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    Mulayam Singh Yadav: कानपुर से मिला था धरती पुत्र का नाम, जिगरी दोस्त की मौत पर दौड़े आए थे मुलायम

    By Abhishek AgnihotriEdited By:
    Updated: Mon, 10 Oct 2022 01:31 PM (IST)

    समाजवादी पार्टी के संस्थापक एवं संरक्षक मुलायम सिंह यादव का कानपुर शहर से भी गहरा जुड़ाव रहा है। धरती पुत्र का नाम भी उन्हें शहर में रहने वाले घनिष्ठ मित्र पूर्व विधायक श्याम मिश्र ने दिया था। नेताजी के निधन पर कानपुर में भी शोक की लहर है।

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    कानपुर में नेताजी की यादें साझा कर भावुक हुए समर्थक।

    कानपुर, जागरण संवाददाता। सपा संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) का कानपुर से करीबी का नाता रहा। मुलायम सिंह काे नाम धरती पुत्र और भूमि पुत्र का नाम कानपुर में मिला था। यह नाम देने वाले कोई और नहीं उनके जिगरी दोस्त पूर्व विधायक श्याम मिश्र थे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री रहते हुए मुलायम दौड़े चले आए थे।

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    पूर्व विधायक श्याम मिश्र के भाई नरेश मिश्र बताते है कि भइयो की नेताजी से घनिष्ठ मित्रता थी। कानपुर आने पर नेताजी और श्याम दद्​दा एक रिक्शे में बैठकर शहर घूमकर हालचाल लेते थे और एक साथ बैठकर खाना खाते थे। नेताजी जब भी कानपुर आते तो श्याम दद्​दा से जरूर मिलते थे। जनवरी 2007 में भइया श्याम मिश्र की मृत्यु हो गई, उस वक्त मुलायम सिंह यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री थे।

    जानकारी मिलेते ही प्रोटोकाल तोड़कर शहर के लिए रवाना हुए। नेताजी के आने की जानकारी मिलने पर प्रशासनिक अफसरों में खलबली मच गई और सीघे धनकुट्टी घर पहुंच गए। तत्कालीन मंडलायुक्त अनिता भटनागर जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री सीढ़ियां कैसे चढ़ेंगे। इसपर उनको बताया गया कि कई बार इन्हीं सीढ़ियों से चढ़कर ऊपर आ चुके हैं, यहां आने पर वह करीब एक घंटे तक परिवार के साथ रहे थे।

    सरकार बनते ही पूरी की थी व्यापारियों की मांग

    सपा के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र मोहन अग्रवाल बताते हैं कि वह नेताजी (Mulayam Singh Yadav) से 30 साल से जुड़े थे और बड़े-छोटे भाई जैसे संबंध थे। पहली बार 25 जुलाई 1993 में लाजपत भवन में व्यापारियों के सम्मेलन में नेताजी ने कहा था कि जैसे ही सरकार बनेगी सभी समस्याएं निस्तारित होंगी। उनकी बातों टेप कर ली थीं और सरकार बनते ही सबसे पहले नेताजी ने आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त कर दिया था।

    पूर्व कानपुर देहात सपा जिलाध्यक्ष वीर सेन यादव बताते हैं कि वर्ष 2001 में पुखरायां के बेलाही बाजार में समाजवादी पार्टी की रैली का संचालन किया था। इस रैली में पूर्व केबिनेट मंत्री बेनीप्रसाद वर्मा, लाल सिंह तोमर, राकेश सचान, अरुणा कोरी, मुनींद्र शुक्ला समेत बड़ी संख्या में किसान मजदूर शामिल हुए थे। रैली में जनसमर्थन देखकर नेताजी ने संचालन कर रहे तत्कालीन सपा नेता जिला पंचायत सदस्य वीर सेन की प्रशंसा की थी।

    सपा के पूर्व नगर अध्यक्ष चंद्रेश सिंह बताते हैं कि वर्ष 96-97 में डीएवी कालेज के छात्र संघ के शपथ समारोह में नेताजी (Mulayam Singh Yadav) आए थे। अंबर त्रिवेदी ने बताया कि जुलाई 1993 में स्वतंत्रता सेनानी प्रमुख समाजवादी नेता स्वर्गीय रेवा शंकर त्रिवेदी जी की धर्मपत्नी सावित्री त्रिवेदी के निधन पर भूसा टोली आवास पर नेताजी मिलने आए थे।

    25 मार्च 1990 को लोहिया स्मारक समिति कानपुर के पुरस्कार समारोह में प्रदेश के सभी कार्यालयों से अंग्रेजी हटाने का ऐलान किया था। सपा विधायक अमिताभ बाजपेई, इरफान सोलंकी और मोहम्मद हसन रूमी ने कहा कि नेता जी का आशीर्वाद सदैव उन पर बना रहा है।

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