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    कानपुर में 93 किमी लंबी रिंग रोड परियोजना, इन जगहों से गुजरेगा, रूस की कंपनी ने शुरू किया काम

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 03:05 PM (IST)

    कानपुर में 93 किलोमीटर लंबी रिंग रोड परियोजना का काम शुरू हो गया है। रूस की एक कंपनी इस परियोजना को पूरा कर रही है। यह रिंग रोड जाजमऊ, रमईपुर, किसान नगर और कल्याणपुर जैसे इलाकों से गुजरेगी। इससे शहर में यातायात का दबाव कम होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। कानपुर शहर की यातायात व्यवस्था को नया स्वरूप देने वाली 93 किमी लंबी रिंग रोड परियोजना को अब नई रफ्तार मिल गई है। केंद्र सरकार की 40.77 अरब रुपये की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतिम पैकेज टू-ए के निर्माण का कार्य अब रूस की कंपनी एलएलसी मल्टी इंटर रीजनल को सौंप दिया गया है। गृह मंत्रालय से कंपनी को अनापत्ति (एनओसी) मिलने के बाद एनएचएआइ ने औपचारिक करार करने के साथ ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।

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    मंधना-बिठूर से ट्रांसगंगा सिटी तक आठ किलोमीटर लंबी सड़क

    इस पैकेज के तहत मंधना-बिठूर से ट्रांसगंगा सिटी तक आठ किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जाएगा, जिसकी कुल लागत 972.93 करोड़ रुपये है। इसमें 98.54 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण पर खर्च किए गए हैं। इसी पैकेज में गंगा नदी में साढ़े तीन किमी लंबे पुल के साथ ही रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण होना है। फरवरी 2025 में जारी हुए टेंडर को तकनीकी कारणों से निरस्त कर दिया गया था।


    एनएचआई के साथ नहीं हो पाया था अनुबंध

    मार्च में रीटेंडरिंग प्रक्रिया शुरू हुई, जो जुलाई में पूरी हो गई थी, लेकिन गृह मंत्रालय से रूस की कंपनी को एनओसी नहीं मिलने के कारण एनएचएआइ के साथ ही अनुबंध नहीं हो पाया था। अक्टूबर में मंत्रालय से एनओसी मिलने के बाद एनएचएआइ की स्वीकृति लेते हुए एक अक्टूबर से रूसी कंपनी ने साइट पर काम शुरू कर दिया है। इस पैकेज के साथ ही रिंग रोड के सभी पैकेज के टेंडर फाइनल होने के साथ निर्माण कार्य शुरू हो गया है।


    रिंग रोड निर्माण की पैकेजवार स्थिति

    पैकेज-1 (23.32 किमी, सचेंडी–महाराजपुर):
    इस हिस्से में पांच किलोमीटर सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है। शेष भाग पर तेजी से कार्य चल रहा है। कुल लागत 854.60 करोड़ रुपये, भूमि लागत 593.63 करोड़ रुपये है।

    पैकेज-2-ए (8.775 किमी मंधना से ट्रांसगंगा सिटी):
    इसमें 3.2 किमी लंबा गंगा पुल शामिल है। इसका टेंडर रूस की एलएलसी मल्टी इंटर रीजनल कंपनी को दिया गया है। यह हिस्सा परियोजना का सबसे जटिल खंड माना जा रहा है, क्योंकि इसमें नदी पर सेतु और कई इंटरचेंज शामिल हैं।

    पैकेज-3 (17.45 किमी, बदरका से हरबंस-उचेती):
    इस हिस्से का निर्माण हिलवेज कंपनी (ऋषिकेश) के पास है। यह सेक्शन डिफेंस कॉरिडोर, चकेरी एयरपोर्ट और प्रयागराज हाईवे को जोड़ता है। इस पैकेज की प्रगति 25 प्रतिशत से अधिक बताई जा रही है।

    पैकेज-4 (24.55 किमी, जरकला से पकरी):
    इस हिस्से का समतलीकरण कार्य पूरा हो चुका है। निर्माण की जिम्मेदारी राज कंस्ट्रक्शन कंपनी को दी गई है।

     

    रूस की कंपनी को गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के साथ ही पैकेज टू-ए पर कार्य शुरू हो गया है। रिंग रोड परियोजना के तीन पैकेजों में काम पहले से ही प्रगति पर है। 2027 तक पूरे रिंग रोड का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य है।
    पंकज यादव, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ