VIDEO: रामनवमी पर रामलला का सूर्यतिलक, उल्लास में डूबी अयोध्या नगरी; भक्तों का लगा तांता
अयोध्या में मध्याह्न 12 बजे रघुकुल में रामलला का जन्म होते ही अयोध्या नगरी उल्लास में डूब गई। रामलला का श्रृंगार भोग के बाद उनका सूर्यतिलक दोपहर 12 बजे किया गया। सूर्यतिलक के दौरान रामलला की आभा देखते ही बन रही थी। रामनवमी के पावन पर्व पर अयोध्या में भक्तों का तांता लगा हुआ है। करीब 25 लाख श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है।

लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। सर्वार्थ सिद्धि योग में रविवार को चैत्र शुक्ल नवमी को भगवान श्रीराम ने रघुकुल में जन्म ले लिया है। रघुनंदन के जन्मोपरांत राम मंदिर सहित रामनगरी के विभिन्न मंदिरों में गीत-संगीत गूंजने लगे हैं। कोई सोहर गा रहा तो कोई बधाई गीत। हर कोई आह्लादित है। अयोध्या में दूरदराज से पहुंचे रामभक्त राम मंदिर में पहुंच कर रामलला का दर्शन कर आनंदित हो रहे हैं। चहुंओर हर्षोल्लास का वातावरण है।
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी गई है। जगह-जगह बैरिकेडिंग होने से भक्तगण आराम से दर्शन-पूजन कर गंतव्य को प्रस्थान करते जा रहे हैं।
रामलला के जन्मोत्सव में हिस्सा लेेने के लिए शनिवार शाम से ही देश के विभिन्न हिस्सों से रामभक्त अयोध्या पहुंच गए थे। इस कारण रामनगरी की सड़कों पर रविवार सुबह से ही आस्था का ज्वार उमड़ा दिखा। राम मंदिर में जन्मोत्सव के आयोजन तो साढ़े नौ बजे से प्रारंभ हुए, लेकिन इसके पहले ही दूर-दूर से पहुंचे भक्तों का दर्शन का क्रम चलता रहा। पूरे रामजन्मभूमि परिसर में चारों तरफ भीड़ ही दिख रही है।
गर्भगृह में एक ओर रामलला का अभिषेक, श्रृंगार, पूजन व आरती हो रही थी तो दूसरी ओर भक्तगण दर्शन करते जा रहे थे। ठीक 12 बजे रामलला का जन्म हुआ तो दर्शनार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। मंदिर परिसर में मोबाइल प्रतिबंधित होने के कारण श्रद्धालु निकलते समय या जाते समय फोटो ले रहे थे। कोई राम मंदिर में दर्शन कर सेल्फी लेता दिखा तो कोई बाहर के दृश्य को अपने मोबाइल में कैद कर आनंदित हो रहा था।
सुबह के समय श्रद्धालुओं की संख्या अधिक नहीं होने के कारण लोग आराम से दर्शन कर पा रहे थे। यद्यपि भीड़ प्रबंधन के द़ृष्टिगत श्रद्धालुओं को राम मंदिर में रामजन्मभूमि पथ से प्रवेश करा कर दर्शनोपरांत गेट नंबर तीन से रामपथ पर निकाला जा रहा है। अंगद टीला पर बने पूर्व के निकासी मार्ग को बंद कर दिया गया है। हालांकि दर्शन के बाद श्रद्धालु इधर पहुंच कर निश्शुल्क भोजन प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं।
जिस प्रकार त्रेता युग में प्रभु श्रीराम के अवतरण पर समस्त देवताओं के साथ सूर्यदेव भी उनकी ओर अपलक निहारते रह गए थे, उसी प्रकार आज इस कलियुग में भी ऐसा लग रहा है मानो स्वयं सूर्यदेव प्रभु श्रीराम के दिव्य दर्शन हेतु व्याकुल हो उठे हों। विज्ञान और भक्ति का यह अलौकिक संगम मन को… pic.twitter.com/6hmJYQs8HX
— Doordarshan National दूरदर्शन नेशनल (@DDNational) April 6, 2025
महाकुंभ की तरह अंगद टीले की ओर जाने पर कोई पाबंदी नहीं लगी है। रामलला के जन्मोत्सव के बाद एकायक भक्तों की संख्या बढ़ी तो थोड़ी देर के लिए प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया, लेकिन बाद में छूट दे दी गई। तेज धूप व गर्मी होने के कारण श्रद्धालु दर्शन करने के बाद तुरंत गंतव्य की ओर बढ़ते जा रहे हैं। इस कारण दर्शन-पूजन का क्रम सुचारु ढंग से चल रहा है। राम मंदिर की तरह कनक भवन, हनुमानगढ़ी, राम की पैड़ी, नागेश्वरनाथ व अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की अच्छी-खासी संख्या दिख रही है।
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