Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वंदे मातरम राष्ट्रीय गीत के 150 साल पूरे होने पर कानपुर में कुछ ऐसा मना उत्सव, महसूस हुई स्वाधीनता की चेतना

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 03:50 PM (IST)

    Vande Mataram 150th Anniversary: कानपुर में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने पर विशेष उत्सव का आयोजन किया गया। शहर के विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, देशभक्ति गीत और प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों ने स्वाधीनता की चेतना का अनुभव किया। 

    Hero Image

    नानाराव पार्क में सामूहिक गान कार्यक्रम में डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह, मेयर प्रमिला पांडे, विधायक महेश त्रिवेदी। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर।  Vande Mataram 150th Anniversary: राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने पर शुक्रवार को नानाराव पार्क में सामूहिक गान का आयोजन हुआ। देशभक्ति और गौरव के माहौल में स्कूल के छात्र, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, समाजसेवी और सांस्कृतिक संस्थाओं के सदस्य एकत्र हुए होकर वंदे मातरम का सामूहिक गायन किया। समारोह में देशभक्ति गीतों की धुन पर बच्चों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं, जिससे पूरा नानाराव पार्क वंदे मातरम के जयघोष से गूंज उठा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     

    इस गीत से देशप्रेम की भावना को करें आत्मसात: मेयर

    स्वतंत्रता आंदोलन में इस गीत की प्रेरक भूमिका को याद करते हुए वक्ताओं ने कहा कि यह गीत आज भी हर भारतीय में मातृभूमि के प्रति समर्पण और गर्व की भावना जगाता है। महापौर प्रमिला पांडेय ने कहा कि वंदे मातरम गीत भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। यह गीत हर भारतीय को अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक करता है और राष्ट्रनिर्माण की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को इस गीत की भावना को आत्मसात कर देश के विकास में योगदान देना चाहिए।

     

    इस गीत ने स्वतंत्रता संग्राम को जनआंदोलन का रूप दिया: विधायक

    विधायक नीलिमा कटियार ने कहा कि बंगाल की पावन धरती पर रचित वंदे मातरम भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक चेतना और मातृभूमि-भक्ति का संगम है। विधायक सरोज कुरील ने कहा कि यह गीत राष्ट्रप्रेम और साहस का अमर प्रतीक है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम को जनांदोलन का रूप दिया। विधायक सुरेंद्र मैथानी ने कहा कि वंदे मातरम ने देशभर में आजादी की चेतना फैलाकर लोगों को एकजुट किया।

     

    नई पीढ़ी को राष्ट्रहित में कार्य करने की प्रेरणा देता यह गीत: महेश त्रिवेदी

    विधायक महेश त्रिवेदी ने इसे मातृभूमि के प्रति समर्पण का उद्घोष बताते हुए कहा कि यह नई पीढ़ी को राष्ट्रहित में कार्य करने की प्रेरणा देता है।जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण ने कहा कि वंदे मातरम् भारतीय आत्मा की आवाज है, जिसने हर युग में युवाओं को राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन देशभक्ति, संस्कृति और कर्तव्यबोध को मजबूत करते हैं।

     

    देशभक्ति के प्रति आस्थाका सजीव चित्रण: डीएम

    डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि 1857 की क्रांति के बाद रचित यह गीत भारतीय समाज की सभ्यता और मातृभूमि के प्रति आस्था का सजीव चित्र प्रस्तुत करता है। वंदे मातरम ने उस दौर में भारतीयों के भीतर स्वाभिमान और आत्मविश्वास की नई चेतना जगाई थी। उन्होंने कहा कि यह गीत आज भी एकता और संघर्ष की प्रेरणा देता है। 

     

    ये भी रहे मौजूद

    इस दौरान डीसीपी यातायात रवींद्र कुमार, डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार, सीडीओ दीक्षा जैन, एडीएम वित्त एवं राजस्व डा विवेक चतुर्वेदी, एडीएम सिटी डा राजेश कुमार, एसडीएम अनुभव सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और नागरिक मौजूद रहे।

     

    WhatsApp Image 2025-11-07 at 13.22.07

    बीएनएसडी शिक्षा निकेतन परिसर में वंदे मातरम सामूहिक गान के दौरान मौजूद छात्राएं।

     

    भाजपा के नेतृत्व में वंदे मातरम गीत का सामूहिक गान

    वंदे मातरम गीत के डेढ़ सौ वर्ष होने के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में इस गीत का सामूहिक गान किया गया। इस मौके पर करीब दो सौ छात्र छात्राएं उपस्थित रहीं। इस मौके पर क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि वंदे मातरम वह अमर स्वर है जिसने गुलामी की बेड़ियों में जकड़े भारत को आज़ादी की राह दिखाई। जब-जब भारत माता पर संकट आया, यह गीत हर भारतवासी के हृदय में नई ऊर्जा, साहस और एकता का संचार करता रहा।

     

    इससे वसुधैव कुटुंबकम की भावना

    उन्होंने कहा कि वंदे मातरम केवल मातृभूमि की स्तुति नहीं, बल्कि राष्ट्र के प्रति श्रद्धा, त्याग और समर्पण की भावना का प्रतीक है। यही कारण है कि स्वतंत्रता संग्राम के हर आंदोलन, हर सत्याग्रह और हर बलिदान के पीछे यही गीत प्रेरणा स्रोत रहा है। वंदे मातरम नवभारत के उस संकल्प का प्रतीक है जिसमें प्रत्येक नागरिक अपने भीतर भारत माता के प्रति श्रद्धा, सेवा और समर्पण की भावना को जीवित रखता है। यही भावना भारत को वसुधैव कुटुंबकम के संदेश वाहक के रूप में विश्व में प्रतिष्ठा दिलाती है।

     

    दिलाई शपथ

    इस मौके पर स्वदेशी अपनाने की शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम में महापौर प्रमिला पांडेय, जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण, विधायक नीलिमा कटियार , सुरेंद्र मैथानी ,महेश त्रिवेदी, विधान परिषद सदस्य सलिल विश्नोई,पूर्व विधायक रघुनंदन भदौरिया, जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित, शिवराम सिंह, जन्मेजय सिंह, अवधेश सोनकर, आनंद मिश्रा, अनुराग शर्मा आदि मौजूद रहे।