79.18 करोड़ की टैक्स चोरी में चार्टर्ड अकाउंटेंट और अधिवक्ता को हरियाणा के पानीपत से किया गिरफ्तार
कानपुर में डीजीजीआइ टीम ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के माध्यम से 79.18 करोड़ रुपये की कर चोरी के मामले में एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अधिवक्ता को गिरफ्तार किया है। कालीन बिक्री की फर्जी बिलिंग में हरियाणा के पानीपत से हुई यह गिरफ्तारी। कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।

जागरण संवाददाता, कानपुर । आठ बोगस कंपनियों के जरिए फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने में 79.18 करोड़ की कर चोरी में डायरेक्टर जनरल जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) की टीम ने चार्टेट अकाउंटेड व अधिवक्ता को गिरफ्तार किया है।
इन दोनों की गिरफ्तारी कालीन बिक्री की फर्जी बिलिंग में हरियाणा के पानीपत से की गई। डीजीजीआइ ने दोनों को रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी। इससे पहले एक अकाउंटेंट की 5.90 करोड़ की कर में गिरफ्तारी हुई थी। अब तक 120 करोड़ की कर चोरी पकड़ी गई है।
13 सिंतबर को कोर्ट में किया था पेश
विशेष लोक अभियोजक अम्बरीश टंडन ने बताया कि डीजीजीआइ की टीम ने पानीपत हरियाणा निवासी तुसाल रहेजा को गिरफ्तार कर 13 सिंतबर को कोर्ट में पेश किया था। वह जिला जेल में है। विभागीय अधिकारियों की जांच में पाया गया कि उन्होंने विभिन्न फर्जी बिलों के लेन-देन का सहारा लेकर 5.90 करोड़ की कर चोरी की थी। पर्याप्त सबूतों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी हुई। आठ बोगस कंपनियों के नाम फर्जी आइटीसी क्लेम किया गया था।
इसकी विवेचना चल रही है। टीम ने विवेचना के दौरान पाया कि गुरुद्वारा सेक्टर पानीपत दिल्ली रोड हरियाणा निवासी चार्टेंड अकाउंटेट लोकेश उर्फ लोकेश हसीजा और अधिवक्ता सोनीपत हरियाणा निवासी अमन जिंदल ने 79.18 करोड़ की कर चोरी की है।
इन लोगों ने कालीन बिक्री की फर्जी बिलिंग की थी। डीजीजीआइ की टीम ने पानीपत हरियाणा से दोनों को गिरफ्तार किया। गुरुवार देर शाम इन दोनों को रिमांड मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
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