Navratri 2021: जानिए- नवरात्रि पूजन का विशेष मुहुर्त, इस बार कैसे करें खास तरह से पूजा
इस बार अमृत योग में मंगलवार 13 अप्रैल से चैत्र मास की शुक्लपक्ष की प्रतिपदा यानि नवसंवत्सर का शुभारंभ हो रहा है। वहीं नवरात्रि विशेष शुभ लाभ देने वाला है जिसे लेकर अभी से देवी मंदिरों में तैयारियां भी तेज हो गई हैं।
कानपुर, जेएनएन। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी 13 अप्रैल से नवसंवत्सर का शुभारंभ हो रहा है। इस बार यह अमृत योग में मंगलवार को पड़ रहा है। नवरात्रि को लेकर बारा देवी,जंगली देवी व काली बाड़ी मंदिर सहित शहर के अन्य सभी देवी मंदिरों में नवरात्र को लेकर तैयारियां जोरों पर हैैं। नवरात्र के दिनों में देवी मंदिरों में आस्था का संगम देखने को मिलता है।
धूनी ध्यान केंद्र के आचार्य डॉ. अमरेश मिश्र ने बताया कि चैत्र प्रतिपदा को ही ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। आस्था के इन नौ दिनों मां दुर्गा की उपासना करने से समस्त कष्टों का नाश होता है। इन दिनों मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस बार नवरात्र 13 से प्रारंभ होकर 22 अप्रैल तक रहेगा। उन्होंने बताया कि नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री का पूजन किया जाता है। शैलपुत्री शांति का प्रतीक मानी जाती हैं। मां के पूजन में अक्षत, श्वेत पुष्प, सिंदूर, शहद, पान का पत्ता जो भक्त मां के चरणों में चढ़ाएंगे। उनका कल्याण होगा और समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति होगी। कुंवारी कन्याओं और बालकों के लिए नवरात्र में पूजन व मां के मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है।
ऐसे करें नवरात्र के दिन पूजा
प्रात:काल स्वच्छ वस्त्र धारण करने के बाद अक्षत और जल लेकर संकल्प करना चाहिए। स्वच्छ चौकी पर श्वेत वस्त्र बिछाकर हल्दी से अष्टदल कमल बनाकर मंत्रोच्चारण के बीच मां का स्मरण करते हुए कलश की स्थापना करनी चाहिए। सुबह 8.46 से कलश स्थापना की शुरुआत हो जाएगी। पूजन का विशेष मुहूर्त सुबह 11.22 से लेकर 12.42 तक रहेगा।