विश्व पटल पर छाई कानपुर की मसाला कंपनी, फोर्ब्स पत्रिका में गोल्डी मसाले काे स्थान, जानिए-किस स्लोगन ने जीता दिल
कानपुर के कारोबारियों द्वारा वर्ष 1980 में कंपनी स्थापित की गई थी। मसाले ने खाने का स्वाद बढ़ाकर हर घर में अपनी जगह बनाई। 55 साल की दोस्ती और 40 साल के व्यापार ने दुनिया में मसालों का नाम किया है।

कानपुर, जेएनएन। अमेरिका की प्रतिष्ठित फोर्ब्स पत्रिका में गोल्डी मसाले के स्वाद को स्थान दिया गया है। इसके हल्दी, धनिया, मिर्चा के अलावा दम आलू मसाला, कश्मीरी मिर्च, जलजीरा व सब्जी मसाले का स्वाद लोगों की जुबां पर इस कदर छाया हुआ है कि इसके बिना गृहणियों को रसोई अधूरी सी लगती है। उस पर गोल्डी मसाले का 'जहां जाएं रिश्ते बनाएं' स्लोगन सोने पे सुहागा का काम करता है। फोब्र्स पत्रिका ने इसके स्वाद, अपनापन, टर्नओवर व राजस्व के कारण स्थान दिया है।
वर्ष 1980 में स्थापित हुई यह कंपनी अब वट वृक्ष बन गई है। मसाले का यह स्वाद कंपनी के प्रबंध निदेशक सोम प्रकाश गोयनका और सुरेंद्र कुमार गुप्ता की दोस्ती की मिसाल है। उनकी 55 साल की दोस्ती और 40 साल के व्यवसाय ने दुनिया भर में मसालों का परचम लहराया है। इसके संस्थापक निदेशक वसंत लाल गोयनका और रामचंद्र गुप्ता हैं। आकाश गोयनका, शुभम गुप्ता व सुदीप गोयनका के मजबूत कंधे अपने वरिष्ठजनों के निर्देशन में कारोबार बढ़ा रहे हैं।
कारोबार का सफर
बचपन के मित्र तिलक नगर निवासी सोम गोयनका और विष्णुपुरी निवासी सुरेंद्र गुप्ता ने मिलकर हूलागंज की दुकान में चक्की लगाकर मसाला पीसने और पैकिंग का काम शुरू किया था। कारोबार ने गति पकड़ी तो किदवई नगर एम ब्लॉक में वर्ष 1980 में किराये के भवन में बड़ी मशीन लगाकर मसाला पीसने का काम शुरू कर दिया। यहां से तरक्की का राह खुल गई और कारोबारी सफर दिन दूनी रात चौगुनी गति से आगे बढ़ना शुरू हो गया है। इसके बाद दादानगर में फैक्ट्री खरीदकर बड़े पैमाने पर सब्जी मसाले व अन्य उत्पादों का निर्माण शुरू किया।
शहर में दो दर्जन इकाइयां
गोल्डी मसाले की कानपुर में दो दर्जन इकाइयां, जो दादानगर और मंधना में स्थित हैं। यहां हर तरह के सब्जी मसाले, शर्बत, नूडल्स, अचार, पापड़, सॉस, जैम, पूजा सामग्री, धूप और अगरबत्ती, चाय, ग्रीन टी बनता है और पैक होता है। देश में 1600 से अधिक डीस्ट्रीब्यूटर भी हैं।
कंपनी को मिल चुके ये पुरस्कार
एमएसएमई अवार्ड, मोस्ट प्रॉमिसिंग ब्रांड-2016, जी बिजनेस उद्यमी अवार्ड, लोहिया रत्न, श्रेष्ठ उद्यमिता अवार्ड।
क्या है फोर्ब्स पत्रिका
फोब्र्स पत्रिका में उन हस्तियों को शामिल किया जाता है, जिन्होंने अपने उद्यमों के जरिए दुनियाभर में करोड़ों लोगों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है। अपने उत्पादों से उनके जीवन में बदलाव लाकर उनके चेहरे पर खुशियां बिखेरी हैं।
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