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    Kanpur Weather Updates: दिल्ली से लखनऊ तक छाई धुंध, कानपुर में सुबह से और बढ़ेगा घना कोहरा

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 11:19 PM (IST)

    कानपुर में दिल्ली से लखनऊ तक घनी धुंध छाई हुई है। सुबह से ही घना कोहरा और बढ़ने की आशंका है, जिससे दृश्यता कम हो सकती है। मौसम विभाग ने लोगों को सावधा ...और पढ़ें

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    रामादेवी एलीवेटेड हाईवे पर मंगलवार की सुबह 8 बजे पड़ रहे कोहरे के बीच निकलते वाहन। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। कोहरे के साथ बढ़ते प्रदूषण ने दिल्ली से लखनऊ तक धुंध की मोटी चादर बिछा दी है। इससे बुधवार को भी घने कोहरे और धुंध की संभावना बढ़ गई है। मौसम विभाग ने दो दिन तक घने कोहरे वाले मौसम की चेतावनी भी जारी की है। कोहरे और धुंध की वजह से मंगलवार की सुबह शहर में दृश्यता 35 मीटर से भी नीचे चली गई जबकि गंगा के किनारे क्षेत्र में दृश्यता 25 से 27 मीटर के बीच रही है।

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    धुआं और कोहरे की ओस बूंदों के एक साथ मिलने से गहरी धुंध वातावरण में फैल गई है। मंगलवार की सुबह हुई तो पूरा शहर घने कोहरे और धुंध की चपेट में दिखाई दिया। सुबह साढ़े सात बजे तक दृश्यता न्यूनतम बनी रही। मौसम विशेषज्ञ डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि सोमवार को उत्तर प्रदेश के आगरा और आसपास के मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के क्षेत्रो में कोहरे की शुरुआत हुई थी जिसका असर मंगलवार को कानपुर और आस - पास के क्षेत्रों में दिखाई दिया है।

     

    शहर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज के पास मंगलवार की सुबह दृश्यता 30 से 35 मीटर के बीच रही है। शहर के अन्य क्षेत्रों में भी कोहरा घना छाया रहा है गंगा नदी के किनारे के हिस्सों में दृश्य था 25 से 27 मीटर के बीच की रही है जिससे सुबह आवागमन में परेशानी हुई है।



    मौसम में आए बदलाव की वजह उत्तर -पश्चिमी हवा की बढ़ी रफ्तार भी रही है। बादलों और घने कोहरे की वजह से रात का न्यूनतम तापमान एक दिन पहले के 7.2 डिग्री से बढ़कर नौ डिग्री पर पहुंच गया है। जबकि हवा तेज चलने से दिन का तापमान 24.9 से घटकर 21.9 डिग्री पर पहुंच गया है। आर्द्रता का अधिकतम स्तर 97 प्रतिशत और न्यूनतम 56 प्रतिशत रहा है। उत्तर पश्चिमी हवा की औसत गति 3.1 किमी प्रति घंटा रही है।

     

    कोहरा और धुंध में अंतर

    डा. पांडेय ने बताया कि जब हवा में नमी रहती है तो पानी की बहुत छोटी-छोटी बूंदें हवा में तैरने लगती हैं और ज़मीन के करीब एक घने बादल जैसी दिखती है। यह प्रक्रिया अक्सर रात में ज़मीन ठंडी होने के कारण या नम हवा के ठंडी सतह के ऊपर आने से होती है। इसमें जब धूल और प्रदूषण के कण मिल जाते हैं तो धुंध बन जाती है।