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    नेशनल हाईवे पर खत्म होगी मोबाइल नेटवर्क की समस्या, मोबाइल कंपनियां चिह्नित करेंगी ब्लैक स्पाट

    Updated: Mon, 08 Dec 2025 09:27 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में नेशनल हाईवे पर मोबाइल नेटवर्क की समस्या जल्द खत्म होगी। इसके लिए ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए जाएंगे और नए टावर लगाए जाएंगे। कानपुर शहर मे ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। राष्ट्रीय राजमार्गों पर मोबाइल नेटवर्क की समस्या लंबे समय से यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। सफर के दौरान अचानक नेटवर्क गायब होने से न केवल बातचीत बाधित होती है, बल्कि नेविगेशन में भी दिक्कत आती है। कई बार जीपीएस लोकेशन गलत दिखने से वाहन चालक भ्रमित हो जाते हैं और ऐसे मामलों में हादसे भी सामने आ चुके हैं। अब एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) ने इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए मोबाइल कंपनियों को हाईवे पर नेटवर्क जांच करने के दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

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    एनएचएआइ की ओर से मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे हाईवे पर ऐसे सभी स्थानों की परीक्षण कर रिपोर्ट तैयार करें, जहां काल ड्राप, नेटवर्क लो, इंटरनेट स्लो या जीपीएस लोकेशन फेल होने जैसी समस्याएं अधिक आती हैं। जांच में यह भी देखा जाएगा कि किन स्थानों पर नेटवर्क पूरी तरह शून्य हो जाता है, जिससे आपात स्थिति में भी राहगीरों को मदद मांगने में कठिनाई होती है। एनएचएआइ अधिकारी अपने-अपने प्रोजेक्ट सेक्शन में उन स्थानों की सूची भी मोबाइल कंपनियों को उपलब्ध कराने जा रहे हैं, जहां यात्रियों द्वारा शिकायतें अधिक आती हैं।

     

    कानपुर के आस-पास एनएच-19, एनएच-27 और कानपुर-लखनऊ हाईवे, चकेरी-इटावा, चकेरी-प्रयागराज और अलीगढ़-कानपुर हाईव पर कई ऐसे ब्लैक स्पाट हैं, जहां नेटवर्क अचानक गायब हो जाते हैं। इससे यात्रियों को सबसे ज्यादा शिकायत जीपीएस के गलत दिशा दिखाने को लेकर की गईं है, जिससे इमरजेंसी वाहनों को घटनास्थल तक पहुंचने में भी समस्या होती है।



    मोबाइल कंपनियां अब हाईवे पर ड्राइव टेस्ट, वाक टेस्ट और सिग्नल स्ट्रेंथ एनालिसिस करेंगी। ड्राइव टेस्ट के दौरान टेक्निकल टीम विशेष डिवाइस और साफ्टवेयर की सहायता से सड़क के दोनों ओर लगातार नेटवर्क की गुणवत्ता को रिकार्ड करेगी। रिपोर्ट में यह भी शामिल होगा कि किस कंपनी का नेटवर्क किन-किन स्थानों पर कमजोर है और सुधार के लिए क्या कदम आवश्यक हैं।



    इधर, एनएचएआइ की निगरानी टीम भी समानांतर रूप से अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। टीम हाईवे पर यात्रा करते समय वह सभी स्थानों की लोकेशन, समय और समस्या का स्वरूप दर्ज करेगी जहां नेटवर्क बाधित होता है। इसके बाद मोबाइल कंपनियों को एक संयुक्त रिपोर्ट भेजी जाएगी ताकि सुधारात्मक कदम तत्काल उठाए जा सकें।



    नेटवर्क सुधार के लिए एनएचएआइ ने यह भी संकेत दिया है कि जरूरत पड़ने पर हाईवे के किनारे नए मोबाइल टावर लगाए जाएंगे। इसके लिए स्थान चयन, भूमि उपलब्धता और सुरक्षा मानकों को लेकर कंपनियों को सहयोग प्रदान किया जाएगा। हाईवे पर निर्बाध नेटवर्क सेवा यात्रियों की सुरक्षा से सीधे जुड़ा हुआ मुद्दा है। कई बार दुर्घटना होने पर नेटवर्क न मिलने से एंबुलेंस, पुलिस या क्रेन सेवा को फोन नहीं लगाया जा सकता, जिससे स्थिति गंभीर हो जाती है। नेटवर्क सुधार के बाद इस तरह की समस्याओं में कमी आने की उम्मीद है।


    एनएचएआइ के लिए हाईवे पर यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमें कई बार शिकायत मिलती थी कि कुछ स्थानों पर नेटवर्क अचानक गायब हो जाता है। मंत्रालय के स्तर से मोबाइल कंपनियों को विस्तृत नेटवर्क सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं। हमारी टीमें भी पूरे मार्ग का निरीक्षण कर अलग से रिपोर्ट तैयार करेंगी। जहां भी नेटवर्क ब्लैक स्पाट मिलेंगे, उन्हें दुरुस्त कराने के लिए नए टावर भी लगाए जाएंगे। राष्ट्रीय राजमार्गों पर मोबाइल नेटवर्क की गुणवत्ता बेहतर होने से यात्रियों की यात्रा और भी सुरक्षित तथा सहज हो सकेगी।
    पंकज यादव,परियोजना निदेशक, एनएचएआइ