Kanpur News: दिल्ली हावड़ा ट्रैक में मरम्मत में लापरवाही बनी हादसे की वजह, बेपटरी हुए थे जनसाधारण एक्सप्रेस के कोच
Kanpur Train Accident कानपुर के पास दिल्ली-हावड़ा ट्रैक पर साबरमती जनसाधारण एक्सप्रेस के दो डिब्बे लूप लाइन की मरम्मत में लापरवाही के कारण पटरी से उतर गए। जांच में सिग्नल और सिविल इंजीनियरिंग विभागों की लापरवाही सामने आई है। हादसे में कई यात्री घायल हुए और ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ। रेल संरक्षा आयुक्त ने घटनास्थल का दौरा किया।

जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर के पास दिल्ली हावड़ा रेलवे ट्रैक पर ट्रेन हादसे में लापरवाही सामने आई है। साबरमती जनसाधारण एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 15269) के दो कोच लूप लाइन की मरम्मत में लापरवाही के कारण ही बेपटरी हुए। माना जा रहा कि हादसे से लगभग एक घंटा पहले लोको निरीक्षकों की देखरेख में खत्म हुए काम के बाद कोई खामी रह जाने से ही कोच पटरी से उतरे।
सिग्नल एवं टेलीकम्युनिकेशन विभाग की ओर से प्वाइंट को सुरक्षित रखने में खामी, सिविल इंजीनियरिंग विभाग की ओर से लाक क्लिप ठीक से नहीं लगाने व लाइन की मरम्मत में अनदेखी के तीनों बिंदुओं पर शनिवार को पूर्वोत्तर परिमंडल के मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना ने टीम के साथ घटनास्थल पर जांच की। उन्हें कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। तीन से चार दिन में वह अपनी प्राथमिक रिपोर्ट देंगे। दैनिक जागरण ने शुक्रवार को ही इन्हीं बिंदुओं पर हादसे की आशंका जताई थी।
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बिहार के मुजफ्फरपुर जंक्शन से अहमदाबाद के साबरमती बीजी जा रही जनसाधारण एक्सप्रेस सेंट्रल स्टेशन से लगभग 25 किलोमीटर दूर पनकीधाम रेलवे स्टेशन से आगे भाऊपुर के आउटर यार्ड पर दो ट्रेनों को निकालने के लिए लूप लाइन पर ले जाते समय शुक्रवार को दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। ट्रेन के डिब्बे लहराने, झटके लगने व तेज आवाज के साथ आग लगने की अफवाह से यात्री कोचों से कूद पड़े थे। इसमें 15 यात्रियों को मामूली चोटें आई थीं, जबकि पांच को अस्पताल भेजना पड़ा था। दो यात्रियों के पैर में गंभीर चोट पर एलएलआर अस्पताल लाया गया था।
राजधानी-शताब्दी जैसी 26 ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर रोकना पड़ा था। वंदे भारत व स्वर्ण शताब्दी समेत आठ ट्रेनें दूसरे मार्गों से भेजी गई थीं। 56 ट्रेनें सेंट्रल स्टेशन पर दो से पांच घंटा तक देरी से आई थीं। शनिवार सुबह पूर्वोत्तर परिमंडल के रेल संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना ने तकनीकी अफसरों की टीम के साथ भाऊपुर स्टेशन यार्ड में घटनास्थल पर जांच की। उन्होंने यार्ड के लूप लाइन संख्या चार के प्वाइंट चार पर जनसाधारण एक्सप्रेस के इंजन से छठवें व सातवें कोच के बेपटरी होने वाले स्थल पर गहनता से पड़ताल की।
मंडल रेल प्रबंधक प्रयागराज रजनीश अग्रवाल, कानपुर सेंट्रल के उप मुख्य यातायात प्रबंधक आशुतोष सिंह, मंडल इंजीनियर-पांच आयुष सिंह व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक रविन्द्र प्रसाद के साथ उन्होंने एक-एक बिंदु को समझा। यहां से वह जनसाधारण के हटाए गए तीनों कोचों की जांच करने के लिए न्यू कोचिंग कांप्लेक्स गए। फिर एलएलआर अस्पताल में घायलों से मुलाकात कर बात की। दोनों गंभीर रूप से घायल यात्रियों व साधारण घायल तीनों यात्रियों को मुआवजा राशि भी दी गई।
उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि ट्रेन हादसे की जांच शुरू हो गई है। तीन से चार दिन में प्राथमिक रिपोर्ट आ जाएगी। विस्तृत रिपोर्ट के लिए अभी समय लगेगा।
घटना 4:20 बजे हुई, पांच को दर्ज होंगे 120 लोगों के बयान
प्रयागराज मंडल के रेलवे जनसंपर्क अधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि भाऊपुर यार्ड में घटना का समय 4:20 बजे होने की बात सामने आई है। 120 लोगों के बयान लिए जाएंगे। पहले यह 4:15 बजे बताया गया था। रेल संरक्षा आयुक्त पूर्वोत्तर परिमंडल प्रणजीव सक्सेना ने गहनता से जांच की। अब पांच अगस्त को सुबह 10:30 बजे से मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय प्रयागराज के संकल्प हाल में ट्रेन के इंजन में मौजूद टूंडला के लोको पायलट चमन अहमद व लोको निरीक्षक सुनील शर्मा, गार्ड समेत अन्य रेलकर्मियों के बयान दर्ज होंगे। इसके बाद जांच टीम किसी निष्कर्ष पर पहुंचेगी। ट्रेन की रफ्तार 25 किलोमीटर ही थी, उससे अधिक या कम, इसे भी जांच के बिंदु में शामिल किया गया है।
इधर, दिल्ली-हावड़ा रूट पर ट्रेनों की बिगड़ी चाल
जनसाधारण एक्सप्रेस के दो कोच बेपटरी होने के बाद से दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर ट्रेनों की चाल शनिवार को भी बिगड़ी रही। 100 से अधिक ट्रेनें घंटों देरी से सेंट्रल स्टेशन आईं। इससे प्रतीक्षालय, प्लेटफार्मों पर यात्री व उनके स्वजन बेहाल रहे। अभी इसका असर एक से दो दिन रहेगा। लगभग 1708 यात्रियों ने टिकट रद करा दूसरे साधनों से यात्रा की।
सेंट्रल शताब्दी पांच घंटे देरी से पहुंची
शुक्रवार शाम भाऊपुर आउटर यार्ड पर हादसे के बाद ट्रेनों की चाल बिगड़ गई थी। राजधानी-कानपुर सेंट्रल शताब्दी जैसी ट्रेनें पांच घंटा तक देरी से सेंट्रल स्टेशन पहुंचीं। रात 10 बजे आने वाली ट्रेनें सुबह तीन बजे पहुंचीं। हंसपुरम की शिवा, उनके जीजा अनूप शुक्ला, बहन पूजा समय पर पहुंचे, लेकिन पांच घंटे तक भुवनेश्वर तेजस राजधानी का इंतजार करते रहे। दिल्ली-हावड़ा रूट पर हादसे का असर दूसरे दिन तक ऐसा रहा कि लखनऊ जंक्शन से वाया कानपुर सेंट्रल झांसी-मुंबई व वाया अनवरगंज फर्रुखाबाद-कन्नौज के रास्ते जाने वाली ट्रेनें भी लेट हुईं।
आगरा छावनी वंदे भारत एक्सप्रेस एक घंटा, हावड़ा दूरंतो एक्सप्रेस ढाई घंटा, सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस सात घंटा, नार्थ-ईस्ट एक्सप्रेस पौने सात घंटा, दरभंग क्लोन स्पेशल ढाई घंटा, नई दिल्ली स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस सवा चार घंटा, ऊंचाहार एक्सप्रेस पौने दो घंटा, आगरा किला इंटरसिटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस चार घंटा, अयोध्या कैंट-आनंद विहार टर्मिनल वंदे भारत तीन घंटा, जयपुर एक्सप्रेस सवा दो घंटा, हावड़ा-राजधानी एक घंटा, कानपुर सेंट्रल शताब्दी एक्सप्रेस व सियालदह राजधानी एक्सप्रेस पौने दो घंटा, उधना स्पेशल फेयर सात घंटा, पूर्वा एक्सप्रेस एक घंटा, जयनगर गरीब रथ ढाई घंटा, नई दिल्ली दरभंगा सवा तीन घंटा, गोरखपुर किराया विशेष दो घंटा, अवध एक्सप्रेस सवा घंटा, सुहेलदेव सुपरफास्ट एक्सप्रेस पौने पांच घंटा व गोरखधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस साढ़े चार घंटा लेट रहीं।
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