Updated: Mon, 07 Apr 2025 07:41 AM (IST)
कानपुर में रविवार शाम रामनवमी शोभायात्रा के दौरान पत्थर चलने की अफवाह से अफरा- तफरी मच गई। भगदड़ जैसी स्थिति बनने पर दुकानों के शटर गिर गए। पुलिस ने तत्काल मोर्चा संभाला और यात्रा में शामिल लोगों को शांत कराया। अधिकारियों ने क्षेत्र में रूट मार्च किया। पुलिस ने अफवाह फैलाने वालों की तलाश शुरू कर दी है। वहीं लाउडस्पीकर की संख्या सीमीत पर करने पर भी बवाल हुआ।
जागरण संवाददाता, कानपुर। रामनवमी शोभायात्रा में रविवार शाम पत्थर चलने की अफवाह से अफरातफरी मच गई। भगदड़ जैसी स्थिति बनने पर आनन फानन सद्भावना चौकी से मूलगंज और यतीमखाने तक की दुकानों के शटर गिर गए। पुलिस ने यात्रा में शामिल लोगों को इस झूठी बात कहकर शांत कराया। इसके बाद अधिकारियों ने पीएसी, क्यूआरटी, आरएएफ, दंगा नियंत्रण वाहन के साथ क्षेत्र में रूट मार्च किया।
विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस ने इस तरह की सूचना या अफवाह फैलाने वालों की तलाश शुरू कर दी है। आसपास लगे सीसी कैमरे खंगाले जा रहे हैं।
रविवार शाम चंद्रेश्वर हाता से श्री रामनवमी सेवा समिति की शोभायात्रा उठी। नई सड़क से होते हुए बिसाती बाजार पहुंची ही थी, तभी यात्रा में शामिल लोगों ने पत्थर चलने का शोर मचाया। इससे अफरातफरी मच गई। एकाएक हुई घटना से अलर्ट हुई पुलिस ने इसे अफवाह बता शांत कराया। कुछ युवकों ने पत्थर फेंके जाने की बात बताकर घायल होने की जानकारी दी।
![]()
आनन फानन सद्भावना चौकी से मूलगंज तक और यतीमखाने तक की बाजार बंद कर दी गईं। डीसीपी पूर्वी एसके सिंह, एडीसीपी पूर्वी मनोज पांडेय, एडीसीपी सेंट्रल राजेश श्रीवास्तव समेत अधिकारी सद्भावना चौकी पहुंचे और रूट मार्च किया।
साउंड सिस्टम की संख्या कम कराने पर नोकझोंक
शोभायात्रा में शामिल लोडरों में 30 से 35 लाउडस्पीकर लगे थे। पुलिस अधिकारियों ने उनकी संख्या सीमित करने का निर्देश दिया, जिस पर समिति के पदाधिकारियों की पुलिस से कहासुनी हुई। बाद में समझाने पर संगठन के लोगों ने पुलिस की बात मानकर शोभायात्रा निकालने का फैसला किया। जैसे ही शोभायात्रा बिसातीखाना पहुंची, तभी छत से पथराव होने का शोर मच गया। शिवाला निवासी करन सोनी ने कंधे और एक अन्य के पैर में पत्थर लगने की बात बताई। पुलिस उन्हें प्राथमिक उपचार कराने की बात कहकर साथ ले गई।
श्रवण कुमार सिंह, डीसीपी पूर्वी ने बताया
रामनवमी शोभायात्रा के दौरान कुछ लोगों ने पथराव की अफवाह फैलाई थी। यात्रा के दौरान ड्रोन कैमरों से निगरानी कराई गई थी, जिसमें पथराव जैसी कोई घटना नजर नहीं आई। रामनवमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। अगर कोई तहरीर देता है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
डीसीपी पूर्वी से मिले पदाधिकारी
शोभायात्रा समाप्त होने के बाद बजरंगदल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक प्रकाश शर्मा, आशीष गुप्ता, चेतन बाजपेई, शिवम सोनकर के साथ ही पार्षद जीतू बाजपेई समेत अन्य सद्भावना चौकी पर डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह से मिले और जानकारी दी। पुलिस ने शुरू की मामले की जांच अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था हरीश चंदर ने बताया कि पथराव जैसी घटना नहीं हुई है। डीजे को लेकर मना किया गया, जिसकी वजह से लोग नाराज थे। लोगों ने अपनी नाराजगी दिखाते हुए पथराव की अफवाह फैलाई है।
शोभायात्रा अपने निर्धारित रूट से होते हुए अपने गंतव्य तक पहुंची। पुलिस के अधिकारी शोभायात्रा के साथ थे, कहीं भी पथराव जैसी बात सामने नहीं आई है। कई दिनों से डीजे को लेकर हाई कोर्ट के निर्देश सभी को बता दिए गए थे, इसके बाद भी लोग ज्यादा साउंड सिस्टम लेककर निकाल रहे थे। डीसीपी पूर्वी ने संगठन के लोगों से सद्भावना चौकी में बात की है। पुलिस इसकी जांच कर रही है।
समितियों ने यात्रा न निकालने का किया निर्णय
मसवानपुर चौराहे पर शनिवार शाम साउंड सिस्टम की संख्या कम करने के बाद हुए हंगामे का असर रविवार को भी रहा। रामलला मंदिर के लिए जाने वाली नौ में सात समितियों ने यात्रा न निकालने का निर्णय लिया। शाम चार बजे ब्रह्मदेव चौराहे पर पुलिस के सहयोग से निकली शोभायात्रा को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। सैकड़ों लोगों ने शोभायात्रा को रोकने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें हटाकर गाड़ियां आगे बढ़वाईं।
रामलला मंदिर से निकलने वाली शोभायात्रा में मसवानपुर, केशवपुरम, विनायकपुर सहित कई समितियां झांकियां लेकर गाजे बाजे के साथ शामिल होती हैं। कमेटी के महामंत्री रजनीश राजपूत ने बताया कि 22 वर्षों से निरंतर भव्य यात्रा निकाली जा रही है। यहां से करीब 80 वाहन रामलला मंदिर से निकलने वाली शोभायात्रा में शामिल होते हैं। इसमें 30 से ज्यादा झांकियां होती हैं। पुलिस के रवैये के कारण यात्रा नहीं निकाली गई।
वार्ड 25 काकादेव के पार्षद नीरज कुरील ने कहा कि रामनवमी की शोभायात्रा में रावतपुर गांव व काकादेव के ही लोग मुख्य भूमिका में होते हैं। पुलिस की तानाशाही के चलते यात्रा में शामिल न होने का फैसला लिया। काकादेव रामनवमी समिति ने बिना लाउडस्पीकर के ही शोभायात्रा निकाली। यह शोभायात्रा पैदल ही शारदा नगर, आरएसपुरम, गीता पार्क, लखनपुर, राणा प्रताप नगर से होते हुए छपेड़ा पुलिया पर समाप्त हुई।
यात्रा में सोनू राठौर, दिनेश बाबा, सुमित मौजूद रहे। रामलला मंदिर रावतपुर से निकाली जाने वाली शोभायात्रा के आयोजक अवध बिहारी मिश्रा ने कहा कि लाउडस्पीकर हटाने पर परंपरागत शोभायात्रा में उप समितियों की यात्राएं भले ही शामिल न हुई हो, लेकिन इन समितियों से जुड़े लोग शामिल हुए। जूता फेंक माहौल बिगाड़ने की कोशिश रावतपुर में रविवार को अलग अलग शोभायात्रा निकल रहीं थी। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान एक युवक ने पुलिस पर जूता फेंक कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ लिया लेकिन भीड़ ने उसे गिरफ्त से छुड़ाकर भगा दिया।
लाउडस्पीकर रोकने पर चौकी में हंगामा
पनकी में बजरंग दल के प्रांत विद्यार्थी प्रमुख की अगुवाई में निकली शोभायात्रा के पनकी मंदिर में समापन के दौरान पुलिस ने पीछे चल रहे लाउडस्पीकर लगे हुए चार से पांच लोडर पकड़ लिए, जिन्हें पनकी थाने ले जाकर खड़ा कर दिया। इसके विरोध में सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने मंदिर चौकी पर हंगामा किया। बाद में लोडर छोड़ने पर हंगामा शांत हुआ।
बजरंग दल के प्रांत विद्यार्थी प्रमुख नरेश तोमर ने बताया कि पनकी में निकली शोभायात्रा के दौरान पुलिस भी थी। समापन के दौरान लाउडस्पीकर लगे चार से पांच लोडर पुलिस ने थाने ले जाकर खड़े कर दिए। वाहन चालकों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाया, जिस पर कार्यकर्ता भड़क गए।
महंत जितेंद्र दास के साथ पनकी मंदिर चौकी पर हंगामा किया। कुछ देर बाद पुलिस ने गाड़ियों को छोड़ दिया। थाना प्रभारी मानवेंद्र सिंह ने बताया कि गाड़ियों मे लाउडस्पीकर की संख्या अधिक होने तथा तेज आवाज पर एहतियात के तौर पर खड़ा कराया गया था। उन्हें छोड़ दिया गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।