कानपुर में छह हजार किसानों पर करोड़ों की खाद की बकाएदारी, वसूली को भेजे गए नोटिस
कानपुर में लगभग छह हजार किसानों पर खाद की 14.87 करोड़ रुपये की बकाया राशि है। सहकारिता विभाग ने वसूली के लिए नोटिस जारी किए हैं। इस वित्तीय वर्ष में खाद वितरण का लक्ष्य 98 करोड़ रुपये है। भुगतान में देरी से विभाग की आर्थिक स्थिति प्रभावित हुई है। किसानों से बकाया चुकाने की अपील की गई है अन्यथा राजस्व वसूली की कार्यवाही की जाएगी।

जागरण संवाददाता, कानपुर। किसानों के लिए खरीफ सीजन में खाद वितरण में गड़बड़ियों की शिकायतों की बीच बकाया वसूली के लिए नोटिस भेजे गए हैं। जिले में करीब छह हजार किसानों पर कुल 14.87 करोड़ रुपये की खाद की बकाएदारी दर्ज है। सहकारिता विभाग ने इन किसानों को नोटिस जारी कर वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सहकारी समितियों से इस वित्तीय वर्ष के दौरान खाद वितरण का लक्ष्य 98 करोड़ रुपये से 9661 मीट्रिक टन रखा गया है। अब तक 54 करोड़ चार लाख रुपये मूल्य की खाद का वितरण किया जा चुका है। इसके बावजूद किसानों से वसूली न होने पर विभाग की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा है। सहकारिता विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में 6000 किसानों पर कुल 14.87 करोड़ रुपये की बकाया राशि दर्ज है। इनमें से कई किसानों को बार-बार चेतावनी देने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया है।
सहायक आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता विभाग राकेश कुमार प्रभाकर ने बताया कि जिले में कुल 93 समितियां पंजीकृत हैं, जिनमें से 77 समितियों के माध्यम से 13,468 किसानों को खाद वितरित की जाती है। अकेले चालू वित्तीय वर्ष में ही 736 किसानों से एक करोड़ 84 लाख रुपये की वसूली प्रस्तावित है। विभाग ने इस माह अब तक 2,828 किसानों को रिकवरी के लिए नोटिस जारी किए हैं।
प्रभाकर ने बताया कि सहकारी समितियों से खाद वितरण का उद्देश्य किसानों को समय पर और सस्ती दर पर खाद उपलब्ध कराना है, लेकिन कई बार समितियों द्वारा उधार पर दी गई खाद का भुगतान समय पर न होने से विभाग को आर्थिक संकट झेलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि किसानों से बकाया वसूली के लिए तहसील स्तर पर भी अभियान चलाया जा रहा है।
वहीं, हाल ही में हुई दिशा समिति की बैठक में सांसदों ने खाद वितरण प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए थे। कुछ जनप्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि कई समितियां खाद को चोरी-छिपे खुले बाजार में बेच देती हैं, जिससे असली जरूरतमंद किसानों को खाद नहीं मिल पाती। इस पर विभागीय अधिकारियों ने जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
सहकारिता विभाग का कहना है कि नवंबर माह के अंत तक बकाया वसूली का लक्ष्य पूरा करने के लिए सभी समितियों को निर्देशित किया गया है। जो किसान नोटिस मिलने के बावजूद भुगतान नहीं करेंगे, उनके खिलाफ राजस्व वसूली की कार्यवाही की जाएगी। विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द अपने बकाए का भुगतान कर अगली खेप की खाद प्राप्त करें, ताकि आगामी रबी सीजन की तैयारियों में कोई दिक्कत न आए।

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