्टमेंट के फ्लैट में पत्नी नमरा की हत्या के बाद कोचिंग संचालक मोहम्मद सहवान की खुदकशी के मामले में पुलिस की जांच में परतें दर परतें खुलकर सामने आ रही हैं। अब एक ऐसी बात सामने आई है, जो नमरा की हत्या में एक वजह हो सकती है। वहीं फ्लैट की छानबीन में नमरा की अलमारी से साधारण मोबाइल का मिलना भी काफी अटपटा लग रहा है। क्योंकि दोनों ही काफी महंगा मोबाइल रखते थे तो नमरा के पास यह साधारण मोबाइल कहां से आया और क्यों रखा था।
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कोचिंग के चेयरमैन पद को लेकर हुआ थ विवाद
नमरा अपने शौहर सहवान के साथ बेहद खुश थी। कोचिंग आने-जाने के लिए हत्या के दो दिन पहले ही नई कार देखकर आई थी। विदेश जाने के लिए वह पासपोर्ट बनवाने जा रही थी कि अचानक कोचिंग के चेयरमैन पद को लेकर घर में विवाद हो गया। इससे नमरा तनाव में आ गई। घटना वाले दिन शाम चार बजे उसने अपनी चचेरी बहन उजमा बेगम को मोबाइल पर इसकी जानकारी दी थी।
चचेरी बहन उजमा को किया था फोन
पिता शहंशाह के मुताबिक बेटी नमरा का मोबाइल क्यों बंद था यह पता नहीं, लेकिन उसने एक नंबर से अपनी चचेरी बहन उजमा बेगम को फोन किया था। उसने प्रॉपर्टी और कोचिंग के चेयरमैन पद को लेकर विवाद की बात बताई। चेयरपर्सन बनने के बाद कोचिंग आने-जाने के लिए वह नई कार खरीदने वाली थी। दूसरी ओर शुक्रवार को मीडिया के माध्यम से पता चला कि उस कोचिंग पर सहवान के एक भाई ने हक जताया था। शादी के बाद घर से ताल्लुक न के बराबर होने के चलते नमरा ने पासपोर्ट बनवाने के लिए मार्कशीट व आधार कार्ड की डुप्लीकेट कॉपी भी निकलवाई थी। उसका पति के साथ उमरा करने जाने और विदेश घूमने का प्लान था।
जुलाई में देने वाली थी दावत
प्रेम विवाह करने के बाद परिजनों से बढ़ी दूरी को कम करने के लिए नमरा दावत-ए-वलीमा (रिसेप्शन) करने जा रही थी। इसके लिए उसने अपनी छोटी बहन से लेकर मुंबई में रहने वाली बड़ी बहन तक को जानकारी दी थी। इसके लिए शॉपिंग व तैयारियां शुरू कर दी थीं।
नमरा की अलमारी में मिला साधारण मोबाइल
बांगरमऊ निवासी सपा नेता शहंशाह, बहन फुरकाना बेगम, भाई महताब अहमद व भतीजे महरूक खान के साथ शुक्रवार दोपहर करीब 3:30 बजे कल्याणपुर थाने पहुंचे। एएसपी आदित्य लांग्हे, सीओ कल्याणपुर अजय कुमार सिंह व इंस्पेक्टर अश्विनी पांडेय से मिले और फ्लैट की तलाशी की गुजारिश की। शाम 5:45 बजे पुलिस के साथ वे बेटी नमरा के फ्लैट पहुंचे। कमरे में बेटी के खून के छींटे देखकर परिजन फफक पड़े। बेटी की हत्या से जुड़े सुराग के लिए घर खंगालना शुरू किया।
नमरा की अलमारी से एक साधारण मोबाइल फोन मिला। यहां पति को लिखा प्रेमपत्र, इंटर की मार्कशीट की डुप्लीकेट कॉपी, सहवान की लिखी गई एक डायरी और दोनों के बीच प्यार की दास्तां कहते ग्रीटिंग व फोटो मिले। पुलिस ने इन्हें भी जांच का हिस्सा बना लिया है। आइफोन रखने वाले दंपती के घर से साधारण फोन की बरामदगी ने कई सवाल खड़े किए। सीओ अजय कुमार ने बताया कि मोबाइल फोन किसका है, उसमें कौन-सा सिम पड़ा है और किससे बातें होती थीं, यह सर्विलांस टीम जांच रही है।
पैदल वालों की नहीं होती रजिस्टर में एंट्री
नागेश्वर अपार्टमेंट की सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे से लेकर सुरक्षा गार्ड तक शो-पीस ही साबित हो रहे हैं। वहीं गेट पर रजिस्टर में पैदल आने जाने वालों की कोई इंट्री नहीं मिली है। कल्याणपुर पुलिस ने शुक्रवार को फिर नागेश्वर अपार्टमेंट के सुरक्षा सिस्टम को चेक किया। इसमें पता लगा कि घटना के दिन 48 में 17 कैमरे खराब थे। डीवीआर का स्विच ऑफ होने से सही कैमरों से भी कोई रिकार्डिंग नहीं हुई। लिफ्ट में लगे कैमरे शुरू से खराब है। अपार्टमेंट की सुरक्षा के लिए लगे कैमरे धोखा दे गए तब पुलिस ने आसपास सीसीटीवी खोजने शुरू किए हैं।
नमरा-सहवान रहते थे रिजर्व
पुलिस ने परिजनों के सामने जब नमरा व सहवान के विषय में जानकारी जुटाई तो अधिकतर लोगों ने दोनों के रिजर्व रहने की बात कही। घर के सामने रहने वाले टीटीई राजा भइया निरंजन ने बताया कि दोनों किसी से मतलब नहीं रखते थे। लड़ाई-झगड़े तक की किसी को आहट नहीं हुई। पड़ोसी इस घटना से स्तब्ध हैं।
दूसरी डायरी की राइटिंग से होगा पहली का मिलान
पुलिस ने शुक्रवार को मिली डायरी की राइटिंग घटना वाले दिन मिली डायरी में सहवान के लिखे नोट से कराएगी। पुलिस ने काकादेव निवासी एक प्राइवेट हेड राइटिंग एक्सपर्ट से मिलान के बाद इसे फोरेंसिक लैब भेजने की बात कही है।
सहवान की कमाई देख जीएसटी करेगा जांच
चंद वर्षों में करोड़ों की कमाई से आलीशान फ्लैट, महंगी कारें और संपत्तियां खरीदने वाले ग्लोबल कोचिंग सेंटर के मालिक मोहम्मद सहवान के रिटर्न को वाणिज्य कर विभाग ने खंगालना शुरू कर दिया है। निशाने पर दूसरे कोचिंग संचालक भी आ सकते हैैं। दरअसल, कल्याणपुर में पांच फ्लैट, महंगी कारें, काकादेव व बर्रा में कोचिंग, 20 करोड़ रुपये मेहर की बातें सामने आने के बाद वाणिज्य कर विभाग ने पड़ताल शुरू कर दी है। शुरुआत सर्विस टैक्स के रिटर्न को देखने से हो रही है।
अधिकारी यह देख रहे हैैं कि पांच-छह साल में सहवान ने कोचिंग से कितनी कमाई की? अफसर बताते हैैं कि सहवान की लाइफ स्टाइल से पता लगता है कि वह रोजाना हजारों रुपये खर्च करता था। उसकी कोचिंग में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। इनसे कितनी फीस ली गई? क्या उसका पूरा टैक्स चुकाया गया? सहवान को नजीर मानकर दूसरे कोचिंग संचालकों की कमाई भी परखी जाएगी। उनकी भी जांच होगी। कोचिंग मंडी में संचालक सिर्फ पढ़ाते ही नहीं हैैं, बल्कि छात्र-छात्राओं को हॉस्टल भी देते हैैं। इससे होने वाली मोटी कमाई का जिक्र ही नहीं होता। कोचिंग मंडी के हॉस्टल भी जांचे जाएंगे।
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