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    कानपुर में अखिलेश दुबे के खिलाफ आई शिकायतों में नहीं मिल रहे पर्याप्त साक्ष्य, उठ रहे ये सवाल

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 09:00 PM (IST)

    कानपुर में नए पुलिस आयुक्त ने हाल ही में अखिलेश दुबे के खिलाफ दर्ज शिकायतों की समीक्षा की। जांच में अब तक पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने की बात सामने आई है। प्रशासन ने कहा कि शिकायतों की निष्पक्ष जांच जारी है और किसी भी कार्रवाई से पहले सबूतों का मूल्यांकन किया जाएगा।

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    जागरण संवाददाता, कानपुर। पुलिस आयुक्त बदलने के बाद से अखिलेश दुबे के खिलाफ एक भी शिकायत पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ, जिससे तरह-तरह के सवाल उठने लगे हैं, जबकि एसआइटी के पास 40 से ज्यादा शिकायतें पड़ी हैं। जांच में देरी होने पर शुक्रवार को पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने एसआइटी में शामिल सभी सदस्यों व सभी जोन के डीसीपी को बुलाया और अखिलेश दुबे प्रकरण की जांच की समीक्षा की। सामने आया कि जो भी शिकायतें हैं, वे मामले कई साल पुराने हैं। ज्यादातर में पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिल पा रहे हैं। पुलिस आयुक्त ने इलेक्ट्रानिक साक्ष्य जुटाने और गवाहों के बयान लेने के निर्देश दिए हैं।

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    पूर्व पुलिस आयुक्त अखिल कुमार ने कई माफिया व अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा था। आपरेशन महाकाल अभियान शुरू कर अखिलेश दुबे और उसके गिरोह के सदस्यों को जेल भेजा। दीनू गैंग, अवनीश दीक्षित, रामखिलावन, पिंटू सेंगर हत्याकांड के आरोपित पप्पू स्मार्ट के खिलाफ गैंग्स्टर की कार्रवाई कर लोगों में उनका खौफ खत्म किया था। आपरेशन महाकाल में अखिलेश दुबे के खिलाफ 40 से ज्यादा शिकायतों की जांच एसआइटी तेजी से कर रही थी लेकिन अखिल कुमार के तबादले के बाद इन जांचों की गति काफी धीमी हो गई। हालांकि नए पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने स्पष्ट कहा था कि आपरेशन महाकाल जारी रहेगा।

    माफिया व अपराधियों के खिलाफ पहले से और तेजी से कार्रवाई होगी। अखिलेश दुबे के खिलाफ आई शिकायतों की जांच व साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई होगी लेकिन उनके आने के बाद अखिलेश दुबे के खिलाफ एक भी शिकायत में मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। यहां तक अब तक दर्ज मुकदमों के अन्य आरोपितों में किसी और की गिरफ्तारी तक नहीं की गई। एसआइटी की जांच के घेरे में आए सीओ विकास पांडेय, संतोष सिंह, ऋषिकांत शुक्ला को दो बार नोटिस भेजा जा चुका है।

    उच्चाधिकारियों को भी नोटिस दिया गया लेकिन वे भी अपने बयान दर्ज कराने नहीं आए। ऐसी स्थितियों में शिकायतकर्ताओं में नाराजगी के साथ ही एसआइटी की जांच पर भी सवाल उठने लगे हैं। शुक्रवार को पुलिस आयुक्त रघुवीर लाल ने एसआइटी व सभी जोन के डीसीपी को अखिलेश दुबे से जुड़े प्रकरणों की फाइल लेकर बुलवा लिया।

    मामले में अब तक हुई जांचों की समीक्षा हुई तो सामने आया कि अखिलेश दुबे के खिलाफ जो भी शिकायतें आई हैं। वे कई-कई साल पुरानी हैं, जिसमें इलेक्ट्रानिक साक्ष्य नहीं मिल पा रहे हैं। कुछ रिकार्डिंग मिलीं लेकिन अखिलेश दुबे के मोबाइल नंबर से बातचीत की नहीं है। ऐसे ही सीसी कैमरों की न तो फुटेज और न ही घटना के दौरान कोई अन्य गवाह मिले थे। पुलिस आयुक्त ने एसआइटी को हर शिकायतों की बारीकी से जांच व साक्ष्य जुटाने के निर्देश दिए हैं।

    अखिलेश दुबे प्रकरण की जो भी शिकायतें हैं, उसकी जांच एसआइटी कर रही है। इसी को लेकर पुलिस आयुक्त ने समीक्षा बैठक की थी। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
    -राजेश पांडेय, स्टाफ आफिसर पुलिस आयुक्त

     

    अब तक जानें क्या-क्या हुआ

    • कानपुर के भूमाफिया और वकील अखिलेश दुबे को रंगदारी के एक मामले में जमानत मिल गई थी जिसमें वकील संदीप शुक्ला ने उन पर मुकदमा दर्ज कराया था। अदालत ने दुबे को रंगदारी मामले में जमानत दे दी।
    • कानपुर में अधिवक्ता अखिलेश दुबे के करीबी इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को बर्खास्तगी का नोटिस जारी किया गया है।
    • भाजपा नेता रवि सतीजा पर दुष्कर्म के मामले में आरोपी अखिलेश दुबे का एक और ऑडियो वायरल हुआ है जिसमें वह अधिवक्ता अनुराग से ध्रुव गुप्ता का नाम हटाने की साजिश रच रहा है।
    • अखिलेश दुबे की जेल में अचानक तबीयत बिगड़ने से हड़कंप मच गया था। जेल प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए उन्हें तत्काल कार्डियोलॉजी विभाग पहुंचाया जहां उनका इलाज किया गया था। बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए अब उन्हें मुरारीलाल अस्पताल में भी जांच की गई थी।
    • लाजपत नगर के मंजीत सिंह और बलजीत सिंह ने पुलिस आयुक्त से सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्होंने अखिलेश दुबे और उसके साथियों पर कम कीमत पर दुकान हथियाने का आरोप लगाया है। शिकायत के बाद से उनके घर के आसपास स्कार्पियो घूम रही है जिससे परिवार दहशत में है।
    • कानपुर में अधिवक्ता अखिलेश दुबे रंगदारी वसूलने के लिए झूठे मुकदमे दर्ज कराते थे। होटल संचालक से ढाई करोड़ वसूले नौबस्ता थाने में मुकदमा दर्ज कराया। ऑडियो में दुबे पुष्पेंद्र को धमका रहा है मदद के नाम पर फंसा रहा था।
    • कानपुर में पुलिस आयुक्त के तबादले की सूचना के बाद अखिलेश दुबे के सहयोगियों ने धमकी दी थी। इस पर दो मुकदमे दर्ज हुए थे। ठेकेदार को फर्जी केस में फंसाने और गोली मरवाने की धमकी दी गई थी।
    • कानपुर में अधिवक्ता अखिलेश दुबे से पीड़ित लोग एकजुट हुए और उन्होंने प्रेस वार्ता कर अखिलेश गिरोह द्वारा की गई प्रताड़ना का दर्द बयां किया था। पीड़ितों ने अखिलेश दुबे मुक्ति मोर्चा नामक एक वाट्सएप ग्रुप बनाया है जिसके माध्यम से वे अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाएंगे।
    • किदवई नगर में होटल कारोबारी सुरेश पाल से 2.5 करोड़ की रंगदारी मांगने के मामले में आरोपित अखिलेश दुबे और उसके सहयोगी लवी मिश्रा के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट लगाने की तैयारी पूरी कर ली है। 120 पन्नों की चार्जशीट में पीड़ित के बयानों के आधार पर आरोप तय किए गए हैं।
    • अखिलेश दुबे ने साकेत नगर के होटल कारोबारी सुरेश पाल पर जिस युवती के जरिए झूठा मुकदमा दर्ज कराने के बाद ढाई करोड़ रुपये वसूले थे। पुलिस ने उस युवती को बहराइच से ढूंढ निकाला।
    • वक्फ की जमीन कब्जाने में अखिलेश दुबे का सहयोगी निलंबित इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। इंस्पेक्टर सभाजीत मिश्रा अखिलेश दुबे के काले करनामों में लिप्त था। उसने पीडि़त को पैरवी रोकने के लिए ट्रक से कुचलने की धमकी भी दी थी। 
    • छळ अगस्त को कानपुर के चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था।