ये क्या हुआ! कानपुर के एक हजार ट्रक देशभर में जहां हैं वहीं खड़े हो गए, यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने दी चेतावनी
कानपुर के शहर के लगभग एक हजार ट्रक पूरे देश में जहाँ हैं, वहीं खड़े हो गए हैं। इससे परिवहन व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि एक द ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर शहर में एक दिसंबर से व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस न लगने के कारण ट्रकों का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है। पिछले पांच दिन में इसकी वजह से शहर के करीब एक हजार ट्रक देश में जहां के तहां खड़े हो गए हैं। यूपी मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष कटारिया के मुताबिक इस डिवाइस को लगाने की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं है, फिर भी परमिट जारी नहीं हो रहा है। इस आदेश को तुरंत नहीं हटाया गया तो ट्रकों को चलाना मुश्किल हो जाएगा। इसके लिए उन्होंने ट्रांसपोर्ट आयुक्त को पत्र लिख इस आदेश को वापस लेने के लिए कहा है।
मनीष कटारिया ने बताया कि जिस समय दिल्ली में निर्भया कांड हुआ था, उस समय यह निर्णय हुआ था कि यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस लगानी होगी। इस डिवाइस में एक सिम ट्रक मालिक का होगा और दूसरा सरकार का ताकि वाहन में कोई घटना होने पर यात्री अगर पैनिक बटन दबा देता है तो पास के थाने को तुरंत उस वाहन की लोकेशन मिल जाएगी। यह व्यवस्था देश भर में लागू करने के निर्देश दिए गए थे।
मनीष कटारिया के मुताबिक इस आदेश के हिसाब से यात्री वाहनों तक में व्यवस्था नहीं हो सकी और एक दिसंबर 2025 से माल वाहक वाहनों पर इस डिवाइस को लगाने का आदेश कर दिया गया। इसके डिवाइस को लगाए बिना परमिट भी न देने की बात कही गई लेकिन अब तक शहर में इस डिवाइस को लगाने की व्यवस्था नहीं है। इसकी वजह से ट्रकों के परमिट का नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है। इसलिए जिस ट्रक का जहां परमिट खत्म हो रहा है, वे वहीं खड़े कर दिए जा रहे हैं क्योंकि बिना परमिट के ट्रक को चलाने पर परमिट शुल्क 16,500 रुपये का 10 गुणा यानी 1,65,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा रहा है।
अगर कोई दक्षिण के किसी राज्य में जाने के बाद ट्रक का परमिट खत्म हो गया है तो उसे वहीं खड़ा कर दिया जा रहा है क्योंकि वह जिन राज्यों से होकर आएगा, सभी राज्य उस पर एक लाख 65 हजार रुपये का जुर्माना लगा देंगे। इसलिए अच्छा है कि ट्रक जहां खड़े हैं, वहीं खड़े रहें। उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्ट आयुक्त को पत्र लिखकर इस आदेश को वापस लेने की मांग की है।

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