सर्दी शुरू होते ही कानपुर चिड़ियाघर में इन देशों से पहुंचे प्रवासी पक्षी, उनके बसेरों के लिए बढ़ाई गई निगरानी
कानपुर चिड़ियाघर में सर्दी की शुरुआत के साथ ही विदेशी प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। साइबेरिया और यूरोप से आए इन मेहमानों की सुरक्षा के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। उनके बसेरों के आसपास निगरानी बढ़ा दी गई है और ठंड से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। चिडियाघर प्रवासी पक्षियों से गुलजार होने लगा। सुदूर देशों से आने वाले प्रवासी पक्षी यहां बसेरा करने लगे हैं। इन्होंने झील के आस-पास घोंसले बनाने शुरू कर दिए हैैं। यह पूरी सर्दी यहीं पर बिताएंगे, अंडे देंगे, उनमें से बच्चे निकलेंगे, सर्दी कम होने पर वे वापस लौटने लगेंगे।
इस वजह से आते यहां
प्रवासी पक्षी हर वर्ष सर्दियां शुरु होने पर ऐसे देशों से यहां आते हैं जहां तापमान बहुत कम होता, बर्फ जम जाती है। वे जीवन बचाने तथा भोजन की तलाश में भारत सहित आसपास के देशों में बसेरा करते हैं।
आना शुरू हुआ पक्षियों का
चिड़ियाघर में जंगल जैसा प्राकृतिक वातावरण, झील, घने पेड़, प्रवासी पक्षियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। प्रवास के साथ ही उनको यहां सुरक्षा भी मिलती है। ऐसे में हर वर्ष बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी यहां सर्दी बिताने आते है। इस वर्ष भी इनका आना शुरू हो चुका है। ये झील के आस-पास, पेडों पर अपने रहने की जगह बना रहे है।
जानें कौन से आए पक्षी
चिड़ियाघर ने नाइट हेरान, पांड हेरान, लिटिल कारमोनेंट, पेंटेड स्टार्क पक्षियों की पहचान की गई है। चिड़ियाघर के अधिकारियों का कहा है कि अभी प्रवासी पक्षियों का आना जारी रहेगा। सर्दी बढ़ने के साथ इनकी संख्या भी बढ़ेगी।
क्षेत्रीय वन्य अधिकारी ने ये कहा
क्षेत्रीय वन्य अधिकारी नवेद इकराम ने बताया कि बर्ड्स वाचर प्रवासी पक्षियों को टावर से देख सकते हैं। अगले माह तक प्रवासी पक्षियों से चिड़ियाघर की झील व आस-पास का क्षेत्र भर जाएगा। चिड़ियाघर के निदेशक डा. कन्हैया पटेल ने प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कर्मचारियों से कहा है कि जिन स्थानों पर प्रवासी पक्षी बसेरा कर रहे हैं, वहां नियमित रूप से निगरानी की जाए।
हजारों किमी की यात्रा करके आते हैं पक्षी
बर्फीले क्षेत्रों से जान बचाने, खाने की तलाश में आते प्रवासी पक्षी यूरोप, साइबेरिया, अलास्का जैसे बर्फीले क्षेत्रों से हजारों किलोमीटर की यात्रा कर यहां आते हैं। सर्दी में इन क्षेत्रों का तापमान शून्य से नीचे पहुंच जाता है। ऐसे में प्रवासी पक्षी अपनी जान बचाने तथा खाने की तलाश में उन स्थानों पर पहुंचते हैं जहां का मौसम उनके अनुकूल हो। वे बर्फीले क्षेत्रों से भारत व उसके आसपास के देशों की तरफ उड़ान भरते हैं। उत्तर भारत का मौसम उनके लिए बेहतर होता है, भोजन भी आसानी से मिल जाता है।

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