Kanpur I Love Muhammad विवाद ने पकड़ा तूल...मुकदमे के विरोध में मुस्लिम समुदाय ने निकाला जुलूस
कानपुर में आई लव मोहम्मद को लेकर विवाद बढ़ गया है। पुलिस का कहना है कि मुकदमा धार्मिक नारे के कारण नहीं बल्कि बिना अनुमति के गेट लगाने और भंडारे का बैनर फाड़ने पर दर्ज हुआ है। शारदा नगर में मुकदमे के विरोध में प्रदर्शन किया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है और निर्दोषों के नाम हटाने की बात कही है।

संवाद सहयोगी, जागरण, कल्याणपुर(कानपुर)। आइ लव मोहम्मद को लेकर शुरू हुआ विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को भी शारदा नगर में मुकदमे का विरोध करते हुए जुलूस निकाल प्रदर्शन किया गया। लोग प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि सच्चाई कुछ और ही है। पुलिस का दावा है कि आइ लव मोहम्मद के स्लोगन से मुकदमे का कोई लेनादेना नहीं है।
मुकदमा बारावफात की रोशनी कार्यक्रम के दौरान बिना अनुमति के गेट बनाने और भंडारे का बैनर फाड़ने पर हुआ है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक अगर कोई निर्दोष है तो उसका नाम विवेचना से हटाया जाएगा।
एसआइ पंकज शर्मा ने 10 सितंबर को शराफत हुसैन, शबनूर आलम, बाबू अली, मोहम्मद सिराज, फजलू रहमान, इकराम अहमद, इकबाल, बंटी, कुन्नू कबाड़ी, 10-15 अज्ञात, दो वाहनों के नंबर पर सवार अज्ञात के खिलाफ रावतपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। उनके अनुसार, चार सितंबर की शाम सैयदनगर में जफर वाली गली के सामने मुस्लिम समुदाय ने बारावफात की रोशनी कार्यक्रम के लिए आइ लव मोहम्मद का लाइट बोर्ड सजाए गए गेट के सामने रास्ते पर लगाया गया था।
बोर्ड पूर्व में कभी नहीं लगा, जिसका स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो बोर्ड दूसरी जगह लगवाकर मामला शांत करा दिया गया, लेकिन पांच सितंबर को बारावफात जुलूस निकालने के दौरान रावतपुर गांव की हिंदू बस्ती में मुस्लिम समुदाय के कुछ अज्ञात युवकों ने भंडारे के बैनर को डंडों से फाड़ दिया, लेकिन मुस्लिम समुदाय ने आइ लव मोहम्मद लिखे होने पर मुकदमा होना समझा और अब विरोध करने लगे।
शुक्रवार दोपहर शारदा नगर की गौसिया मस्जिद से मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग करते हुए जुलूस निकाला और नारेबाजी की। वहीं, मामले में एसीपी कल्याणपुर रंजीत कुमार ने बताया कि दारोगा ने एफआइआर लिखने में कुछ गलती कर दी, जिससे लोगाें को ऐसा लग रहा है कि मुकदमा आइ लव यू मोहम्मद के लिखे होने पर हुआ है, जबकि ये मुकदमा रास्ते में बोर्ड लगाने व भंडारे का बैनर फाड़ने पर हुआ है। अगर कोई निर्दोष का नाम मुकदमे में है तो विवेचना में हटाया जाएगा।
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