Kanpur Circle Rate: कानपुर सर्किल रेट में राहत की आंकड़ेबाजी, हकीकत में आशियाना महंगा, ऐसे समझें...
कानपुर में नए सर्किल रेट लागू होने से आशियाना खरीदना महंगा हो गया है। फ्लैटों पर साझा सुविधा शुल्क खत्म करने से राहत मिली है लेकिन निर्माण लागत में 42% तक की वृद्धि की गई है। दो हजार वर्ग मीटर तक के भूखंड पर छूट देकर पिछले वर्ष की कमी सुधारी गई है। पुराने फ्लैटों पर भी छूट मिलेगी जिससे उनकी खरीद बढ़ने की संभावना है।

आशुतोष मिश्र, जागरण, कानपुर। जिले के नए सर्किल रेट राहत की कुछ आंकडेबाजी की गई है, लेकिन हकीकत में आशियाना महंगा हो गया है। फ्लैटों पर साझा सुविधा शुल्क खत्म कर राहत की बात कही जा रही है। हालांकि यह घाटा पूरा करने के लिए फ्लैटों की निर्माण लागत में 38 से 42 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी कर दी गई है। दो हजार तक के बड़े भूखंड पर छूट देकर पिछले वर्ष की कमी सुधारी गई है लेकिन राहत का दावा किया जा रहा है।
नई सर्किल रेट सूची में फ्लैटो पर लिया जाने वाला 18 से 26 प्रतिशत तक साझा शुल्क खत्म कर दिया है। कहा जा रहा है कि इससे फ्लैट खरीदने वालों को राहत मिलेगी। अभी तक फ्लैटों की दर जमीन की कीमत, निर्माण शुल्क और साझा सुविधा शुल्क जोड़कर तय होती थी।अब जमीन की दर और निर्माण लागत जोड़कर तय की जाएगी। निर्माण लागत 38 से 42 प्रतिशत तक बढ़ाई गई है।स्वरूप नगर में फ्लैट की निर्माण लागत 40 प्रतिशत बढ़ाई गई है। ,
सीधी सी बात है कि फ्लैट खरीदने वाले को भले ही साझा सुविधा शुल्क न देना पड़े लेकिन बढ़ी हुई निर्माण लागत देनी होगी। इस तरह उसे इस छूट का कोई खास फायदा नहीं होगा।फ्लैट और महंगा ही मिलेगा। दावा किया गया है कि 1000 से 2000 वर्ग मीटर तक के प्लाट पर सर्किल रेट में 20 प्रतिशत की छूट मिलेगी। प्रदेश के कई जिलों में यह छूट पहले से ही मिल रही थी।
जिले में यह छूट नहीं दी जा रही थी। 2000 से 3000 वर्गमीटर तक के प्लाट पर 25 प्रतिशत तक की छूट और 3000 वर्गमीटर से ऊपर प्लाट पर 30 प्रतिशत की छूट पहले की तरह ही दी गई है। खेती की जमीन खरीदने पर आवासीय दर समाप्त उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में की गई है। उच्च न्यायालय का कहना था कि खेती की जमीन पर आवासीय दर नहीं ली जा सकती है।
अब नगरीय और अर्द्ध नगरीय क्षेत्र में 0.102 हेक्टेयर तक खेती के दर का तीन गुना और 0.102 हेक्टेयर से 0.205 हेक्टेयर तक खेती की जमीन की खरीद पर वर्गमीटर प्रणाली के स्थान पर खेती के दाम का दो गुणा लिया जाएगा। बात साफ है कि आवासीय दर खेती की जमीन पर भले ही नहीं लगाई, लेकिन दर में फिर भी बढ़ोत्तरी की गई है।
चौबेपुर को नहीं माना इंडस्ट्रियल एरिया
बिल्हौर तहसील के चौबेपुर के 20 गांवों में कई फैक्ट्रियां लगी हैं, लेकिन अधिसूचित न होने का तर्क देते हुए इस क्षेत्र को इंडस्ट्रियल एरिया नहीं माना गया है। पिछले वर्ष की सूची में यह बदलाव किया गया था। बाद में आई आपत्तियों पर इसमें सुधार का आश्वासन दिया गया था, लेक्न अब इसे ज्यों की त्यों रखा गया है। हालांकि एक सितंबर 2024 तक यह इंडस्ट्रियल एरिया माना जाता था। अब गौर करिए इंडस्ट्रियल एरिया में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जमीन की कीमत कम होती है।
अधिवक्ता विवेक गुप्ता के मुताबिक चौबेपुर के इंडस्ट्रियल एरिया में लगभग चार हजार वर्ग मीटर जमीन की दर है। इसे आवासीय मानते हुए लगभग 20 हजार वर्ग मीटर की दर कर दी गई है। इसके साथ ही 40 प्रतिशत छूट की बात कही गई है। इस तरह यहां की जमीन पर छूट मिलने के बाद भी करीब 12 हजार वर्ग मीटर रेट हो गए हैं। एआइजी स्टांप श्याम सिंह विसेन का कहना है कि अधिसूचित होने पर ही किसी क्षेत्र को इंडस्ट्रियल एरिया माना जा सकता है।
दादानगर, फजलगंज और पनकी का औद्योगिक क्षेत्र अधिसूचित है। इसलिए वहां पर इंडस्ट्रियल एरिया के हिसाब से ही रेट है। अधिवक्ताओं का कहना है कि लखनऊ में वेयर हाउस को इंडस्ट्रियल माना गया है और यहां पर व्यावसायिक मानते हुए छूट का दावा किया गया है। इस पर एआइजी स्टांप का कहना है कि वेयर हाउस को व्यावसायिक ही माना जाएगा।
पुराने फ्लैट होंगे सस्ते
अभी तक पुराने फ्लैटों पर नए फ्लैट की तरह सर्किल रेट लिया जाता था। इससे पुराने फ्लैटों की बिक्री पर असर पड़ रहा था। नए रेट पर पुराने फ्लैट लेकर लोगों को मरम्मत पर अलग से खर्च करना पड़ता था। इससे अतिरिक्त बोझ उठाना होता था। अब 20 साल से ज्यादा पुराने फ्लैट की खरीद पर छूट मिलेगी। मान लीजिए कोई भी 25 या 30 साल पुराना फ्लैट ले रहा तो 25 साल पुराने पर 25 और 30 साल पुराने फ्लैट पर सर्किल रेट में 30 प्रतिशत छूट मिलेगी। माना जा रहा है कि इससे पुराने फ्लैट की खरीद फिर से बढ़ेगा।
ये और राहत दी गईं
होटल, लाज, रेस्टोरेंट, नर्सिंग होम, हास्पिटल, डाइग्नोस्टिक सेंटर, व्यायामशाला, प्राइवेट क्लीनिक, पेट्रोल पंप, सिनेमा हाल, बैंक्वेट हाल, क्लब, कोचिंग सेंटर, धर्मकांटा, मोटर वर्कशाप की जमीन के खरीद पर 15 प्रतिशत की छूट मिलेगी। गोदाम, वेयर हाउस, कम्युनिटी सेंटर, ढाबे के लिए जमीन की खरीद पर 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 1000 वर्गमीटर से ज्यादा की औद्योगिक जमीन की खरीद पर 40 प्रतिशत की छूट होगी। बहुमंजिले भवन में दुकान की खरीद पर दुकान के दाम में 26 प्रतिशत सुविधा शुल्क से मुक्ति मिलेगी।
आरसीसी व आरबीसी छत की दुकान से अलग टिनशेड गाटर पटिया से बनी दुकान खरीदने पर दुकान के निर्माण की कीमत में 25 प्रतिशत की कमी की जाएगी। बहुमंजिले इमारत में दुकान खरीदने पर बेसमेंट की दुकान के लिए 10 प्रतिशत की कमी की जाएगी। दूसरे व तीसरे तल की दुकान के लिए 10 प्रतिशत, चौथे व पांचवें तल की दुकान के लिए 15 प्रतिशत की छूट मिलेगी। छह तल से अधिक की दुकान पर 20 प्रतिशत की कमी की जाएगी।
आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही नए सर्किल रेट तय कर लागू किए गए हैं। ज्यादा से ज्यादा राहत देने का प्रयास किया गया है। सर्किल रेट में औसतन 29.52 की बढ़ोत्तरी हुई है। बाजारू और सर्किल रेट में समानता लाई गई है। इसलिए कुछ क्षेत्र के सर्किल रेट ज्यादा बढ़ाए गए हैं।
-डा. विवेक चतुर्वेदी, एडीएम वित्त
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