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    कानपुर में 995 करोड़ की लागत से बनेगा एलीवेटेड ट्रैक, 18 क्रॉसिंग होंगी जाममुक्त; 50 लाख लोगों को फायदा

    By Malay BajpaiEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Wed, 18 Dec 2024 12:15 PM (IST)

    मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगा। 995 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस ट्रैक से कानपुर की 50 लाख आबादी को जाम से मुक्ति मिलेगी। 18 रेलवे क्रॉसिंग पर लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी। आसपास के बाजारों और दुकानदारों को भी फायदा होगा। पिछले 20 साल से एलीवेटेड ट्रैक की कवायद चल रही थी।

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    कानपुर में 995 करोड़ की लागत से बनेगा एलीवेटेड ट्रैक

    शिवा अवस्थी,  कानपुर।  कोई बाधा नहीं आई तो अब मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक वर्ष 2027 तक बनकर तैयार हो जाएगा और इस पर ट्रेनें दौड़ने लगेंगी। 2025 के मार्च या अप्रैल तक निविदा प्रक्रिया पूरी कर काम कार्यदायी संस्था को सौंप दिया जाएगा।

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    995 करोड़ रुपये से निर्मित होने वाले एलीवेटेड रेलवे ट्रैक के निर्माण की समयावधि दो साल रखी गई है। इससे शहर की 50 लाख आबादी को जाम के झंझट से मुक्ति मिल जाएगी, जबकि मंधना से लेकर अनवरगंज तक पड़ने वाली 18 रेलवे क्रासिंग पर हर दिन फंसने वाले लाखों वाहनों को सुगम रफ्तार मिलेगी। आसपास के बाजारों व दुकानदारों को भी बड़ी राहत मिलेगी।

    20 साल पहले शुरू हुई थी कवायद

    मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक को लेकर लगभग 20 साल पहले कवायद शुरू हुई थी।  तत्कालीन सांसदों, व्यापारियों, सामाजिक संगठनों ने इसे लेकर आवाज उठाई। पिछले दिनों तत्कालीन सांसद सत्यदेव पचौरी, अकबरपुर के सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने भी बात रखी।

    वर्तमान में कानपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद रमेश अवस्थी लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं। इससे तेजी आई है। दो साल में राज्य सरकार से लेकर रेलवे बोर्ड तक सभी तरह की सहमति मिल चुकी हैं। अब केवल निविदा प्रक्रिया बाकी है।

    सोमवार को केस्को की लाइनें हटाने, भूमि अधिग्रहण, किसी तरह की बाधा हटाने समेत कोई मकान या दुकान आने पर उन्हें क्षतिपूर्ति देकर हटाने को लेकर अपर जिलाधिकारी नगर डा. राजेश कुमार के नेतृत्व में अफसरों ने स्थिति समझी। लेखपालों को निर्देश दिए गए।

    मंडलायुक्त अमित गुप्ता के निर्देश पर लगातार काम चल रहा है। अब सभी तरह की जरूरतों को तय करने के बाद वर्ष 2025 के मार्च से अप्रैल के बीच निविदा हो जाएगी।

    समन्वयक नीरज श्रीवास्तव बताते हैं, दो साल में एलीवेटेड रेल ट्रैक बनना है। इसके 2025 से शुरू होकर 2027 तक तैयार होने की उम्मीद है। ईपीसी मोड पर काम के लिए एक ही कंपनी अलग-अलग क्षेत्र में कार्य पूरा कराएगी।

    डायवर्ट की जाएंगी 50 से अधिक ट्रेनें

    एलीवेटेड रेलवे ट्रैक निर्माण के लिए दो साल तक यहां ट्रेनें नहीं चलेंगी। 50 से अधिक ट्रेनों को दूसरे रूट पर डायवर्ट किया जाएगा। कुछ ट्रेनों को हरदोई के रास्ते लखनऊ होकर सेंट्रल लाने की तैयारी पर परीक्षण चल रहा है। इसी तरह मुंबई, उत्तराखंड से आने वाली ट्रेनों को शिकोहाबाद से दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर ले जाया जा सकता है। कानपुर से कासगंज के बीच की ट्रेनों को मंधना तक चलाया जा सकता है।

    जागरण ने उठाया था मुद्दा

    दैनिक जागरण के हाल ही में फिर से इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद तेजी आई। मंडलायुक्त अमित गुप्ता व तत्कालीन जिलाधिकारी विशाख जी की पहल पर मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सीधे रुचि दिखाई थी। वर्तमान में जिला प्रशासन शिद्दत के साथ काम कर रहा है।

    बाजारों को मिलेगा फायदा, घटी लागत

    जीटी रोड के समानांतर एलीवेटेड रेलवे ट्रैक के निर्माण से मंधना, कल्याणपुर, गीतानगर, गुरुदेव, रावतपुर, गोल चौराहा, नजीराबाद, अस्सी फीट रोड, गुमटी, जरीब चौकी, पी रोड-सीसामऊ समेत आसपास की बाजारों को फायदा होगा। जरीब चौकी अंडरपास बनने के बाद योजना की लागत 150 करोड़ रुपये घटी है।

    ये भी होगा लाभ

    सभी रेलवे क्रॉसिंगों पर वाहन फंसने से होने वाला प्रदूषण खत्म होगा।

    उत्तर और दक्षिण के बीच सुगम सफर मिल जाएगा, वाहन नहीं फंसेंगे।

    बीमारों को हृदय रोग संस्थान, एलएलआर समेत अस्पतालों में पहुंचाना आसान होगा।

    बाजारों में ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी और दुकानदारों का कारोबार बढ़ेगा।

    कानपुर सांसद रमेश अवस्थी ने कहा-

    मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक निर्माण के लिए हर बाधा दूर करा दी गई है। नए साल में निविदा के बाद शिलान्यास कराकर निर्माण तेजी से कराया जाएगा।

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