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    बेरिएट्रिक मेटाबोलिक सर्जरी करने वाला यूपी का पहला सरकारी हॉस्पिटल बना LLR, इन बीमारियों में कारगर

    Updated: Tue, 30 Dec 2025 06:00 AM (IST)

    जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के एलएलआर अस्पताल में पहली बार बेरिएट्रिक मेटाबोलिक सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। यह प्रदेश का पहला जिला स्तरीय सरकारी अस्पता ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल में पहली बार बेरिएट्रिक मेटाबोलिक सर्जरी की गई। दावा है कि प्रदेश का यह पहला जिला स्तरीय राजकीय अस्पताल है, जहां अब इस सर्जरी से मरीज को मोटापे के साथ फैटी लिवर, अनियंत्रित रक्तचाप, डायबिटीज व बढ़े कोलेस्ट्राल से निजात मिल जाएगी।

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    निजी अस्पतालों में इस सर्जरी को कराने में पांच से 12 लाख तक का खर्च आता, जो यहां निश्शुल्क की गई।जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्राचार्य और वरिष्ठ सर्जन प्रो. संजय काला ने बताया कि 45 बीएमआइ, हाई बीपी व अनियंत्रित डायबिटीज की समस्या के साथ 54 वर्षीय महिला ओपीडी पहुंची थी। जांच में महिला का वजन 100 किलो से अधिक निकला।

    अधिक वजन के कारण महिला को हार्निया, जोड़ों में घिसाव की समस्या मिली। उसको सर्जरी विभाग ने बेरिएट्रिक मेटाबोलिक सर्जरी से राहत दिलाई। प्राचार्य ने बताया कि 10 दिसंबर को सर्जरी के बाद महिला का बीपी व डायबिटीज स्तर 19 दिन में ही आधे से कम स्तर पर पहुंच गया है।

    हासिल किया नया आयाम

    सर्जरी विभाग की टीम ने स्लीव गैस्ट्रेक्टामी विद सिंगल एनास्टोमोसिस डुओडेनो-जेजुनल बाइपास लैप्रोस्कोपी विधि से छह घंटे में सफलतापूर्वक सर्जरी कर इस क्षेत्र में नया आयाम हासिल किया है।

    उन्होंने बताया कि हार्निया का भी उपचार किया गया। अब आर्थो विभाग के डा. फहीम अंसारी की देखरेख में महिला के घुटने का उपचार प्लाज्मा रिच प्लेटलेट्स (पीआरपी) थेरेपी से किया जाएगा। डा. फहीम ने बताया कि घुटने की स्थिति गंभीर है। दर्द मुक्त करने के लिए पीआरपी थेरेपी देने के बाद हड्डियों का झुकाव दूर किया जाएगा।

    सर्जिकल टीम में प्राचार्य प्रो. संजय काला, प्रो. आरके जौहरी, डा. अभिषेक गोंड, डा. आलोक यादव, डा. सुमित, डा. सुरेश, डा. दिशा, डा. काफिलुर, डा. पल्लवी, डा. करण शामिल रहे। 

    यह वजन घटाने की सर्जरी है, जो पाचन तंत्र (पेट और छोटी आंत) में बदलाव करती है, ताकि व्यक्ति कम खा सके और शरीर पोषक तत्वों का अवशोषण कम कर सके, इससे मोटापे से ग्रस्त लोगों को वजन कम करके अन्य कई बीमारियों से बचाया जाता है। इस सर्जरी के बाद आपको भूख कम लगेगी और अगर आप अधिक खाते हैं तो फैट मोशन के जरिये शरीर से निकल जाएगा।