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    UP News: कानपुर IIT की पीएचडी छात्रा ने फंदा लगाकर दी जान, एक साल में चौथी आत्‍महत्‍या से हड़कंप

    Kanpur IIT News उत्‍तर प्रदेश के कानपुर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां कानपुर आईआईटी की छात्रा प्रगति ने फंदे से लटककर जान दे दी है। इस घटना से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। मृतक छात्रा के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला है। पुलिस मामले की जांच करने में जुट गई है।

    By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 11 Oct 2024 07:35 AM (IST)
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    IIT छात्रा प्रगति की फाइल फोटो। स्वजन

     जागरण संवाददाता, कानपुर। आईआईटी कानपुर की पीएचडी छात्रा प्रगति खायरा ने गुरुवार सुबह हास्टल के कमरे में नायलान की रस्सी का फंदा बना लटककर जान दे दी। उसके फोन नहीं उठाने पर साथी छात्राओं ने हास्टल प्रबंधन को जानकारी दी।

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    पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव उतारा और फारेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। छात्रा के कमरे से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें आत्महत्या के लिए खुद को जिम्मेदार बताया है। बीते एक साल के भीतर आईआइटी में आत्महत्या की ये चौथी घटना है।

    मूलरूप से उरई निवासी गोविंद खायरा चकेरी में परिवार के साथ रहते हैं। वह शहर के एक ज्वैलरी शोरूम में स्टाफ मैनेजर हैं। गोविंद ने बताया कि बेटी कानपुर आईआईटी के हास्टल में रहकर पृथ्वी विज्ञान से पीएचडी कर रही थी और अंतिम वर्ष की छात्रा थी।

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    गुरुवार दोपहर 12 बजे के बाद आईआईटी प्रबंधन के बुलाने पर वह पहुंचे, तब जानकारी हुई कि गुरुवार सुबह बेटी लेक्चर लेने नहीं पहुंची। पुलिस ने हास्टल के कमरे का दरवाजा तोड़ा। अंदर बेटी का शव रस्सी के सहारे पंखे से लटकता हुआ मिला।

    अपर पुलिस उपायुक्त पश्चिम विजेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि आत्महत्या का कारण नहीं पता चला है। छात्रा का मोबाइल कब्जे में लेकर जांच की जा रही है। छात्रा ने सुसाइड नोट में किसी को भी दोषी नहीं ठहराया है। स्वजन से तहरीर मिलने पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

    आईआईटी के कार्यवाहक निदेशक अमलेंदु चंद्रा की ओर से जारी विज्ञप्ति में घटना को कष्टकारी बताते हुए पुलिस को जांच में पूरी मदद की जाएगी।

    IIT में छात्रा प्रगति की आत्महत्या की घटना के बाद पोस्टमार्टम हाउस में शोकाकुल खड़े पिता गोविंद खारेया ( दाएं )। साथ में अन्य स्वजन।-जागरण


    वर्षभर में चौथी आत्महत्या से शैक्षिक माहौल पर उठे सवाल

    आईआईटी में छात्रा प्रगति की आत्महत्या ने संस्थान के शैक्षिक माहौल को सवालों के घेरे में ला दिया। वर्ष भर में यह चौथी आत्महत्या है। आईआईटी में पिछले साल 19 दिसंबर को 34 वर्षीय शोधकर्ता पल्लवी चिल्का ने छात्रावास के कमरे में छत के पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी।

    कानपुर आईआईटी-फाइल फोटो

    11 जनवरी को 31 वर्षीय एमटेक द्वितीय वर्ष के छात्र विकास कुमार मीणा और 18 जनवरी को केमिकल इंजीनियरिंग की पीएचडी छात्रा प्रियंका जायसवाल ने आत्महत्या कर ली थी। विकास की आत्महत्या में उसके फेल होने का मामला सामने आया था।

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    पिछले वर्ष दिसंबर और जनवरी के दौरान तीन मामलों के बाद आईआईटी ने मनोविज्ञान परामर्श व्यवस्था को दुरुस्त करने का दावा किया है। परामर्श केंद्र में मनोविज्ञानियों की संख्या बढ़ाकर नौ की जा चुकी है।