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    ये है कानपुर की यूपी 112, सूचना पर घटनास्थल पर पहुंचती फटाफट

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 11:11 PM (IST)

    कानपुर पुलिस की यूपी 112 सेवा ने त्वरित प्रतिक्रिया से अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अगस्त में 21178 और सितंबर में 22890 सूचनाओं पर तुरंत पहुंचकर कई लोगों की जान बचाई और आपराधिक घटनाओं को रोका। बेहतर रिस्पांस टाइम के कारण कानपुर यूपी 112 प्रदेश के कमिश्नरेट में पहले स्थान पर रहा। सितंबर में चोरी की घटनाओं से संबंधित सूचनाएं भी बढ़ी।

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    कमिश्नरेट जिलों में सूचनाओं पर पहले पहुंचने में कानपुर की यूपी 112 अव्वल। जागरण

    जागरण संवाददाता, कानपुर। प्रदेश के कमिश्नरेट के सात जिलों में कानपुर की यूपी 112 सबसे पहले सूचनाओं पर पहुंचती है, जिससे आत्महत्या करने वाले कई लोगों की जान तक बचाई जा सकी है तो वहीं कई अपराधिक घटनाएं भी होने से रुकी है। अगस्त में 21178 सूचनाओं पर तो सितंबर माह में 22890 सूचनाओं पर यूपी 112 की 139 पीआरवी पहुंची। पुलिस के इसी रिस्पांस टाइम और ज्यादा से ज्यादा सूचनाओं पर पहुंचने की वजह से सितंबर 2025 में कानपुर की यूपी 112 प्रदेश के सात कमिश्नरेट में अव्वल रही, जबकि प्रदेश के जिलों में सातवीं रैंक प्राप्त की है।

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    कमिश्नरेट पुलिस लंबे समय से आआइटी के साथ मिलकर विशेष साफ्टवेयर की मदद से पुलिस रिस्पांस व्हीकल की लोकेशन तय करती है। इसका असर अब दिखने भी लगा है। तीन साल पहले कमिश्नरेट पुलिस की यूपी 112 का रिस्पांस टाइम औसत आठ से 10 मिनट के बीच था, लेकिन धीरे-धीरे ये रिस्पांस टाइम घटकर लगभग साढ़े छह मिनट के आसपास आ चुका है।

    जुलाई माह में यूपी 112 का रिस्पांस टाइम पर 7:03 मिनट था। वहीं अगस्त में 6:31 मिनट हो गया। सितंबर में ये रिस्पांस टाइम 6:36 मिनट व अक्टूबर में 6:32 मिनट आ गया। पुलिस आयुक्त के स्टाफ आफिसर राजेश पांडेय ने बताया कि पुलिस का रिस्पांस टाइम काफी सुधरा है, जिससे जो भी सूचनाएं आती हैं। उन्हें पीआरवी ज्यादा से ज्यादा अटैंड कर रही है, जिससे प्रदेश के कमिश्नरेट जिलों में कानपुर में पहला स्थान व प्रदेश में जिलों में सातवां स्थान मिला है।

    चोर के शोर से अगस्त से सितंबर में 656 सूचनाएं ज्यादा आईं

    सितंबर माह में चोरों का शोर काफी तेजी से हुआ। चोरों से निपटने के लिए लोग लाठी-डंडे लेकर रातभर घरों के बाहर पहरेदारी करते और यूपी 112 पर काल कर देते थे। यही नहीं कोई भी संदिग्ध मिलता तो उसे पीट देते थे। चोर के शोर के बीच अगस्त में जहां 1291 सूचनाएं आईं। वहीं सितंबर में बढ़कर 1947 हो गई थीं।

    सितंबर का पुलिस रिस्पांस टाइम:

    • शहरी क्षेत्र: 5:43
    • ग्रामीण क्षेत्र: 9:00
    • औसत: 6:36

    अक्टूबर (एक से पांच तक)

    • शहरी क्षेत्र: 5:40
    • ग्रामीण क्षेत्र: 9:04
    • औसत: 6:32

    सितंबर माह में आईं सूचनाएं: 22890

    • विवाद की सूचना: 5929
    • घरेलू हिंसा: 3313
    • हत्या का प्रयास: 2457
    • चोरी: 1947
    • दुर्घटना: 846
    • 1090 से संबंधित :1037
    • संपत्ति विवाद: 621
    • डकैती:293
    • यातायात जाम: 303

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