नेपाल में तख्ता पलट के बाद कानपुर के कारोबारियों पर संकट, 8 सौ करोड़ का कारोबार हो सकता प्रभावित
नेपाल में राजनीतिक संकट का असर कानपुर के कारोबारियों पर पड़ा है। लगभग 800 करोड़ रुपये का माल सालाना कानपुर से नेपाल जाता है जिसमें मशीन और खाद्य पदार्थ शामिल हैं। उधार में माल भेजने वाले निर्यातकों के भुगतान अटकने का खतरा है। फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन ने हालात सामान्य होने का इंतजार करने को कहा है।

जागरण संवाददाता , कानपुर। नेपाल (Nepal) में हुए तख्ता पलट का असर कानपुर के कारोबारियों पर भी पड़ा है। कानपुर के जिन कारोबारियों ने उधार में अपना माल नेपाल भेजा है, उनके भुगतान का संकट फंस गया है। यहां से सालाना करीब आठ सौ करोड़ रुपये का माल नेपाल जाता है। इसमें मशीन, खाद्य पदार्थ की मात्रा बहुत अधिक है।
नेपाल में पिछले कुछ दिनों के अंदर सत्ता के खिलाफ स्थितियां बनी हैं। मंगलवार को वहां तख्ता पलट भी हो गया। इससे वे निर्यातक बुरी तरह परेशान हैं, जिन्होंने उधार माल भेजा हुआ है। कानपुर से कंक्रीट मिक्सर मशीन, ई रिक्शा और उसके पार्ट्स, केमिकल, कास्मेटिक, मशीनरी आइटम, चमड़े के पर्स के साथ ही दालमोठ, आलू, प्याज, चावल व सब्जियां नेपाल जाती हैं। इसके अलावा पशुओं का आहार और खाद्य तेल भी कानपुर से सप्लाई होता है। भारत और नेपाल के बीच में ऐसा रिश्ता है कि यहां से माल भेजने वालों को भारतीय रुपये में भुगतान किया जाता है।
पूरे उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां से 12000 करोड़ रुपये का निर्यात होता है। वही, सिर्फ कानपुर की बात की जाए तो यह निर्यात 800 करोड़ रुपये सालाना का हो जाता है। कानपुर से पूरी दुनिया में होने वाले 10000 करोड रुपये के निर्यात में यह एक बड़ी मात्रा है।
पूरे निर्यात में यह हिस्सा आठ प्रतिशत का है। नेपाल के लिए सुनौली, भैरवां, वीरगंज, नेपालगंज आदि बार्डर से माल सड़क मार्ग से पार होता है, लेकिन इस समय संकट यह है कि जिन लोगों ने एडवांस में रुपए लेकर माल भेजा है, उनका तो नुकसान नहीं होगा, लेकिन जिन्होंने उधार में माल भेजा है, उनके लिए संकट है।
फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन के सहायक निदेशक आलोक श्रीवास्तव के मुताबिक, फिलहाल हालात के सामान्य होने का इंतजार करना चाहिए। हालांकि, मंगलवार को भी बहुत से निर्यातकों ने नेपाल माल भेजने के लिए कंट्री आफ ओरिजिन के प्रमाण पत्र संस्था से बनवाए हैं।
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