पहले बनेगा स्टेशन 'अटल', फिर एलीवेटेड रेलवे ट्रैक, 2 लोकसभा की 50 लाख आबादी को क्रासिंग के जाम से मिलेगी राहत
कानपुर में बनने जा रहा है पहला अटल स्टेशन और एलिवेटेड रेलवे ट्रैक। 995 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली इस परियोजना को डीपीआर समेत सभी स्वीकृतियां मिल चुकी हैं। पहले चरण में छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के सामने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से नया रेलवे स्टेशन और भवन बनेगा। दूसरे चरण में ट्रैक की आधारशिला रखी जाएगी जो दो साल में पूरा होगा।
जागरण संवाददाता, कानपुर। मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक का निर्माण दो चरणों में पूरा होगा। पहले छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के सामने भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से नया रेलवे स्टेशन व भवन बनेगा। इसके लिए अप्रैल में निविदा प्रक्रिया शुरू होगी।
दूसरे चरण में ट्रैक की आधारशिला रखी जाएगी, जो दो साल में पूरा होगा। इसके लिए गुरुवार को मंडलायुक्त के. विजयेन्द्र पांडियन ने रेलवे अफसरों के साथ नए स्टेशन के लिए कृषि विभाग की भूमि देखी। परियोजना में राज्य सरकार के अंश के तहत भूमि व लगभग 150 भवनों, दुकानों के अधिग्रहण की मुआवजा धनराशि दी जानी है, जबकि कृषि विभाग की भूमि रेलवे को हस्तगत होगी। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अभय गुप्ता ने बताया, रेल मंत्रालय से डीपीआर समेत सभी स्वीकृति मिल चुकी हैं। अब कोई बाधा शेष नहीं है।
वर्ष 2004 में पहली बार मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक निर्माण पर बात चली थी। कानपुर व अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसदों, व्यापारी व सामाजिक संगठनों ने पैरवी की। वर्तमान सांसद रमेश अवस्थी ने लगातार दिल्ली की दौड़ लगा सहमति बनवाई। सांसद देवेंद्र सिंह भोले, विधायक सुरेंद्र मैथानी, अभिजीत सिंह सांगा, एमएलसी सलिल विश्नोई व अरुण पाठक ने भी पत्र लिखे व रेलमंत्री से मिले।
18 रेलवे क्रासिंगों में लगने वाले जाम से मिलेगी राहत
फिर दो लोकसभा क्षेत्रों की 50 लाख आबादी को 18 रेलवे क्रासिंगों में लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाने वाली इस परियोजना को 995 करोड़ रुपये से निर्माण को हरी झंडी मिली। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव हर अड़चन दूर करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की सरहाना कर चुके हैं।
दूसरे चरण में होगा ये काम
निरीक्षण के दौरान रेलवे अफसरों ने मंडलायुक्त को बताया कि जरीब चौकी क्रासिंग पर रेलवे ओवरब्रिज के लिए शासनादेश व जमीन अधिग्रहण संबंधी कार्य पूरा होते ही एलीवेटेड रेलवे ट्रैक निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया दूसरे चरण में जल्द पूरी होगी। मंडलायुक्त ने बताया, राज्य सरकार की ओर से सभी कार्य समय से पूरे करा दिए जाएंगे। प्रशासन व संबंधित सभी विभाग सक्रिय रहेंगे।
रोजाना 20 लाख लोग करते हैं आवाजाही
परियोजना समन्वयक नीरज श्रीवास्तव रहेंगे। ये परियोजना कानपुर में विकास की बड़ी लकीर साबित होगी। जीटी रोड के समानांतर मंधना-अनवरगंज एलीवेटेड रेलवे ट्रैक लाइफ लाइन जैसा है। उत्तर से दक्षिण के लिए प्रतिदिन 20 लाख से अधिक लोग आवाजाही करते हैं, जबकि दूसरे जिलों समेत 50 लाख लोगों में कर्मचारी, मरीज व कारोबारी आते-जाते हैं। मुख्य अभियंता निर्माण आरके सिंह, समन्वयक नीरज श्रीवास्तव समेत अधिकारी उपस्थित रहे।
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दो साल ट्रेनें रहेंगी डायवर्ट, ट्रैक होगा तैयार
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि परियोजना का निर्माण दो साल में पूरा होगा। ट्रैक निर्माण की आधारशिला के साथ ही ट्रेनों का डायवर्जन होगा, जो दो साल यानी 2027 तक रहेगा। उस समय ट्रेनें दिल्ली-हावड़ा, दिल्ली से वाया लखनऊ, बरेली से दिल्ली हावड़ा रेलवे ट्रैक पर डायवर्ट कर निकाली जाएंगी।
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