Kanpur News: एचडीएफसी बैंक की बड़ी धोखाधड़ी, सीईओ समेत आठ डायरेक्टरों के खिलाफ केस
कानपुर से आई खबर के अनुसार गुरुग्राम के एचडीएफसी हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन बैंक के सीईओ समेत आठ निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने लोन माफ करने का झूठा वादा करके एक महिला को लोन लेने के लिए मजबूर किया और फिर उसकी मृत्यु के बाद लोन माफ करने से इनकार कर दिया।

संवाद सहयोगी, जागरण, बिधनू(कानपुर)। हरियाणा गुरुग्राम स्थित एचडीएफसी हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन बैंक के सीईओ व ब्रांच मैनेजर समेत आठ डायरेक्टर के खिलाफ न्यायालय ने पीड़ित के मूल निवासी संबंधित थाने सेन पश्चिम पारा में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़ित का आरोप है कि वर्ष 2021 में उसकी बेटी द्वारा सोहना गुरुग्राम में खरीदे गए फ्लैट पर बैंक के आरोपित अधिकारियों ने निवेदक की मौत पर पूरा लोन माफ होने का झांसा देकर जबरन लोन किया था। छह माह पहले बेटी की अचानक मौत होने पर अधिकारियों ने लोन माफ होने के किसी प्रावधान से इंकार कर प्रार्थी को बेइज्जत करके भगा दिया।
मूलरूप से सेन पश्चिम पारा की न्यूआजाद नगर चौकी के गोपाल नगर यशोदानगर आरा मशीन निवासी शिवप्रसाद उत्तम ने बताया कि उनकी बेटी शशि उत्तम वर्ष 2021 में हरियाणा गुरुग्राम में एक कंपनी में नौकरी करती थी। नौकरी के दौरान शशि ने 25 फरवरी 2021 में सोहना हरियाणा सेंट्रल पार्क फ्लावर बैली सेक्टर 32/33 के प्रथम तल फ्लैट नंबर 240 खरीदा था। जिसपर एसोसिएट बैंक एचडीएफसी हाउसिंग डेवलेपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन बैंक ने 35 लाख का लोन उपलब्ध कराया था।
आरोप है कि बेटी शशि कैदी सरकारी बैंक से लोन करना चाहती थी, लेकिन एचडीएफसी ब्रांच हाउसिंग डेवलेपमेंट फाइनेंस की मैनेजर भवना भार्गव कंपनी के सीईओ अनुज त्यागी, सीएफओ समीर एक शाह, एक्सिक्यूटिव चेयरमैन केकी एम मिस्त्री, डारेक्टर मेहर नोश बी कपाडिया, डारेक्टर अमित पी हरियाणी, डारेक्टर विनय संघी, डारेक्टर रेणू सूद ने खुद के फायदे के चक्कर में बेटी को झांसा दिया कि कंपनी का प्रावधान है कि यदि अचानक लोन आवेदक की मौत हो जाती है तो पूरा लोन माफ कर दिया जाएगा।
यह कहकर अपनी ही कंपनी की दूसरी शाखा से लोन करा दिया। साथ लोन की पहली किस्त 109329 रुपये ले लिए गए। बीती 10 फरवरी 2025 को बेटी शशि की सीने में अचानक दर्द होने के बाद मौत हो गई। जिसकी जानकारी पिता शिवप्रसाद ने ब्रांच मैनेजर भावना भार्गव को दे दी गई। उन्होंने कहा कि सभी कागज जमा करा दें। जिसपर उन्होंने संबंधित कागजात कंपनी के कार्यालय नोयडा 62 आईटी पार्क टावर में जमा कर दिए। जहां अधिकारियों ने आपका बचा लोन चुकाने की कंपनी का दायित्व है। जिसके बाद मूल निवासी कानपुर लौट आया।
इसी दौरान उनके मोबाइल पर क्लेम रिजेक्ट होने का एसएमएस आया। जिसपर वह नोयडा स्थित कार्यालय पहुंचे जहां बोला सभी आरोपित अधिकारियों ने बोला कि क्लेम रिजेक्ट करने का काम मुम्बई के अधिकारी करते हैं। अब वो लोग कुछ नहीं कर सकते। विरोध करने पर सभी ने मिलकर गाली गलौज शुरू कर दी और पत्नी व उनके साथ मारपीट का प्रयास किया। जिसपर प्रार्थी ने कानपुर लौटकर संबंधित थाने सेन पश्चिम पारा में शिकायत की, लेकिन पुलिस ने घटना क्षेत्र नोयडा की बताकर कार्रवाई से इंकार कर दिया।
थाना प्रभारी कुशलपाल सिंह ने बताया कि घटना गुरुग्राम व नोयडा की है। न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच कर मुकदमा घटना स्थल संबधित क्षेत्रीय थाने को स्थानांतरित किया जाएगा।
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