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    Navratri 2022 : ऋतु परिवर्तन में व्रत करने वाले खानपान का रखें खास ध्यान, क्या खाएं और किससे करें परहेज

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Mon, 26 Sep 2022 03:19 PM (IST)

    शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन से भक्तों ने व्रत भी रखना शुरू कर दिया है आयुर्वेद चिकित्सक की मानें तो ऋतु परिवर्तन में सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस मौसम में कफ वात और पित्त असंतुलन होने से समस्या हो सकती है।

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    व्रत में खानपान को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। बदलते मौसम में व्रत करने वालों को खानपान में खास ध्यान रखने की जरूरत है। नवरात्रि में लोगों ने नौ दि व्रत भी शुरू कर दिया है, ऐसे में यह जानना भी जरूरी है कि बदलते मौसम में क्या खाना फायदेमंद है और क्या नुकसानदेह। 

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    आयुर्वेद चिकित्सक डा. विजय पाल सिंह कटियार बताते हैं कि ऋतु परिवर्तन से कफ, पित्त व वात में असंतुलन होने से शरीर में अग्नि और वायु तत्व का स्तर बढ़ जाता है। पित्त और वात दोष बढ़ने से पाचन तंत्र की अग्नि कम होने लगती है। ऐसे में ठंडी चीजों का सेवन लाभकारी होता है। इसलिए नवरात्र के व्रत में इसका ध्यान रखना जरूरी है। शरीर में पानी की कमी और ताजगी-स्फूर्ति के लिए नारियल पानी का सेवन हितकारी है। 

    डा. कटियार के मुताबिक मौसम के परिवर्तन में शरीर को अंदर से ठंडा रखने के लिए तरल पदार्थ व मीठी चीजों का सेवन जरूरी है। इसमें दूध, घी, प्राकृतिक रूप से ठंडे फल, नींबू पानी, अनानास का जूस, लस्सी, सूप और जीरे के पानी का सेवन करना चाहिए। नारियल पानी में पोटेशियम की अधिकता से थकान नहीं होती है। पित्त दोष को संतुलित करने को दूध, ताजा दही व पनीर फायदेमंद रहेगा। तीखी, गर्म, खट्टी और नमकीन चीजों के सेवन से बचें। अदरक का सेवन करें, जिससे कफ व वात का नाश होता है।

    दूध-बादाम व मखाने का सेवन फायदेमंद

    व्रत में दिन में दूध और बादाम के सेवन से शरीर को दिनभर के लिए ऊर्जा मिलती है। बादाम में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन-ई भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा मखाने में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, नमी, वसा, खनिज लवण, फास्फोरस और लौह पदार्थ होते हैं।

    मखाने की खीर और घी में भूनकर खाने से शरीर को ताकत मिलती है। इसके अलावा चीनी में पके हुए सूखे मेवे, शहद, श्रीखंड, गुड़, काली मिर्च, हींग, कद्दू के बीज और सूरजमुखी के बीज, रागी, ज्वार-बाजरे, सिंघाड़े या कूटू के आटे की रोटी खा सकते हैं। ऐसे ही अलसी में भी वात, पित्त, कफ रोगों के नाश करने की क्षमता है।

    फलाहारी चाट व थाली का इंतजाम

    शहर के बड़े होटल और रेस्टोरेंट में नवरात्र के फलाहार का इंतजाम किया गया है। कानपुर होटल गेस्ट हाउस स्वीट एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के महामंत्री राजकुमार भगतानी ने बताया कि स्वरूप नगर, लाजपत नगर और किदवई नगर क्षेत्र के कई बड़े मिष्ठान भंडारों में फलाहारी चाट मिलेगी।

    माल रोड, परेड और विकास नगर के बड़े होटलों में फालाहारी थाली को मेन्यू में शामिल किया गया है। कई रेस्टोरेंट में कूटू की पूड़ी, आलू की सब्जी और खीर मिलेगी, जिसमें सेंधा नमक का इस्तेमाल होगा। फलाहारी थाली दो से नौ रुपये में उपलब्ध कराई जा रही है।