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    कानपुर Metro में नौकरी चक्कर पड़ा भारी, जालसाजों ने झांसा देकर हड़पे 14.50 लाख

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 08:00 AM (IST)

    कानपुर में एक व्यक्ति ने शिक्षक दंपती से मेट्रो में नौकरी दिलाने के नाम पर 14.50 लाख रुपये ठग लिए। फर्जी नियुक्ति पत्र देने के बाद पैसे वापस मांगने पर आठ लाख का चेक दिया जो बाउंस हो गया। पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की है। आरोपी ने खुद को मेट्रो का इंजीनियर बताया था और कई लोगों से ठगी करने का आरोप है।

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    मेट्रो में नौकरी लगवाने का झांसा देकर 14.50 लाख हड़पे

    जागरण संवाददाजा, कानपुर। नवाबगंज के शिक्षक और उनकी पत्नी की मेट्रो में नौकरी लगवाने के नाम पर विष्णुपरी के व्यक्ति ने 14.50 लाख रुपये हड़प लिए। यहां तक दोनों के नाम पर नियुक्ति पत्र भी थमा दिया। दंपती जब गुरुदेव चौराहा स्थित मेट्रो के मुख्यालय पहुंचे तो नियुक्ति पत्र फर्जी बताया गया।

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    पीड़ित ने आरोपित से अपने रुपये वापस मांगे तो उसने आठ लाख की चेक दे दी, लेकिन वह बाउंस हो गई। पीड़ित का आरोप है कि कई और लोगों से भी इस तरह की ठगी की गई है। मामले में शिक्षक की पत्नी ने सोमवार को पुलिस कार्यालय में संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध-मुख्यालय से गुहार लगाई। मामले में नवाबगंज थाने में जांच कर रही है।

    आजाद नगर निवासी शिक्षक अभय प्रताप ने बताया कि वर्ष 2022 में उनकी मुलाकात विष्णुपुरी के व्यक्ति से हुई थी। उसने खुद को मेट्रो में मैकेनिकल इंजीनियर बताया था। उसने बातचीत के दौरान विश्वास में लिया और कहा कि उनके यहां भर्ती हो रही है। वह उनकी भी नौकरी लगवा देंगे।

    अभय के मुताबिक, उसने मेरी नौकरी 6.23 लाख का साल के पैकेज पर इवेंट मैनेजर के पद पर और पत्नी की 4.88 लाख रुपये के पैकेज की आफिस असिस्टेंट के पद पर लगवाने का दावा किया। उसने पत्नी से साढ़े छह लाख और मेरी नौकरी के लिए आठ लाख रुपये लिए।

    दोनों का नियुक्ति पत्र भर दिया, लेकिन जब नियुक्त के लिए मुख्यालय गए तो उसे फर्जी बताया। पीड़ित ने बताया कि अपने रुपये वापस मांगने पर उन्हें आठ लाख की दो चेकें दे दी गई, लेकिन वह भी बाउंस हो गई। अब वह अपने मामले में तो अलग कार्रवाई करेंगे, लेकिन पत्नी के नाम से लिए रुपये में ज्यादातर आनलाइन रुपये ट्रांसफर किए थे।

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    पीड़ित ने शुक्रवार को पुलिस आयुक्त कार्यालय में गुहार लगाई है। संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध- मुख्यालय ने जांच कराने के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। वहीं, आरोपित पक्ष ने बताया कि वह मेट्रो में नहीं हैं, लेकिन उन्होंने उन्हें एक व्यक्ति के पास भेजा था। 5.60 लाख रुपये दिए गए थे। नौकरी न लगने पर मैने खुद 1.73 लाख रुपये उन्हें ट्रांसफर किए।

    यहां तक दो लाख की चेक दी थी, लेकिन किसी कारण रुपयों की व्यवस्था नहीं हो पाई। इसके बाद बहाने से अभय ने छह लाख की पूरी चेक ले ली। मुझे नहीं मालूम था कि वह ऐसा आरोप लगाएंगे। बल्कि अभय ने चार-पांच लोग और लेकर आए थे। उनके भी रुपये वापस किए, लेकिन उन लोगों को अभय ने नहीं दिए।