Updated: Thu, 22 May 2025 05:24 PM (IST)
कानपुर के चौबेपुर में किसान देवनारायण की हत्या का खुलासा हुआ। पड़ोसी तुषार कटियार ने प्रेम प्रसंग के शक में किसान को गोली मारी थी। आरोपी ने थाने में समर्पण कर जुर्म कबूल किया। उसने बताया कि मृतक उसे विधवा महिला के साथ बदनाम कर रहा था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच कर रही है।
संवाद सहयोगी, चौबेपुर (कानपुर)। गोगूमऊ गांव में मंगलवार की रात दरवाजे पर सो रहे किसान की गोली मार कर हत्या पड़ोस में रहने वाल तुषार कटियार ने की थी। उसने हत्या का जुर्म स्वीकार किया है। वह बुधवार की सुबह तमंचा लेकर समर्पण करने थाने पहुंच गया।
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हत्यारोपी ने थाने में कहा कि मैंने ही दिवारी चाचा की हत्या की है। वह उसे घर के सामने रहने वाली विधवा महिला से प्रेम प्रसंग होने की बात कह कर बदनाम कर रहे थे। उसने वीडियो काल से पुलिस को हत्या में प्रयुक्त कारतूस का खोखा बरामद कराया है।
गोगूमऊ गांव निवासी 56 वर्षीय किसान देव नारायण उर्फ दिवारी लाल कटियार दो भाइयों में बड़े थे। वह अविवाहित थे और भाई रामवीर के साथ ही रहते थे। मंगलवार की रात वह रोज की तरह घर में परचून की दुकान के आगे तखत डाल कर सोए हुए थे। रात 11 बजे उनकी गोली मार कर हत्या कर दी गई। छोटा भाई रामवीर खेतों पर था जबकि घर पर छोटे भाई की पत्नी और बेटियां थी।
घटना के बाद पुलिस ने फोरेंसिक टीम को बुला कर जांच शुरू की थी। लेकिन रात में कोई सुराग हाथ नहीं लग सका। पुलिस मामले में छोटे भाई के परिवार और भतीजे पर शक जाहिर कर रही थी। जब बुधवार की सुबह हत्यारोपित पड़ोसी तुषार कटियार थाने पहुंचा और जुर्म कबूल किया तो हत्याकांड की तस्वीर सामने आ गई।
तुषार ने पुलिस को बताया कि देव नारायण और उसका घर आसपास है। घर के सामने रहने वाली एक विधवा महिला के घर उसका आना जाना है। जिसे लेकर देव नारायण अक्सर रोकटोक करते हुए प्रेम प्रसंग चल रहे होने की बात कह कर गांव में बदनाम कर रहे थे।
इस बात से आहत होकर उसने मंगलवार की रात उनकी गोली मार कर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद वह रात में गांव के किनारे एक प्लाट में छिपा रहा। इधर पुलिस ने हत्यारोपित को बुधवार की शाम गांव लेकर जाकर जांच की। डीसीपी पश्चिम दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि किसान की हत्या के मामले में आरोपित युवक तुषार कटियार को गिरफ्तार कर लिया गया है।
दिन में तमंचे की टेस्टिंग, रात में कर दी हत्या
18 साल तीन माह की उम्र में पढ़ाई की जगह तमंचा खरीद कर पड़ोसी को गोली मार देने वाला तुषार दो वर्ष पहले तक गांव में किसी से मतलब नहीं रखता था। पिता पुनीत ने दो बेटों में छोटे तुषार की रूचि पढ़ाई में देख हाईस्कूल में उसका दाखिला आइआइटी कैंपस के सेंट्रल स्कूल में करा दिया था।
वहां दोस्तों की गलत संगत में आने के बाद उसने एक वर्ष बाद स्कूल जाना छोड़ दिया। तुषार की दोस्ती मृतक के भतीजे शिवा से थी।
उसने बताया कि महिला से घर आने जाने पर बदनाम किए जाने पर गांव के लोग भी उसे गलत नजर से देखने लगे थे। जिससे आहत होकर उसने हत्या करने की योजना बनाई और 315 बोर का एक तमंचा खरीदा। हत्या से पहले दिन में तमंचे से टेस्टिंग की और रात में सन्नाटा देख कर घटना को अंजाम दिया। इधर घटना के बाद से गांव में दहशत बनी हुई है।
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