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    ये कैसी व्यवस्था...उरई में घायल को लोडर में अस्पताल ले गई पुलिस, मौत होने पर स्वजन ने जाम लगा किया हंगामा

    Updated: Sun, 16 Nov 2025 04:24 PM (IST)

    उरई में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। एंबुलेंस न मिलने पर पुलिस ने घायल को लोडर में अस्पताल पहुंचाया, जहाँ उसकी मौत हो गई। इससे नाराज़ परिजनों ने सड़क जाम कर हंगामा किया।

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    जागरण संवाददाता, उरई। उरई के ग्राम सदूपुरा से शादी के कार्ड बांटने भिंड जा रहे बाइक चालक हादसे का शिकार हो गया। घायल होने पर पुलिस लोडर में लेकर अस्पताल पहुंची, जहां डाक्टरों ने उसे मृत बताया। गुस्साएं स्वजन ने मेडिकल कालेज के बाहर शव को रखकर हंगामा करने लगे।

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    रविवार की दोपहर दो बजे जालौन के छत्रसाल इंटर कालेज के सामने पीछे से आ रहे ट्रक ने टक्कर मार दी। बाइक चला रहा युवक सड़क पर सिर के बल जा गिरा। हेलमेट न लगाए होने से उसके सिर में चोट लग गई। मौके पर पहुंची पुलिस उसे एंबुलेंस न रखकर लोडर में लादकर सीएचसी न ले जाकर सीधे मेडिकल कालेज लेकर आई। इस दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। उसके साथ सवार दूसरे युवक को पुलिस ने दूसरी गाड़ी में जबरन बैठा लिया था।

     


    मेडिकल कालेज में जैसे ही युवक को उतारा तो डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इससे गुस्साए स्वजन ने मेडिकल कालेज के बाहर शव रखकर जाम लगा प्रदर्शन किया। स्वजन ने कहा कि पहले घायल को एंबुलेंस से सीएचसी ले जाना था लेकिन पुलिस कर्मियों ने ऐेसा नहीं किया। बाद में ट्रक चालक पर कार्रवाई के आश्वासन के बाद स्वजन ने जाम खोला तो शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

     


    रामपुरा थाना क्षेत्र के ग्राम कपूरे का पुरा निवासी विनोद पत्नी छोटी बाई व इकलौते पुत्र 21 वर्षीय अंकित के साथ ग्राम सदूपुरा अपने बहनोई उमाशंकर के पास रहता था। गांव में उसका आना जाना था। उमाशंकर के पुत्र सोबरन की शादी है इसलिए अंकित गांव के ही रंजीत के साथ कार्ड लगाने के लिए बाइक से भिंड जा रहा था।

     


    अंकित व रंजीत जैसे ही जालौन में छत्रसाल इंटर कालेज के पास पहुंचे तो पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक में टक्कर मार दी जिससे अंकित सीधे सिर के बल सड़क पर जा गिरा जबकि रंजीत गिट्टी के ढेर पर गिरा। हादसे के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने ट्रक को रोक लिया और पुलिस को सूचना दी।

     


    मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने सबसे पहले घटनास्थल पर एक लोडर को रोका और घायल अंकित को उसी में लाद दिया। इसके बाद उसे सीएचसी न ले जाकर पुलिस सीधे मेडिकल कालेज लेकर पहुंची तब तक उसकी मौत हो चुकी थी और डाक्टरों ने भी उसे मृत घोषित कर दिया।

     


    रंजीत ने बताया कि पुलिस ने उसे दूसरे वाहन में बैठा लिया था और मेडिकल कालेज के बाहर उतार दिया। सूचना के बाद जब स्वजन मौके पर पहुंचे तो उन्होंने कालपी रोड पर मेडिकल कालेज के बाहर शव रखकर जाम लगा दिया।

     


    स्वजन ने बताया कि पुलिस की लापरवाही से पुत्र की मौत हो गई। अगर पुलिस उसे सीएचसी ले जाती तो शायद प्राथमिक उपचार के बाद उसकी जान बच सकती थी। बाद में पुलिस ने स्वजन को समझाकर जाम खुलवाया और कार्रवाई का आश्वासन देकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

     


    मामले की उन्हें जानकारी नहीं है। अगर पुलिस ने घायल को ले जाने में लापरवाही की है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
    शैलेंद्र कुमार वाजपेयी, सीओ जालौन