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    Nagendra Swaroop Death: डीएवी शिक्षण संस्थान के सचिव नागेंद्र स्वरूप का निधन, शिक्षा जगत में शोक की लहर

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Mon, 24 May 2021 08:46 AM (IST)

    कानपुर में शिक्षा जगत का जाना माना नाम दुनिया से रुखसत होने जाने से शिक्षकों में शोक छा गया है। वह कोरोना से संक्रमित हुए थे लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आने ...और पढ़ें

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    कानपुर शहर में शिक्षा जगत में थी खास पहचान।

    कानपुर, जेएनएन। दयानंद एंग्लोवैदिक शिक्षण संस्था के सचिव डॉ. नागेंद्र स्वरूप का सोमवार की सुबह निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे नागेंद्र स्वरूप ने उपचार के दौरान रीजेंसी अस्पताल में अंतिम सांस ली। कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट नेगेटिव होने के बाद वह फिर बीमार हो गए थे और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन के बाद शिक्षकों में शोक की लहर छा गई है और शिक्षा जगत में अपूरणीय क्षति कहा जा रहा है।

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    अस्टू बाबू के नाम से थी पहचान

    कानपुर में प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में स्वरूप परिवार जाना-माना नाम है। स्वरूप परिवार का हिस्सा रहे नागेंद्र स्वरूप की पहचान अस्टू बाबू के नाम से थी। उनके दो भाई जागेंद्र स्वरूप और रागेंद्र स्वरूप थे, जिनका निधन हो चुका है। जागेंद्र स्वरूप लगातार कई बार एमएलसी रहे थे और रागेंद्र स्वरूप कांग्रेस नेता और समाजसेवी थे। भाइयों के निधन के बाद से नागेंद्र स्वरूप ही सचिव पद पर रहकर दयानंद एंग्लोवैदिक शिक्षण संस्थान की गतिविधियों का संचालन कर रहे थे।

    इसके अलावा निजी स्कूलिंग में भी डॉ. वीरेंद्र स्परूप एजुकेशन सेंटर के फाउंडर भी रहे। उनके निधन से शिक्षा जगत में शोक की लहर छा गई है। उनके आवास पर अंतिम दर्शन के लिए लोगों का सुबह से तांता लगना शुरू हो गया है। शहर भर प्रमुख लोग और दयानंद शिक्षण संस्थान से जुड़े कालेज के प्राचार्य और शिक्षक बंगले पर पहुंच रहे हैं। बेटे ने बताया कि गौरवेंद्र स्वरुप ने बताया की पिता का अंतिम संस्कार भैरव घाट पर दोपहर डेढ़ बजे से दो बजे के बीच होगा।

    यह भी पढ़ें:- कानपुर में शिक्षा का उजियारा फैलाने वाला एक और चिराग बुझा, जानिए- कैसी थी डॉ. नागेंद्र स्वरूप की शख्सियत

    बताया गया है कि नागेन्द्र स्वरूप पिछले काफी दिनों से बीमार थे। वह पहले कोरोना से संक्रमित हुए थे और फिर रिपोर्ट निगेटिव आने पर स्वस्थ हो गए थे। लेकिन, फिर तबियत खराब होने पर घरवालों ने सर्वोदय नगर स्थित रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया था। कुछ समय तक वेंटीलेटर पर भी रखा गया था और फिर स्वास्थ्य में सुधार हो गया था। रविवार सुबह अचानक हालत अस्थिर होने के बाद करीब चार बजे अंतिम सांस ली।

    उनके निधन की खबर से शोक की लहर दौड़ गई। उनका पार्थिव शरीर सिविल लाइंस स्थित बंगले ले जाया गया है। उन्होंने फरवरी माह में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान के दौरान विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महामंत्री चंपत राय को 11 लाख रुपए की चेक स्वरूप परिवार की ओर से सौंपी थी।