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    NIA Raid in UP: टेरर फंडिंग मामले में लंबी पूछताछ के बाद रिहा किए गए डॉ अबरार और उनके बेटे, नहीं मिला कोई सबूत

    By Jagran NewsEdited By: Swati Singh
    Updated: Wed, 11 Oct 2023 04:17 PM (IST)

    NIA Raid in UP टेरर फंडिंग के खिलाए लगातार एक्शन जारी है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से करीबी रिश्तों की जांच पड़ताल के लिए एनआईए बुधवार से पूरे प्रदेश में छापेमारी शुरू की है। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक सुबह करीब 1130 बजे निया के टीम एक परिवार के चार सदस्यों को लेकर मूलगंज थाने पहुंची। पूछताछ के बाद इस परिवार को छोड़ दिया गया।

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    कानपुर में NIA का बड़ा एक्शन

    जागरण संवाददाता, कानपुर। उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए की कार्रवाई लगातार जारी है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से करीबी संबंधों के चलते राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी ने बुधवार को प्रदेश में कई जनपदों में छापेमारी की। आतंकी संगठनों से जुड़े तार को तोड़ने के लिए एएनआईए की टीम लगातार उत्तर प्रदेश में कार्रवाई कर रही है।

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    इसी क्रम में एनआईए ने कानपुर के मूलगंज थाना क्षेत्र से भी एक परिवार को पूछताछ के लिए उठाया है। कानपुर के इस परिवार को मूलगंज थाने लाया गया है जहां उनसे पूछताछ की गई। लंबी पूछताछ के बाद एनआईए ने डॉ अबरार और उनके बेटों को रिहा कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस बार भी एजेंसी इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं जुटा सकी

    बंद कमरे में हुई पूछताछ

    पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से करीबी रिश्तों की जांच पड़ताल के लिए एनआईए बुधवार से पूरे प्रदेश में छापेमारी शुरू की है। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक सुबह करीब 11:30 बजे निया के टीम एक परिवार के चार सदस्यों को लेकर मूलगंज थाने पहुंची। यहां एक बंद कमरे में इनसे पूछताछ की गई। हालांकि, कोई सबूत नहीं  मिलने पर उन्हें रिहा कर दिया गया। 

    यह भी पढ़ें: NIA Raid in UP: पीएफआई से जुड़े संगठनों के ठिकानों पर NIA का छापा, घर छोड़कर भागे लोग; पूछताछ जारी

    डॉक्टर अबरार करते हैं फंडिंग

    सूत्रों के मुताबिक एनआईए ने डॉक्टर अबरार के परिवार को हिरासत में लिया। डॉ अबरार कौन है और कहां रहते हैं अभी इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है। हालांकि पुलिस अधिकारी अभी संबंधित परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं दे रही है। बताया जा रहा है कि डॉक्टर अबरार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों को फंडिंग करते हैं। उनके आर्थिक स्रोतों को लेकर ही उनसे पूछताछ की गई।